9. लेबोरेटरी पर एलियन टेक अटैक
कुछ महीने के बाद......
एक बार हर वक्त के जैसे ही स्कूल के बच्चे लेबोरेटरी की मुलाकात के लिए आए थे, विक्रम और मल्लिका सब बच्चों को अलग अलग चीज के बारे मे समझा रहे थे। बच्चे शांति से सुन रहे थे, लेबोरेटरी में सिर्फ मल्लिका की ही आवाज सुनाई दे रही थी। उतने में ही किसी ने लेबोरेटरी पर अटैक कर दिया, अटैक की वजह से लेबोरेटरी के कांच की दीवार में बड़ा छेद हो गया था। पूरे लेबोरेटरी के सिक्योरिटी अलार्म बजने लगे और पूरी लेबोरेटरी में भाग दौड़ मच गई। मल्लिका सब बच्चों की हिफाजत के लिए उन सब बच्चों को लेकर कोई सुरक्षित कमरे में चली गई।
कोई अंजान व्यक्ति बार बार लेबोरेटरी पर लेज़र गन से फायर कर रहा था और लेबोरेटरी की कांच की दीवार टूट टूट कर गिर रही थी। विक्रम ने सब को सावचेत कर दिया और अपनी घड़ी में कोड डाला और थोड़ी देर में उसका सूट तैयार हो गया। लेबोरेटरी के सिक्योरिटी वाले लोग और कर्मचारी जो गन चलाना जानते थे उसने लेबोरेटरी में से गन निकाल कर अपनी पोजिशन ले ली। सब उसके ऊपर गन से फायरिंग करने लगे किंतु उस व्यक्ति का सूट इतना सख्त था कि उसके ऊपर गोलियों की असर नहीं हो रही थी। उसने छुपे हुए सिक्योरिटी और कर्मचारियों पर लेज़र गन से फायर करना शुरू किया।
लेज़र गन ईतनी पावरफुल थी कि उस गन से बड़ा धमाका होता था और आसपास का विस्तार नष्ट कर देती थी। उसकी गन से कितने सारे कर्मचारियों और सिक्योरिटी वाले शिकार बन गए थे तो कितने सारे घायल हो चुके थे और वह इंसान लेबोरेटरी के बाहर से ही धमाके पर धमाका कर रहा था। उसने आधे लेबोरेटरी के कांच की दीवार तोड़ दी थीं और वह लेबोरेटरी के सब चीज वस्तुयाँ नष्ट कर रहा था। विक्रम लेबोरेटरी से बाहर वह इंसान के सामने आया, विक्रम को देखते ही उसने अपनी गन नीचे कर दी। उस इंसान ने अपने सूट में से अपने चेहरे का मास्क उतारा, उसको देखके विक्रम सोचने लगा कि इस इंसान को मैंने कहीं देखा है। विक्रम को याद आया कि इस इंसान की फोटो मेरे पापा के साथ घर पर थी।
यह इंसान और कोई नहीं मास्टर का दोस्त था और उसका नाम फरहान रीट था, वह मास्टर का करीबी दोस्त था। जब वो छब्बीस साल का था तभी उसने मास्टर के साथ ही पढाई खत्म की थी। मास्टर ने अपना खुद का लेबोरेटरी खोल दिया था और फरहान को पश्चिम भारतीय लेबोरेटरी में जाना था पर उसकी कोई बुरी करतूतों की वजह से उसको भारतीय लेबोरेटरी में काम करने के लिए मना कर दिया। उसकी वजह से फरहान के मन में भारतीय लेबोरेटरी के प्रति आग की ज्वाला भडक उठी और वह लेबोरेटरी का खून का प्यासा हो गया। एक दिन वह उस लेबोरेटरी को धूल में मिलते देखना चाहता था।
उस दिन से फरहान ने लेबोरेटरी को गिराने की बहुत कोशिश की पर वो हर बार नाकामयाब ही रहा था। एक बार उसने कहीं से एलियन टेक्नोलॉजी की लेज़र गन चुरा ली और मास्टर के पास से उसने स्टीरीयन धातु के बारे में पता कर लिया। लेकिन मास्टर को नहीं पता था कि इसकी वजह से बड़ी जंग होगी। फरहान ने एलियन टेक और मास्टर की टेक्नोलॉजी का उपयोग करके उसने एक सूट तैयार किया और अलग अलग एलियन टेक्नोलॉजी की गन बनाई। इस बार फरहान स्टीरीयन धातु का बना सूट पहन कर हाथ में एलियन टेक की गन लेकर लेबोरेटरी तक पहुंच गया था।
मल्लिका ने पुलिस में अटैक के बारे में बताया, पुलिस की बड़ी फोर्स लेबोरेटरी जाने के लिए निकल चुकी थी। फरहान ने विक्रम को फोटो में देखा था इसलिए वह पहचान गया था कि विक्रम मेरे दोस्त का बेटा है। फरहान ने विक्रम को कहा तु मेरे बीच में मत आ, तेरे साथ मेरी कोई दुश्मनी नहीं है, मेरी दुश्मनी सिर्फ ये लेबोरेटरी और उसके हेड के साथ हैं, तु बीच में से हट जा। विक्रम ने फरहान से कहा कि मैं इस लेबोरेटरी का कर्मचारी हूं और उसकी रक्षा करना मेरा फर्ज है। फरहान ने विक्रम को बहुत समझाया लेकिन विक्रम ने उसकी एक भी बात नहीं सुनी। अभी फरहान ने अपना मास्क पहन लिया और जंग दोनों के बीच छेड़ चुकी थी।
