॥धूणी॥
कोई प्रेम-कहानी होगी किसी लड़की की, जिसका नाम धुणी होगा या शायद कोई लड़का है जिसको किसी लड़की की धून लग गयी है यह समज आए हो तो यही रूक जाना, आगे पढ्ना ही मत बोहोत फिलोसोफ़िकल बात लिखी हुई है क्यूकी यहा बात होने वाली है ज़िंदगी की धूणी की, कुछ बाते है जो मुजे खुद को केहनी है ओर आप से बाटनी है, बाईस साल की एक आम सी लड़की हु जिसे थोड़ा खास बनना है लेकिन अभी तक ग्रेजुएशन की डिग्री लेने मे नकामियाब रही हू !
गुजराती मे एक भजन है, यू ट्यूब पे देखोगे तो मिल जाएगा
“धूणी रे धखावी बेली अमे तारा नामनी”
तो सवाल है धूणी मतलब क्या ? सामान्य तौर मे जुनून या पेशन जेसे लफ्जो से इसे नवाजा जाता है ! सुनिए! घबराये मत, कोई मोटिवेशनल स्पीच देने नहीं जा रही ,हलाकी ये बात सच है के मैंने खुद काफी मोटिवेशनल स्पीच देखि है ओर पढ़ी भी है सोडा बोतल जेसी रेहती है सब की सब, गॅस खतम होते ही इततु पित्तू जिन पतुता (सोनपरी) कर गायब हो जाती है तो क्या कोई फिक्स उपाय नहीं ? शायद नहीं लेकिन आज तक जीतने भी सफल लोगो को देखा है रुको अब सवाल ये है के हम सफलता किसे कहेंगे उन्हे जिनके पास बोहोत पेसे है या फिर जिनके पास नेम-फेम है या फिर जिनहे रात को चेन की नींद आ जाती है! किसी के लिए पास हो जाना सफलता है तो किसी के लिए रेंक लाना , किसी के लिए शादी हो जाना सफलता है तो किसी के लिए नोकरी लग जाना, कोई है कही पे जो खुद की शादी से भाग जाना चाहता है तो कोई 9 से 6 घंटे की नोकरी से ऊब गया है तो भाई ये सफलता है किस चिड़िया का नाम !
अगेन मुजे नही पता !
ओर सच बताऊ एक बार ये धुणी मिल जाए न बाद मे इन सारी बेतुकी बातों से फर्क ही नहीं पड़ता ! क्यूकी जब सफर मजिल से खूबसूरत हो तो मंजिल की चाह नही रहती ओर सच बताऊ ये ना मंजिल नाम की कोई चीज़ ही नहीं है इस दुनिया मे सब ना गुमराह करने की बाते है ! ज़िंदगी जिये जाने की इरादे है वो छोटे बच्चे को केसे फुसलाते है बस वेसे ही ये मन को फुसलाने के तरीके है एक्जाम्पल दु ? क्या फर्क पड़ेगा फिर भी चलो पढ़ेगा इंडिया तभी बढ़ेगा इंडिया लेकिन इसी इंडिया मे अगर 25 के हो गए फिर भी पढ़ रहे हो तो कितना पढ्ना है पढ़ाई-वढाइ तो होती रहेगी शादी करलों उम्र निकल जाएगी तो कोई मिलेगा नहीं , अरे लेकिन उसके लिए तो नोकरी चाहिए हा अगर लड़की हो तो नोकरी के साथ घर के सारे काम भी आने चाहिए वेसे तो लड़का-लड़की एक समान जानते है इसीलिए तो लड़की को पढ़ा-लिखा के अपने पेरो पे खड़ा किया है हा जो थोड़ी बोहोत जो पढ़ाई बाकी है शादी के बाद कर लेगी अरे लेकिन घर संभाल न तो उसकी ज़िम्मेदारी है ना अछि – ख़ासी नोकरी छोड़ देगी ये तो बात हुई लड़की, पीरियड्स(ये क्या लिख दिया) के साथ ये भी कुछ चिजे है जो जेलनी ही पड़ेगी लेकिन लड़को के मज़े है , अगर आपको एसा लगता है तो बेटा तुम गलत हो तुम तो लड़के तुम रो भी नहीं सकते चाहे कोई लड़की छोड़ के गयी हो या फिर माँ तुम नहीं रो सकते , तुम तो घर के कुलदीपक हो तुम ही घर को जलाओगे मेरा मतलब रोशन करोगे तुम नहीं पढ़ोगे तो शादी केसे करोगे कमाना तुम्हें ही पडेगा ओर हा करियर तेय करने मे जादा समयतो तुम ले नहीं सकते ! शादी करके तुम्हें भी तो घर को कुलदीपक देना है !
