Social media aur darkate rishte in Hindi Moral Stories by Dr Monika Sharma books and stories PDF | सोशल मीडिया और दरकते रिश्ते

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सोशल मीडिया और दरकते रिश्ते

सोशल मीडिया और दरकते रिश्ते

सोशल मीडिया पर मौजूदगी और व्यस्तता रिश्तों से समय और संवाद ही नहीं छीन रही बल्कि आपराधिक घटनाओं का कारण भी बन रही है | वैवाहिक बंधन में दूरियाँ लाने और संदेह उपजाने की वजह साबित हो रही है | हाल ही में राजस्‍थान के आमेर में एक शख्‍स ने शक में अंधे होकर अपनी पत्‍नी की निर्ममता से जान ले ली | जाँच में सामने आया है कि मृतक पत्नी सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय थी, उसके फेसबुक के करीब 6 हजार फॉलोअर थे। वर्चुअल दुनिया की इस व्यस्तता के कारण पति, पत्‍नी के चरित्र पर संदेह करने लगा और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी | आरोपी ने माना है कि पत्नी के फेसबुक पर बड़ी संख्या में फॉलोअर थे, उसका पूरे दिन मोबाइल पर ही व्यस्त रहना, आये दिन झगड़े कारण बनता था | इसीलिए मैंने उसकी हत्या की साजिश रची।

अफ़सोस कि यह अकेला मामला नहीं है जो बताता है कि व्हाट्सऐप, फेसबुक और स्मार्ट फ़ोन का हद से ज्यादा इस्तेमाल रिश्तों में दरार पैदा कर रहा है। क्लिक भर में दुनिया से जोड़ने वाले ऐसे आभासी मंच कई लोगों का घर संसार उजाड़ रहे हैं | दिल्ली में कुछ समय पहले फेसबुक और वॉट्सऐप पर पत्नी की चैटिंग की लत से परेशान एक पति ने कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की थी । ऐसा ही एक मामला पटना में भी हुआ जिसमें पत्नी के टिक-टॉक वीडियो बनाने से परेशान पति ने महिला हेल्पलाइन से पत्नी को मोबाइल से दूर रखने की गुहार लगाई | पति ना सिर्फ ना बीबी के टिक-टॉक वीडियो बनाने के खुमार से परेशान था बल्कि उसपर आने आने वाले अश्लील कमेंट्स से भी व्यथित था | बीते दिनों इंदौर से सामने आये एक वाकये में पति की चैटिंग आदत का विरोध करने पर पत्नी से मारपीट की गई | यहाँ तक कि परेशान पत्नी ने आत्महत्या करने का भी प्रयास किया |

भावना बढ़ाती हैं | भावनात्मक रूप से एक-दूसरे पर निर्भरता कम करती हैं | जिससे दूरियां ही नहीं आतीं बल्कि आपसी समझ के मोर्चे पर भी में रिश्ते में दरार आने लगती है | एक दूसरे को नज़रंदाज़ करने का व्यवहार अपनेपन को ख़त्म करने लगता है | कभी कभी यह वर्चुअल व्यस्तता इतनी बढ़ जाती है कि साथ रहना और जीना तक मुश्किल हो जाता है | देश भर के फैमिली कोर्ट्स में आये दिन ऐसे मामले आ रहे हैं, जिनमें सोशल मीडिया की मसरूफियत पति और पत्नी के बीच तलाक का अहम कारण बन रही है। वर्चुअल प्लेटफॉर्म्स पर खोया रहना अपनों के बीच कलह की बड़ी वजह बन रहा है | कंप्यूटर्स इन ह्यूमन बिहेवियर पत्रिका के अध्ययन की मानें तो फेसबुक इस्तेमाल करने वालों की तादाद में 20 प्रतिशत के वार्षिक इजाफे के साथ तलाक दर में 2.18 से 4.32 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है | हालिया बरसों में काउंसलिंग सेंटर्स पर कई परिवार रिश्तों से जुड़ी ऐसी समस्याएँ लेकर आ रहे हैं, जो सोशल मीडिया की सनक के चलते पैदा हुई हैं | गौरतलब है कि चैंटिंग में व्यस्त रहना, ऑनलाइन गेम्स खेलना, टिक-टॉक वीडियो बनाना, हरदम अपने अजब-गज़ब चित्र साझा करते रहना, दिनचर्या से जुड़ी हर बात वाट्सएप स्टेट्स , इन्स्टाग्राम पोस्ट या फेसबुक पोस्ट्स में शेयर करना जैसी आदतों की सनक सोशल मीडिया के सकारात्मक इस्तेमाल से दूर इसे एक सनक बना रही हैं | यही पागलपन संबंधों में शक और असहजता पैदा कर रहा है | दुखद है कि सोशल मीडिया की यह घुसपैठ अपनों को जीवन से बाहर कर रही है | प्राथमिकता के मामले में रिश्तों-नातों को दोयम दर्जे पर ला रही है |

