Wo Koun ? - 1 in Hindi Detective stories by Uma Vaishnav books and stories PDF | वो कौन?? भाग - 1

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वो कौन?? भाग - 1

वो हैं कौन??


14 फरवरी,

मोबाइल की रिंग ट्यून बजती हैं

गुप्त..गुप्त...गुप्त... 🎶🎶🎶..

रिंग सुनते ही प्रशांत की आँख खुलती हैं, प्रशांत आँखे मशलता हुआ... मोबाइल में नंबर देख..... कॉल उठाता है..

प्रशांत.... बोलो निधि,.. किस का मर्डर हुआ है, कहाँ पहुँचना है???

निधि... अरे... बिना कुछ कहे.. ही.. पूछ रहे हैं, किसका मर्डर हुआ??... 🙄

प्रशांत :- अब इतनी सुबह.. तुम मुझे वेलेंटाइन डे विश करने के लिए तो कॉल करोगी नहीं.. 😉

कहानी को आगे बढ़ाने से पहले हम आपको बता दें कि निधि और प्रशंसा एक साथ एक डिटेएक्टिव ऑफिस में काम करते हैं, और दिल ही. दिल में एक दूसरे को चाहते हैं, किन्तु एक दूसरे के सामने स्वीकार नही करते हैं।

प्रशांत :- अच्छा बोलो क्या हुआ है?

निधि:- आप तुरंत ऑफिस पहुंचे। एक बहुत ही अजीब केस आया।

प्रशांत :- ओके,.. मैं अभी आधे घंटे में पहुंचता हूँ।

प्रशांत समय का बहुत पका था। वो ठीक है आधे घंटे बाद अपने ऑफिस पहुँच जाता है। किंतु निधि हमेशा देर से पहुँचती है। आज भी वो देर से पहुंचती है।
प्रशांत ऑफिस में निधि का इंतजार कर रहा होता है। तभी निधि ऑफिस में पहुँचती है।

निधि :- मे आई कमिंग... सर

(प्रशांत निधि का सीनियर ऑफिसर होता हैं, इसलिए निधि उसे सर ही कहती हैं।)

प्रशांत :- निधि... तुम आज फिर पूरे.. 5 मिनिट और 25 सैकंड लेट हो।

निधि :- ( मन ही मन बडबडाते हुए)... एक.. एक.. सैकेंड की गिनती करता है.. इंसान हैं.. या मशीन......हिटलर।

प्रशांत :- कुछ.. कहा.. तुमने..??

निधि :- कुछ नहीं.. आ... आआ.. आई एम सॉरी सर।

प्रशांत :- ओके.. अब काम की बात... कैस की फ़ाइल कहाँ हैं??

निधि प्रशांत को फ़ाइल देते हुए कहती हैं।

निधि :- यह रही.. सर।.. ये केस एक सर फिरे आशिक का लगता है... सर
और निधि प्रशांत को पूरा केस बताती हैं

शालिनी एक फूड एजेंसी में काम करती होती है,
आज से ठीक 3 महीने पहले यानी कि 3 नवंबर को उसके मोबाइल पर किसी अजनबी का कॉल आता है। वो कहता है कि वो शालिनी को बहुत चाहता है, और उसी से शादी करेगा। पहली बार तो शालिनी ने उस की बात पर ध्यान नहीं दिया। कोई सरफ़िरा समझ कर एक दो बात सुनाई और कॉल काट दिया। लेकिन वहीं कॉल उस दिन के बाद बार बार आता रहा। और सब से बड़ी हैरत की बात तो यह थी कि उस शालिनी के पल पल की खबर रहती थी। वो कब खाती है.. वो कब सोती है..... उसकी पसंद.. ना.. पसंद.. सब... हर रोज वो उसे कॉल कर के कभी उसके कपड़ों की कभी उसके खाने की... तो कभी.. ऑफिस से आने जाने के समय की बात करता हैं, पूरे तीन महीने से वो उसे इसी तरह परेशान कर रहा है अब तो हद ही हो गई। इस बार उसने साफ साफ कह दिया कि इस वेलेंटाइन डे को यदि उसके प्यार को स्वीकार नहीं किया तो वो उसे जान से मार देगा। शालिनी बहुत डरी हुई है सर....

प्रशांत... शालिनी को पुलिस.. प्रोटेक्टसन दिया गया या नहीं...??