कितना कचरा है दिमाग मे, आपके नहीं ,लोगो के! लेकिन लोगो मे तो आप भी आते हो ! छोड़ो ,एक बात बोलू सचीवाली हमारी जो जनरेशन है न! अरे हम मतलब नब्बे के बच्चे खास तौर से आफ्टर 95 बट नियर 2000 की वो इस सदी के सबसे कन्फ्युज जनरेशन के बचो मे से एक है क्यूंकी हम मोबाइल के साथ पेदा नहीं हुये लेकिन मोबाइल के साथ बढ़े जरूर है जेसे हमारी उम्र बढ़ी मोबाइल स्मार्ट हुए है हमारे पास सभी चीज़ का पत्ता है सिवाय खुदके , हमे सब कर लेना है बिना कुछ करे, सब्र तो करना सीखा ही नहीं ,सारी दुनिया का पता है पर खुद के घरका नहीं ! हम निर्णय लेने से डरते है चाहते है कोई और हमारी ओर से निर्णय ले ,लेकिन वो कोई ओर कोण होगा ये निर्णय ब खुद ही लेना पड़ेगा क्यूकी उसका जो नतीजा आएगा वो हम किसी और पे थोप नहीं सकते के पापा ने कहा था या मेरी मर्ज़ी के खिलाफ ये हुआ था ! बनना तो सबसे युनीक है पर चाहिए भी कोई हम जेसा हो ओर सबसे अजीब बात है के हमने ज़िंदगी जीना बॉलीवूड से सीखा है, जो आधा सच है ज़िंदगी न मिलेजीआई दुबारा हमारा मूलमंत्र है ! हम लोगो को सब चाहिए हम अच्छा गा लेते है तो सिंगर बनना है लेकिन पढ़ाई मे अच्छे है तो डॉक्टर भी बनना है ! हम कर भी सब ले लेकिन जब गा रहे होंगे तब डिग्री की चिंता होंगी ओर जब पढ़ रहे होंगे तब फॉलो योर पेशन के नारे गाएँगे , हा हम है 90 के बच्चे! जो फोन की स्क्रीन की जूठी दुनिया मे जीते है प्यार चाहिए लेकिन शादी से डरते है, दुनीया घूमनी है पेसे भी कमाने है लेकिन किसी भी जगह पे टिकनेसे डरते है ! ये ही तकलीफ है हमारी के हम टिकते नहीं हमारा दिमाग बोहोत फ़िकल करता है मतलब चंचल मन है ! जो काही टिकता नहीं, क्यूकी जहा पेसे है वह मज़ा नहीं जहा मज़ा है वह पेसे नहीं जहा दोनों है वह सुकून नहीं !
मंजिल की तलब होती है घर से निकाल भी जाते है लेकिन उस चक्कर मे न हम रास्ते के खूबसूरत लम्हे नहीं जीते ओर मंजिल तो असल मे मृगजल समान है ! क्यू ? आप मुझे बताओ मंजिल किसे कहोगे दस्वी को ? बारवी को ? ग्रज्युयशन की डिग्री को ? या बड़ी सी कंपनी मे लगी जॉब को ? हलाकी तब तो आपको अपना स्टार्ट अप करना है या फिर डांसिंग मे लाइफ बनानी है, संगीत मे जीवन ढूँढना है , आपको उड़ना है ,दोदना है गिरना है लेकिन रुकना नहीं लेकिन रुकोगे नहीं तो, तो रास्ते मे आने वाले खूबसूरत लम्हे केसे देखोगे केसे जियोगे ! ज़िंदगी मे कुछ न कुछ तो छूटेगा ही ! जब आप अपने पेशन को फॉलो करोगे तो उसमे शुरू मे पेसा नही होगा तो खुद को कोसोगे के अच्छी ख़ासी जॉब छोड़ दी ! ज़िंदगी मे क्या करना है पेशन केसे ढूँढना है किसी को नहीं पता होता ! ढूँढना पड़ता है धुणी जलानी पड़ती है लेकिन ध्यान भी रखना पड़ता है के कही उस धुणी मे हम न जल उठे !
