अनुवाद: डॉ. पारुल आर. खांट
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'सर, मैनें आपको पहले से ही कह दिया था कि आज शाम मुझे एक इवेन्ट में उपस्थित रहना है |'
नम्बर वन हीरोइन शैली सागर प्रसिध्ध डाइरेक्टर शेखर मल्होत्रा से कह रही थी | शेखर मल्होत्रा की इस फिल्म में वह दिलनवाझ के साथ रोल कर रही थी | दिलनवाझ की वजह से उसे कई घंटों तक बैठना पड़ता था | अभी भी दिलनवाझ की वजह से उसका वक्त बरबाद हो रहा था | वह नम्बर वन हीरोइन थी और एक फिल्म के लिए बारह करोड़ रुपये लेती थी, लेकिन दिलनवाझ उसे टेकन फॉर ग्रांटेड ले रहा था | शैली नवोदित थी तब दिलनवाझ ने उसे फिल्म दिलाई थी और बाद में भी हीरोइन के रूप में एस्टाब्लिश होने में मदद की थी | हालांकि उसके बदले में दिलनवाझ ने उसके साथ सेक्स्युअल रिलेशन्स रखे थे | शैली को पहले तो ऐसा ही लगता था कि दिलनवाझ उसके प्रेम में पड़ गया है, लेकिन थोड़े ही समय में उसका भ्रम टूट गया था कि दिलनवाझ कभी भी किसी को सच्चा प्यार नहीं कर सकता | वह वुमनाइझर था | सिर्फ वुमनाइझर ही नहीं, सेक्स एडिक्ट था | शैली किसी फिल्म के सेट पर शूटिंग कर रही हो तब दिलनवाझ को सेक्स की इच्छा हो तो वह शैली को सेट पर से सबके सामने अपनी या उसकी वेनिटी वेन में ले जाता था | उस वक्त शूटिंग के बीच आधा घंटा या उससे भी ज्यादा गॅप आ जाता था! शैली उस वक्त भयंकर एम्बेरेसिंग स्थिति में आ जाती थी | उसे लगता था की वेनिटी वेन के ओपेक ग्लासिस और पर्दे को बींधकर सेट पर उपस्थित स्पॉट बॉय से लेकर डाइरेक्टर तक के सभी लोग उसे दिलनवाझ के साथ नग्न अवस्था में देख रहे हैं, लेकिन उसे बॉलीवुड में हीरोइन के रूप में सफलता प्राप्त करनी थी इसलिए सब कुछ सह रही थी |
हालांकि शैली की थोड़ी फिल्में सफल हुई और उसका स्थान बॉलीवुड में मजबूत हो गया फिर वह दिलनवाझ के साथ दूरी रखने लगी थी | एक दिन दिलनवाझ ने उसे 'प्लेटिनम प्लाझा' हॉटल में रात बिताने के लिए कॉल किया तब शैली ने साफ शब्दों में इंकार कर दिया था | उसने कहा था कि हमारे ऐसे सम्बन्ध का अंत आ गया है | अब हमारे बीच सिर्फ प्रोफेशनल रिलेशन्स ही रहेंगे | उसके ये शब्दों को सुनकर दिलनवाझ का दिमाग फट गया था | उसने शैली को कई सारी गालियाँ सुना दी | सामने शैली ने भी उसे गालियाँ सुनाई थी | दिलनवाझ ने कहा कि तुमने मेरा ईस्तेमाल करके मुझे छोड़ दिया है, मैं तुम्हें कभी माफ नहीं करुँगा | शैली ने उसे मुँहतोड़ जवाब दिया कि मैंने तुम्हारा ईस्तेमाल नहीं किया, तुमने मेरा ईस्तेमाल किया है! मैं तुम्हें माफ़ नहीं करुँगी | लंबे झगड़े के बाद शैली ने कॉल डिसकनेक्ट कर दिया | हालांकि उस वक्त दोनों की चार फिल्में अंडर प्रोडक्शन थी इसलिए मजबूरन दोनों को साथ काम करना पड़ता था | दोनों साथ में आधी फिल्में पूरी कर रहे थे, लेकिन सेट पर दोनों के बीच अन-बन हो ही जाती थी | कभी किसी पार्टी में मिल जाते तो वहाँ पर भी दिलनवाझ शैली को नीचा दिखाने की कोशिश करता रहता था और सामने शैली भी उसे उसकी ही भाषा में जवाब देती थी | नौकझोंक के बाद दोनों के बीच मामला शांत हो गया था | लेकिन दोनों के मन में ये बात घर कर गई थी कि सामने वाली व्यक्ति ने उसका ईस्तेमाल किया!
