Antim dagar in Hindi Motivational Stories by Nikunj Patel books and stories PDF | अंतिम डगर

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अंतिम डगर

अंतिम डगर

मुश्केली सभी को होती है पर हस्ते मुश्कुराते इससे लड़ने की हिम्मत सबके पास नहीं होती. कुछ लोग हार मान लेते है और खुद को अकेला और कमजोर समज के जीवन छोड़नेकी कोशिश करने लगते है.

ओये क्या हुआ ? क्यों चेहरा उतर गया है? चल तैयार हो जा और खाने के लिए बेठ जा.

मैंने मम्मी की बातो को टालते हुए मेरे रूम की और आगे बढ़ने लगा.

बिस्तर पर बेग फेंकने के बाद सर पकड़ के बेठ गया.

मेरे दिमागमे सब वापिस वो आवाज घूमने लगी.

"useless fellow, मुझे खुद को नहीं मालूम मैंने इसको नौकरी क्यों दी? एक काम ठीक से नहीं करता है, और क्लायंट को भी संभाल नहीं शकता."(बॉस)

"सोरी, में अभी तुम्हारे साथ नहीं रह पाऊँगी, हम दोनों का साथ में भविष्य कुछभी नहीं है, मेरी पढाई बाकि है और तुम्हारी आमदनी भी इतनी नहीं है के हम दोनों साथ में रह शके, इसलिए मुझे माफ़ करना और हम दोनो साथ नहीं रहे वो ही अच्छा है हमारे लिए, वैसे भी मेरे माता-पिताने मेरे लिए एक लड़का ढूंढ के रखा है."(गर्ल फ्रेंड)

"क्या होगा?" हमारे घरकी लोन चल रही है, गाड़ी की किश्ते चल रही है और इसकी शादी के लिए भी पैसा चाहिए, सब एक साथ कैसे होंगा? (मम्मी)

“कुछ कर लेंगे(पप्पा), किसीके पास थोडे पैसे ले लेंगे उसके बाद फिर शिवु(शिव का लाडला नाम) तो है, हम दोनों साथ में मिलके थोड़े थोड़े करके सब पैसे दे देंगे.”

पर कैसे उसकी आमदनी पहले से कम है, १५०००में आज के समय में क्या होता है, ये तो आपकी थोड़ी पेन्शन और मेरे गृह उद्योग से ये घर चलता है.(मम्मी)

दिमाग में आज सब बाते साथ में चल रही थी और ये सब से छूटने के लिए में छत पे चला गया और वहां की दीवाल के ऊपर चढ़ के निचे की तरफ देखने लगा, मेरे पैर कांपने लगे, दिमाग भी ऊँचाय का अंदाज़ा लगा के दिल के डर को कहता हो ऐसे लग रहा था, पर दिमाग पैर को आगे बढ़ने का आदेश देके सब परेशानी दूर करने का हल दे रहा था,

उसी समय वहा एक व्यक्ति आया जिसने लाल रंग की जैकेट, काले रंग का जीन्स और एकदम स्टायलिस कपडे पहने थेl

"क्यों इतना सोच रहे हो कूद जाओ, एक साथ सब मुश्केली खतम, बस एक कदम की दुरी और उसके बाद अधूरी जिंदगी भी पूरी. मैंने उसको देखा और पूछा “कौन हो आप? , और यहां पे क्या कर रहे है? “

"मेरा नाम रूद्र है, ये सब छोडो शिव कूद जाओ, मै किसीको कुछ नहीं कहूंगा और ये सब परेशानिया भी दूर हो जाएगी".

इतने में एक दूसरा व्यक्ति आया उसने सफ़ेद रंग का कुर्ता, सफ़ेद रंग की धोती, हाथ में आसमानी रंग का कड़ा पहना था. "अैसा मत करो, सब प्रॉब्लम का हल आत्महत्या नहीं होता". मैंने उनकी बात को सुनके मेरा पैर पीछे लिया और पूछा "आप कोन हो?"

उन्होंने कहा मै भोला हु, आप आत्महत्या न करे, आपके बाद दूसरे लोगो का क्या होंगा उनके बारे में भी थोड़ा विचार करिए.

रूद्र : कोन दूसरे लोग?, जिनको तुम्हारी कुछ पड़ी ही नहीं, जिससे तुमने प्यार किया और उसने पैसे के लिए तुम्हे आवारा बोल के छोड़ दिया, या फिर वो लोग जिनके लिए तुमने दिन-रात जग के काम किया वही लोग तुम्हे निकम्मा बोलके धिक्कार रहे है. तो फिर किसके बारे में सोचना?


उसकी बाते सुनके मुझे मेरी पुरानी यादे वापिस दिमाग मे घूमने लगी और वापिस पैर आगे बढ़ाया .


भोला : कभी तुमने सोचा है प्रकृतिने (शिव की दोस्त) तुम्हे मना किया वो इसलिए मना नहीं किया है की तुम्हारे पास पैसा नहीं है, उसने भविष्य का विचार करके ना बोलै है, तू भी थोड़ा सोच कोनसा पिता अपनी लड़की को ऐसे लड़के के साथ शादी कराए जिसको कूद खाने के प्रॉब्लम हो. और बोस है काफी टेन्शन वाला काम है उनका, गुस्से में कभी निकल जाता है उतना तो तुम्हे समझना चाहिए .