सुकूनकी तलाश मे न हमपे बेढंग सा जुनून सवार हो जाता है लेकिन क्या करना है ये तो हमने कब है जाना बस किसी ओर की ज़िंदगी को देखके हमे है रोना ओर तुम ज़िंदगी मे कुछ भी कर लो कोई होगा जो हमेशा तुमसे आगे होगा तो उसे देखके रोना ,कभी नहीं रोना क्यूकी वहा थोड़े नीचे भी कोई है जिससे तुम अच्छे हो जिससे अच्छा तुम कर रहे हो या फिर तुम जो कर रहे हो वो करना भी जिसे तुम जी रहे हो उसके लिए सिर्फ एक सपना मात्र है! अब सोग मनाओ या फिर खुश रहो आपके हाथ मे है, वो गाना है ना थोड़ा पुराना है के ‘बर्बादीयों का सोग मनाना फिजूल था , मे बर्बादीयों का जश्न मनाता चला गया !
बर्बादीया , जो चाहे वो न मिले तो बर्बाद? कभी कोई चीज़ मिल भी जाए तो आबादवाली फीलिंग नहीं आती ऊपर से कोई ओर चीज़ पाने की तलब बढ़ा देती है,कमाई भले ही पाँच हज़ार हो या पचास हज़ार महीने का या दिन का सुकून तो मनके बस्ते मे बस्ता है ज़िंदगी मे कुछ पा ने का जुनून ‘मत’ रखो ये मे नही कह रही तुजे लेकिन तू उस उस जुनून मे खुद को खो रही है! तू आनेवाले कल की तलब मे आज की मिठास खो रही है कोई भी चीज़ नई हो तब तक तुजे सुहानी लगेगी जेसे ही थोड़ी पुरानी होगी तो नए का नशा खतम होगा तब तुझे वो अपनी पुरानी चीज़ याद आएगी जेसे स्कूल मे थे तब कॉलेज की तलब थी लेकीन जब कॉलेज मे आ गए तब स्कूल को यादो मे खो के पेसे कमाने के सपने सँजोने लगे ओर तीन साल खतम हो गए पता ही नहीं चला ! एसा ज़िंदगी के हर मुकाम पे होगा ! अगर मैं ये मिल जाएगा बाद मे ये करूंगा इतना कमाने लगूँगा तब मे गिटार बजाना सीखूँगा सब छलावा है भरम है !
उससे भी मुशकिल भ्रम है ‘सफलता’ जो कभी किसी मिली नहीं , अब आप यह पूछोगे के रतन टाटा ,बिरला,अंबानी से लेके मार्क जकरबर्ग तक सब तो सफल है जी अगर सिर्फ पैसे ही सफलता का मापदंड है तो वो सफल है, जो नहीं है, अगर सिर्फ प्रख्यात होना सफलता है तो सारे वो लोग सफल है जो आज कल वाइरल है वो ‘चाचा जीनके अब्बा हारमोनियम बजाते थे वो तो मरने के बात सफल हुए, बताओ ! तो नाम से पहचान होना सफलता नहीं पैसे सफलता नहीं तो सफलता क्या है ?