अभी दिलनवाझ उसकी वेनिटी वेन में घुसकर बैठा था इसलिए वक्त बरबाद हो रहा था | वक्त गुजर रहा था वैसे शैली व्याकुल हो रही थी |
शेखर मल्होत्रा स्वयं भी बैचेन था | वह सेन्सिबल डाइरेक्टर था | उसे स्टार्स के साथ काम करने की आदत नहीं थी, लेकिन पहली बार वह दिलनवाझ और शैली जैसे टोच के स्टार्स के साथ फिल्म बना रहा था | इस फिल्म को बनाते-बनाते वह थक गया था | वह जैसे भी हो जल्द से जल्द इस फिल्म को पूरा करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन दिलनवाझ की वजह से उसकी फिल्म का शेड्यूल ठीक से आगे नही बढ़ रहा था |
शेखर ने अपने एक आसिस्टन्ट डाइरेक्टर को कहा, 'दिलनवाझ सर को बुलाओ |’
'पर सर.....' आसिस्टन्ट डाइरेक्टर कहना चाहता था कि वो ओलरेडी दो बार उसको बुलाने जा चुका है | लेकिन शेखर ने उसे आगे बोलने का चान्स दिए बिना कहा, 'जाओ और बोलो की शॉट रेडी है |'
आसिस्टन्ट डाइरेक्टर हिचकिचाते हुए दिलनवाझ की वेनिटी वेन की ओर गया |
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'सर,शॉट इझ रेडी | ' शेखर के आसिस्टन्ट डाइरेक्टर ने वेनिटी वेन का दरवाजा खोलकर डरते-डरते तीसरी बार दिलनवाझ को कहा |
‘डिडंट आई टेल यु धेट डोन्ट डिस्टर्ब मी फॉर सम टाइम? डोन्ट कम अगेन |' दिलनवाझ ने उसके सामने देखे बिना ही कहा | उसका ध्यान मोबाइल में था |
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'सर, आई हेव टू लिव एट 7:30 | आई होप यु अंडरस्टेंड माय सिच्युएशन |' शैली डाइरेक्टर शेखर मल्होत्रा से कह रही थी |
शेखर का चेहरा तंग हो गया | दिलनवाझ के टेंट्रम से वह थक गया था, लेकिन फिल्म 70 प्रतिशत शूट हो गयी थी इसलिए वो फंस गया था |
लेकिन अभी उसका धैर्य टूट रहा था | उसने शैली को कहा, 'यु केन गो एट 7:30 |'
शैली को लगा कि शेखर उस पर नाराज हुआ है तो वह स्पष्टता करने लगी कि, 'मुझे रियली जाना ही पड़ेगा एल्स यु नो सर कि मैं पूरी रात तक शूट चल रहा हो तो भी कभी रिकवेस्ट नहीं करती कि मुझे जाने दो |'
'आई नो | अभी दिलनवाझ की वजह से देर हो तो आप निकल जाना |' शेखर मल्होत्रा ने कहा |
शेखर मल्होत्रा ने अपने मन में कुछ तय कर लिया था |
……
'हाई स्वीटी ! मिस यु |'
मयूरी के मोबाइल पर दिलनवाझ का वॉट्स एप मेसेज आया |
मयूरी को समझ नहीं आया कि क्या जवाब दे | सोचकर जवाब दिया, 'हाय सर' |
'नो 'सर ! कॉल मी दिलनवाझ ! डु यु फरगेट वॉट आई टोल्ड यु?' तुरंत ही दिलनवाझ का मेसेज आया |
'सॉरी सर !'