रूद्र : तुम चुप करो शिव उसकी बातो में मत आओ. वो जो बोल रहे है वो केवल एक सोच है बाकि हकीकत का सामना तुमने किया है इसलिए तुम्हे मालूम है ये सब बातो के पीछे का कारण |

दोनों एक दूसरे के साथ लड़ने लगे अपनी अपनी बातो को सच साबित करने के लिए और आमने सामने दलील करने लगे. एक जो मेरे पैर को पीछे लेने का बोलके मुझे वापिस वही मुसीबत में भेजने की बात करता था तो दूसरी औऱ एक मुझे एक छोटा सा कदम आगे बढ़ा के ये सब मुश्केली से छूटने का तरीका बता रहा था |

इसके बाद क्या, मैंने सोच लिया की मुझे क्या करना है और मै कूद गया और ये घिसीपिटी बेकार जिंदगी से छूट गया.

शिव : और दो रोटी, बहुत भूख लगी है |

मम्मी :कबसे बोल रही थी खाना खा लो पर नहीं, भाईसाब को घूमने फिरने निकल जाना होता है, पता नहीं किधर चले जाते हो, फिर साहब को फोन करना पड़ा खाना खाने के लिए.

शिव : कुछ नहीं छत पे ही था, थोड़ा रिलैक्स होने के लिए गया था.

मम्मी : खाना खा लो जल्दी से, फिर मुझे बाहर से दूध लाकर दो पनीर बनाने के लिए.

शिव : पप्पा कहा है?, आप पप्पा को बोलये में तो अभी सोने जा रहा हूँ.

मम्मी : पप्पा बैंक गए है, उनको आने में समय लगेगा तो तुम जाके लेके आओ और अगर नहीं गए तो तुम्हारी खैर नहीं |

फिर क्या जाना पड़ा दूध लेने के लिए अगर न बोला होता तो मम्मी मेरा पैर तोड़ देते.

आप क्या सोच रहे हो?हम्म... अभी समजा, में तो कूद गया था तो फिर ये सब क्या?

हा, तब में कूद गया था पर घर जाने के लिए क्युकी तभी मम्मी का फोन आया था और फिर क्या, फोन की स्क्रीन पे हस्ते हुए माता-पिता का चेहरा देख के मुझसे वो काम नहीं हुआ. और तब से सब कुछ भूल के उन दोनों का सोच के नई जिंदगी शुरू करने के लिए सोचा, पर जैसे ही मैंने मम्मी का फोन रखा तुरंत ही वो दोने गायब हो गए, और तब समज आया की मुसीबते सबके जीवन में होती है,

उस समय अपने पास केवल दो ही रस्ते होते है या तो फिर आप हार मन लो या तो फिर सब कुछ भूल के एक नई शरुआत करे वो निर्णय आपके ऊपर निर्भर है की आपको कोनसा रास्ता पसंद करना है, “एक जो की अंत है और दूसरा जो एक नई शरुआत है .” जीवन में कुछ पाने के लिए भोला और रूद्र जैसे दोने किस्म के इंसान होने चाहिए एक जो हमेंशा आपके साथ खड़ा रहे और एक जो आपको हमेंशा निचा दिखाके आपमें आग लगाने की कोशिश करता रहे.

रूद्र और भोलेनाथ दोनों भगवन शिव के ही दो स्वरुप हैं |

शायद आपको अभी समज आया होगा अंतिम डगर के बारेमें जिसका सामना हर किसीको अपने जीवनमे एकबार करना पड़ता है|

नोंध -

वर्ष २०१६मे भारतमे आत्महत्या करने वाले लोगोकी संख्या बढ़ के २,३०,३१४ हो गयी है. आत्महत्या की वजह से ज्यादातर १५-२९ वर्ष और १५-३९ वर्ष ये दोनों उम्र के जूथ के लोगो में सामान्य कारण से ज्यादा देखने को मिलता है.

विश्वमे हर साल लगभग ८,००,००० लोगो की मृत्यु आत्महत्या के कारन होती है. इसमें से १,३५,०००(१७%) लोग भारत के रहवासी है जिसकी आबादी पुरे विश्व की आबादी का १७.५% है. २०१२ से पुरुषो के मुकाबले स्री आत्महत्या का प्रमाण लगभग २:१ है. इसलिए देखने जाये तो इसका २ कारण हो शकता है.

१ - पुरुषो को ज्यादा मानसिक तनाव हो शकता है

२ - या तो फिर स्री ज्यादातर मानसिक तनाव संभाल शक्ती है

आपको क्या लगता है?, मुझे काफी समय से आपको ये बात आप सबके समक्ष रखनी थी पर कैसे रखु?, ये सोच कर के मेरा विचार कही गलत रस्ते में न जाऐ और सबको सरलता से समज भी आ जाए.

दूसरी बात के मेरी इतनी हिम्मत भी नहीं हो रही थी की आपको ये बात बताऊ पर फिर भी आखिर में कुछ भी सोचे बिना मैंने इसको अपलोड कर दिया |

अगर आपको अच्छा लगा हो कॉमेंट और सूचन जरूर कीजिऐगा. और आपको अच्छा लगा हो तो इसको जरूर शेर करे और मेरा ये छोटा सा सन्देश लोगो तक पोहंचाये.

Keep smile 😊

"Smile शायद परेशानी का हल न हो,पर उसका डर ज़रूर कम कर देता हैं |"

✍️@nik_storyteller