अब ये बाइस साल की एक इमच्योर लड़की से जानना है आपको ? दूर से देख के नहीं जान पाओगे शायद उन को रात को नींद न आती हो शायद वो अपने बच्चो याद करते हो! अगर आप सिर्फ इंडिया घूमे हो तो हर बाली जानेवाला आपके लिए सफल है लेकिन उसे मिलो ओर पूछो तो शायद पता चले के वो अपने परिवार से वो सारी बाते न कह पता हो , जो आप अपने परिवार से बेजीजक कह देते हो ! शायद वो डिग्री जिसके के लिए आप मरे जा रहे हो वो उनके लिए सिर्फ एक कागज़ का टुकड़ा हो उस के लिए शायद उसे जॉब के लिए चाहीये वो अनुभव न होने के वजह से ना मिले ओर आपको मिल जाए ! सफलता ,पैसे ओर नाम वेसे लगता तो के एक कहानी के दो पहलू है लेकिन एसा नहीं है, ओर कभी शायद सब हो लेकिन चेन न हो आराम न हो सुकून न हो तो सब फिजूल
एपल का फोन सफलता का मापदंड नहीं हो सकता, कभी नहीं! ये तो तुम जान गए हो ! किसी भी चीज़ की धुन कैसे लगती है ? कैसे पता चलता है के मुजे ज़िंदगी मे ये ही करना है इसी मे करियर बनाना है,ये करूंगा तो शायद मे सफल हो जाऊंगा? ये सारे सवालो के जवाब अभी तो नहीं मैरे पास ओर शायद न कभी होंगे क्यूकी ये सब छलावा सा है बस एक बात पता है!
जो मै सीखि हु ओर समजी हु ओर जानती हु के बस हमे आज मे जीना सीखना है कल क्या था कल क्या होगा उसमे आज मत खोना क्यूकी वो आज कल,कल हो जाएगा तब उस कल की कद्र हो उससे अछा है आज मे जियो खुश रहो अपने आप वो यादे बन जाएगी जो भी करो खुश रहके करो do what you love, love what you do ! पता है नब्बे के बच्चो बोहोत मूड स्विंग्स होते रहते है कभी खुशी कभी गम, उस गम-खुशी का हिस्सा अब आप तेय कर सकते हो न!
ओर जीवन मे जो करना है जो पाना है उसे एक प्रेरणा के तौर पे लो खुद को प्रेरित करो ना के दुखी रहो के मेरे पास वो नहीं लेकिन मुजे वो चाहिए ! आज मे जीना मुश्किल है लेकिन मेरी जान तू कर लेगी तू जेसी भी है बोहोत बढ़िया है खुदसे प्यार कर खुदकों थोड़ा कम अंडर एस्टिमेट कर , ज़िंदगी है जिये जा अपनी ही बायोपिक बनाए जा !
आप मोटे हो या पतले काले गोरे लेकिन आपके पास 2 हाथ के 2 पर है वो सारी चीजे कर सक सकते हो जो एक आम बंदा कर सके ओर थोड़े ही सही सच्चे प्यार करनेवाले लोग है
शीट! कहानी खतम!
हमारे बॉलीवूड का मोस्ट फेवरेट टोपिक
प्यार,इश्क,मोहोब्बत ओर लव
असपे तो कोई फिलोसोफी ज़ादी ही नहीं मैने लेकिन वो फिर कभी, अभी नब्बे के बच्चो my most confusing generation जस्ट चील मारो यारो ! पता है बोहोत कुछ करना है पाना है देखना है सीखना है वो नहीं है उसका दुख है वो नहीं मिला उसका सोग है लेकिन सबसे आगे हमारे लिए हम खुद है तो बस न जादा सोचना है हमे बस आज मे जीना है !
शायद इसी फ़िकल से चंचलपन मे ही आपको आपकी धुणी मिल जाए आग दिल मे एसी रखो जो रोशनी दे न की आपको ही जला दे ठीक !
अगर यहा तक पढ़ लिया है तो महान हो आप क्यूकी आपने मुजे बरदाश कर लिया एकबार खुदको शाबाशी दो ओर मूजे रेटींग्स दो ,कॉमेंट कर सकते हो अछिवाली , मुजसे बात करनी हो तो आ जाओ इंसटा पे @yayawargi नाम है !
-दिवांगी जोशी की बाते