'अगेन 'सर'? आई थिंक आई हेव टु मेक यु मोर कम्फर्टेबल ! लेट्स मीट फॉर डिनर टुनाइट |'
मयूरी तुरंत जवान नहीं दे पाई | डिनर के बाद क्या होगा उसका अंदाजा अब उसे हो गया था | लेकिन दिलनवाझ को अवॉइड करने से फिल्म गँवाने की नोबत थी | दूसरी ओर उसे ऐसा भी लगता था कि शायद दिलनवाझ को सच में उसके साथ प्रेम हो गया हो! उसने सोचा कि कल रात दिलनवाझ ने उसे कई बार 'आई लव यु' कहा था | उसने अपना पर्सनल मोबाइल नम्बर भी दिया था |
कई बार मनुष्य जब अनचाहे संयोग में होता है तब विशफुल थिंकिग करता है | मयूरी ने कास्टिंग काउच के बारे में सुना था, लेकिन दिलनवाझ की इमेज इस तरह बिगड़ी हुई नहीं थी | उसने कई एक्टर्स और डाइरेक्टर एवं प्रोड्यूसर के बारे में बूरी कमेंट्स सुनी थी, लेकिन दिलनवाझ के बारे में किसीने उसे कुछ कहा नहीं था | मीडिया में भी दिलनवाझ के बारे में इस तरह की बातें सुनी या पढ़ी नहीं थी | लेकिन उस रात पहली ही मुलाकात में वह उसे बेड पर ले गया था यह भी वास्तविकता थी! इसी दुविधा की वजह से वह तय नहीं कर पाई थी कि दिलनवाझ के साथ बिताई रात की बात बड़ी बहन मोहिनी को कहे या नहीं | मयूरी अपनी बड़ी बहन मोहिनी के साथ सारी बातें शेर करती थी, लेकिन वह जीवन में पहली बार दुविधा में पड़ गयी थी | अभी भी वह दुविधा में थी | वह सोच रही थी कि क्या जवाब दूं | इतने में दिलनवाझ का दोबारा मेसेज आया | इस बार उसने सिर्फ कवेश्चन मार्क भेजे थे |
मयूरी ने सोचा कि जो होना था वो तो हो गया | अब पीछे हटकर हाथ आया मौका गँवाने का कोई अर्थ नहीं है | उसने रिप्लाइ किया, 'श्योर सर |'
'नो 'सर' ! दिलनवाझ !' दिलनवाझ का मेसेज आया | मयूरी ने जवाब में स्माइली भेजी |
दिलनवाझ मयूरी के साथ चैट करता रहा फिर उसने मेसेज भेजा, 'ओके डन | 9 पी.एम. एट प्लेटिनम प्लाझा | बाय स्वीटी | लव यु |'
मयूरी के साथ चैट पूरा करके दिलनवाझ सेट पर जाने के लिए वेनिटी वेन में से बाहर निकला तब 7:45 बजे थे और शैली सागर 7:३० बजे सेट पर से निकल चुकी थी |
शेखर मल्होत्रा ने भी पॅक अप का ऑर्डर दे दिया था |
दिलनवाझ को शैली सागर और शेखर मल्होत्रा दोनों पर गुस्सा आ रहा था, लेकिन इस वक्त वह चूप हो गया | उन दोनों की करियर बर्बाद कर देने का खुन्नस उसके मन में सवार हो चुका था | हालांकि अभी वह मूड बिगाड़ना नहीं चाहता था इसलिए शांत रहा | वह सेट से निकल गया | कार में बैठकर तुरंत ही मोबाइल फोन से मयूरी को मेसेज भेजा: 'आई एम फ्री नाउ | रीचिंग 'प्लेटिनम प्लाझा' विधीन हाफ एन अवर | रिच बाय धेट टाइम | इगरली वेटिंग टु मीट यु स्वीटी!'
'यस सर | आई एम रीचिंग |' तुरंत ही मयूरी का जवाब आया |
'नो 'सर' ! से दिलनवाझ ओनली!' दिलनवाझ ने दो सेकेंड में ही रिप्लाइ भेज दिया | उसके चेहरे पर स्मित था |
दिलनवाझ का मेसेज पढ़कर मयूरी के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई |
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'भाई, हार्टी कोन्ग्रेच्युलेशन्स |' बांद्रा का एम. एल. ए. इश्तियाक अहमद दिलनवाझ को फोन पर कह रहा था | दिलनवाझ को रुलिन्ग पार्टी ने नॉर्थ-सेन्ट्रल बम्बई लोकसभा सीट की टिकट दी थी यह न्यूज़ मीडिया में प्रसारित हो इससे पहले इश्तियाक तक पहुंच गये थे |
'थेंक्यु, इश्तियाक | मैंने तुम्हारा नाम सजेस्ट किया था, लेकिन चीफ मिनिस्टर ने कहा कि पार्टी को अभी विधानसभा में इश्तियाक की ज़रूरत है |' दिलनवाझ ने कहा |
'अरे भाई हम दोनों एक ही है | आपको टिकट मिली अर्थात मुझे ही मिली ऐसा समझो | मैं आपके लिए इलेक्शन में पूरा झोर लगा दूंगा |'
'तुम मेरे दोस्त नहीं, भाई हो, इश्तियाक!' दिलनवाझ इमोशनल हो गया |
दिलनवाझ के साथ बात करके कॉल डिस्कनेक्ट करते हुए इश्तियाक बोला, ‘तुम्हें जिताने के लिए नहीं लेकिन खत्म करने के लिए मेरी सारी ताकत लगा दूंगा |, बास्टर्ड दिलनवाझ!'
इश्तियाक ये शब्द बोल रहा था तभी उसके पी. ए. आफताब ने उसकी चेम्बर में प्रवेश किया | अपसेट और नर्वस इश्तियाक का ध्यान नहीं गया कि आफताब ने उसके शब्दों को सुन लिया है |
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