फरहान ने कुछ सोचे बिना ही विक्रम की छाती पर लेज़र गन से प्रहार किया, लेज़र गन के प्रहार से विक्रम लेबोरेटरी की कांच की दीवार तोड़कर अंदर गिरा। विक्रम ने अपने दोनों हाथों में हथियार एक्टिवेट किया, उसके एक हाथ में शिल्ड और दूसरे हाथ में कैनन गन। विक्रम ने लेबोरेटरी से बाहर निकलकर फरहान को निशाना बना के कैनन उसके ऊपर छोड़ी। कैनन ब्लास्ट होते ही फरहान जमीन पर गिर पड़ा लेकिन उसको कुछ नहीं हुआ क्योंकि उसका सूट स्टीरीयन धातु का बना था।
जब विक्रम उस पर कैनन से प्रहार करता था तभी वो जमीन पर गिर पड़ता था उसकी वजह से वो कभी पेड़ के पीछे तो कभी दीवार के पीछे छुप कर प्रहार करता था। लेकिन विक्रम छुपता नहीं था क्योंकि जब फरहान उस पर अटैक करता था तब भी वो अपनी शिल्ड से बचता था लेकिन वो प्रहार इतना पावरफुल होता था कि पैर पीछे खींचक सकते थे इसलिए प्रहार के वक्त क्रिस्टल मेन के पैर में नुकीले किल जमीन में खुच जाते थे इसलिए वह पीछे की ओर सरकता नहीं था।
उतनी देर में पुलिस आ गई थी, पुलिस ने फरहान को अपना हथियार छोड़ने को कहा लेकिन उसने पुलिस की ही गाडी को लेज़र गन की मदद से उड़ा दी। पुलिस वाले भी अभी डर रहे थे, सब छुप कर उसके ऊपर फायरिंग करने लगे किन्तु उसके ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ा। उसने एक ही धमाके में सब को उड़ा दिया, उसमें आधे मर गए और आधे घायल हो चुके थे। विक्रम और फरहान आमने सामने फायरिंग कर रहे थे, उसकी वजह से आसपास के मकान और हरे पेड़ भी जल गए थे। दोनों की लड़ाई की वजह से बहुत बड़ा नुकसान हुआ था।
विक्रम ने अपना हथियार बदल कर धनुष पसंद किया विक्रम ने तीर धनुष में चढ़ाया और फरहान को निशाना बनाया। विक्रम के हाथ में से तीर छूटा और फरहान की ओर बढने लगा, अपनी ओर तीर आते हुए देखकर फरहान हंसने लगा कि ये कैनन गन मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाया तो ये तीर मेरा क्या बिगाड़ेगा। उतने में ही तीर उसके सूट के साथ छूते हैं उसने रस्सी का रूप धारण किया और वो रस्सी ने फरहान के दोनों हाथ को जकड लिया और लेज़र गन जमीन पर गिर गई, अभी वह धातु की रस्सी को तोड़ भी नहीं सकता था।
अभी फरहान के पास भागने के अलावा कोई चारा नहीं था तो उसने अपने सूट का उड़ान मोड चालू कर दिया। उड़ान मोड़ चालू होते ही उसके पैरों के नीचे से प्रचंड ज्वाला प्रगटी और वह उडने लगा साथ में वो अपने पैरों से बैलेंस बना के उड़ने लगा। विक्रम ने फिर से धनुष में तीर चढ़ाया और फरहान की ओर छोड़ा तीर उसके पैर पर लगा और रस्सी के रूप में उसके पैर पर लपेट गई। अभी उसका उड़ने का संतुलन खो चुका था और घूमते घूमते जमीन पर गिर पड़ा उतने ही देर में उसके उड़ने की सिस्टम खराब हो गई और उसमें से धुआं निकलने लगा।
विक्रम ने अपने हथियार समेट लिए और उसके पास गया उतनी देर में उदय इंस्ट्रूमेंट की किट लेकर आया और उसका सूट ऑफ कर दिया। विक्रम ने उसके सूट पर बंधी हुई रस्सी को छुआ, रस्सी को छुते ही उसके क्रिस्टल सूट के साथ जुड गए। अभी सूट को तो ऑफ कर दिया था लेकिन अभी उसको सूट से बाहर कैसे निकालें? क्योंकि फरहान गिरने की वजह से बेहोश हो गया था और सूट को अंदर से ही खोला जा सकता था। विक्रम ने थोड़ी देर सोच कर अपनी घड़ी में कोड डाला और उसके हाथ में ग्राइंडर ब्लेड थी, ग्राइंडर ब्लेड की मदद से विक्रम ने उसका पूरा सूट काट कर उसको बाहर निकाला और हथकडिया पहना के पुलिस के हवाले कर दिया। फरहान का सूट और एलियन टेक गन को लेबोरेटरी में संशोधन विभाग में रख दिया।
लेबोरेटरी में घायल हुए लोगों को अस्पताल में खसेडा गया और मरे हुए लोगों का अंतिम संस्कार किया और लेबोरेटरी के जो हिस्से टूट गए थे उसका रिपेयरिंग काम चालू करवा दिया। एक दो हफ्ते में जो पहले थी ऐसी ही लेबोरेटरी वापस हो चुकी थी और उस फरहान को कारावास की सजा सुनाई गई।