चिंतनीय पक्ष यह भी है इस आभासी दुनिया में बाकायदा फेक अकाउंट बनाकर ऐसे खेल भी रचे जाते हैं, जो घर-परिवार को दिए जाने वाला समय और स्नेह छीन लेते हैं | यही वजह है कि सोशल साइट्स पर हद से ज्यादा सक्रिय रहना पति-पत्नी के रिश्ते को तोड़ रहा है। जीवनभर के वास्तविक साथ पर दुनिया के किसी अनजाने हिस्से में बैठे अजनबी से हो रहा संवाद भारी पड़ रहा है | क्लिक भर का यह जुड़ाव शादी जैसा गठबंधन कमज़ोर कर रहा है | दम्पतियों के बीच एक दूसरे के लिए शक भी पैदा हो रहा है। अध्ययन बताते हैं कि सोशल मीडिया की बढती व्यस्तता और शादीशुदा जिन्दगी में बढ़ते असंतोष का सीधा संबंध है | स्मार्ट गैजेट्स की स्क्रीन में गुम रहने की आदत से वैवाहिक जीवन की असली खुशियाँ और गुणवत्ता घट रही है | हैरान-परेशान करने वाली बात है कि इंजीनियर, डॉक्टर जैसे उच्च शिक्षित लोगों के साथ ही सरकारी कर्मचारियों से लेकर बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में कार्यरत दंपत्तियों तक के रिश्ते सोशल मीडिया की अति सक्रियता के कारण बिगड़ रहे हैं | अपनों में ही ईर्ष्या और वैमनस्य पनप रहा है | स्मार्ट फ़ोन के संसार की व्यस्तता ने एक दूजे पर शक करने और दूरिया बढ़ने के नए रास्ते खोल दिए हैं | जिसके चलते वैवाहिक जीवन के बिखरने के भय ने डेरा डाल लिया है | हाल ही में हुए हॉटस्टार के 'आउट ऑफ लव' सर्वे के अनुसार, भारतीय शादियों में असुरक्षा की भावना बढ़ी है। सर्वे बताता है कि 45 फीसदी भारतीय गोपनीय तरीके से अपने साथी के फोन की जांच करना चाहते हैं और 55 प्रतिशत पहले ही ऐसा कर चुके हैं।

अध्ययन बताते हैं कि सोशल मीडिया की लत के शिकार लोग चिड़चिड़े, गुस्सैल और आलसी भी हो जाते हैं। उनकी निजी और सामाजिक जिंदगी इन प्लेटफॉर्म्स पर बेवजह बिताये वक़्त से प्रभावित होती है। देखने में यह भी आ रहा है कि आभासी दुनिया को लोगों ने अपनी व्यक्तिगत परेशानियां साझा करने का माध्यम बना लिया है | जबकि असली रिश्तों की जगह वर्चुअल दुनिया के अनजाने चेहरे नहीं ले सकते | अफ़सोस कि इन प्लेटफॉर्म्स पर बीत रहा वक्त मन जीवन में ही नहीं करीबी सम्बन्धों में भी खालीपन भर रहा है | जिसके चलते रिश्तों में बढ़ता असंतोष सोशल मीडिया जनित अपराध भी बढ़ा रहा है | इतना ही नहीं घर- परिवार तोड़ने वाली यह अति- सक्रियता कई बार ब्लेकमेलिंग, अश्लील कंटेंट शेयरिंग, पैसे की ठगी, विवाहेत्तर सम्बन्ध और तस्वीरों से छेड़छाड़ के साथ ही कई दूसरे प्रलोभनों में फंसने के कुचक्र तक भी ले जाती है | ऑनलाइन दुर्व्यवहार और मानसिक प्रताड़ना का शिकार बनाती है | ऐसे में जरूरी है कि महिलाएं हो या पुरुष, सभी को इन माध्यमों का सकारात्मक और संतुलित इस्तेमाल करना सीखना होगा | वर्चुअल प्लेटफॉर्म्स पर मौजूदगी को अनुशासन और आत्मनियमन की सोच के साथ ना मिले तो इन्सान अपनों से ही नहीं अपने आप से भी दूर हो जाता है | ऐसे हालात कभी पारिवारिक टकराव का कारण बनते हैं तो कभी अपराध की वजह | जिंदगी में तकनीक के बढ़ते दखल के इस दौर में आवश्यक है कि असल जीवन को प्राथमिकता दी जाय | ताकि वर्चुअल व्यस्तता अपनों का समय ना छीने और आपसी संवाद में कोई कमी ना आये |

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