मै लुट भी गया सरे बाजार तो क्या अभी तेरी मुस्कान बांकी है।
वो ले कर गया तो बहुत खुश हो रहा होगा उसे क्या मालूम मेरा सारा जहान बाकी है।।
मैं आगया हूं आप की गलियों में जरा देख कर जाना।
मैं हि हूं आपका आखिरी बहाना जरा देख कर जाना।।
जो जमीन का एक टुकड़ा भी अपने भाई को देने से कतराता है।
वो कितना मासूम है कि किसी के दिल का टुकड़ा भी मांगता है दहेज के साथ।।
मेरे साथ चलोगे तो दांत टूट कर गिर जाएगा।
हांथ लगाओगे तो चांद टूट कर गिर जाएगा।।
अब तो सपनों में भी मेरे आने लगी है।
लगता है कि मोहब्बत शायरी से गहरी हो गई है।।
आज ज़िंदगी कुछ कमाल कर रही है।
न जाने क्या क्या सवाल कर रही है।।
अभी तक जी रहा था बेफिक ज़िन्दगी।
अब हर चीज का हिसाब मांग रही है।।
चल अब जीना आसान करते हैं।
अब हम भी फिर किसी से प्यार करते हैं।।
नाम प्रदीप कुमार त्रिपाठी
वार्ड नंबर 03 ग्राम पंचायत गोपला
पोस्ट पांती
थाना तहसील हनुमाना
जिला रीवा