निधि.... यस सर,... दे दिया गया है।

प्रशांत.....ओके,.... चलों शालिनी के घर.... शालिनी से कुछ पूछताछ करनी है।

इतना कह कर प्रशांत और निधि शालिनी के घर पहुंच जाते हैं। और अपना परिचय देते हुए कहते हैं...

प्रशांत.... शालिनी जी.... मैंने आपका पूरा केस स्टडी किया है, पूरे केस को पढ़े के बाद यह तो यकीन हो गया कि कॉल करने वाला जो भी हैं, वो आपका.. बहुत करीबी... में से ही कोई एक हैं।

शालिनी.... लेकिन.. कौन..???

प्रशांत... यही तो... जानना हैं शालिनी जी... इस लिये हम आपसे कुछ सवाल पूछना चाहते हैं जिसका सही सही उत्तर देना होगा आपको।

शालिनी.... जी.. पूछिये

प्रशांत... अच्छा ...शालिनी जी... ये बताये कि इस घर में आपके अलावा... और कौन.. कौन.. रहते हैं।

शालिनी... मैं अकेली ही रहती हूँ।

निधि.. आपके माता-पिता... वो कहाँ हैं

शालिनी... आज 2 साल पहले... एक कार एक्सीडेंट में दोनों चल बसे।

प्रशांत... चाचा.. चाची... मामा.. भैया.. बहन.. कोई रिश्तेदार... कोई तो होगा ना।

शालिनी..... नहीं... कोई नहीं है।

तब शालिनी की एक फ्रेंड निशा आती है।

निशा.... शालिनी.. शालिनी.. कैसी हो तुम?? क्या हुआ?? उस बदमाश का कॉल फिर से आया था क्या??...

तभी प्रशांत पूछता है..... आप कौन??

शालिनी... ये मेरी फ्रेंड निशा हैं।

प्रशांत निशा से पूछता है.... तो आप निशा हैं।आप शालिनी को कब से जानती है।

निशा.... काॅलेज से साथ हैं.. हम दोनों... पर आप कौन हों??

शालिनी... ये डीटेक्टीव.. प्रशांत.. और.. ये इनकी जूनियर..ऑफिस.. निधी

निशा... क्या.... शालिनी.. तुमने.. जासूस.. हायर किया है।

शालिनी.... हाँ,... मैं बहुत डर गई हूँ। उसने मुझे जान से मारने की धमकी दी।

प्रशांत... क्यूं.. निशा जी.... क्या आप नही चाहती कि आपकी सहेली को परेशान करने वाला पकड़ा जाये।

निशा... जी.. मैंने ऐसा कब कहा....

प्रशांत... जी कहा तो नहीं आपकी बातों से ऎसा लग रहा है।

शालिनी... प्रशांत जी निशा मेरी बहुत अच्छी फ्रेंड है मेरी दोस्त, रिश्तेदार, भाई- बहन, मां- बाप सब कुछ निशा ही है मेरी कोई भी बात निशा से छुपी नहीं...... निशा मेरी सब कुछ है। वो कभी भी मेरे लिए गलत नहीं सोचेगी।

निधि.... कभी-कभी बहुत करीबी ही धोखा दे जाते हैं।

प्रशांत... ओके... शालिनी जी... मैं आपके सालों से मिलना चाहता हूं
शालिनी अपने ऑफिस के दोस्तों को घर पर बुलाती हैं। राहुल, विनय, अविनाश, प्रीति और रश्मि यह सभी शालिनी के ऑफिस में काम करते हैं। निधी और प्रशांत सभी से पूछताछ करते हैं और उनके फोन नंबर एड्रेस नोट करते हैं।
सभी से पूछताछ करने पर कोई बात ऐसे सामने नहीं आई इससे उन पर शक किया जाए। लेकिन प्रशांत को निशा पर शक होता है। तभी दूध वाला दूध लेकर आता है। वो सीधा अंदर आकर टेबल पर दूध रख कर जाने लगता है तभी प्रशांत उसे रोक लेते हैं।
प्रशांत... तुम बिना.. नोक किये... अंदर आ जाते हो।
तभी शालिनी कहती हैं... ये तो दूधवाला हैं।
प्रशांत कहता है... शालिनी जी.... अकेले घर में रहती हैं आपको इस तरह किसी पर विश्वास नहीं करना चाहिए... चाहे वह दूध वाला हो ....या इस्त्री वाला... या कोई और।

कहानी जारी रहेगी...