Fitrat Masum si in Hindi Motivational Stories by Bhavna Jadav books and stories PDF | फ़ितरत मासूम सी

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फ़ितरत मासूम सी

हररोज की तरह रोजमरा की जिंदगी चल रही थी । एक दिन कुछ हल्की सी चिलचिलाहत सुनाई द मेरे आँगन के पास सुबह उठकर मने देखा तो मेरे घर के पास कुते ने 6 बच्चों को जन्म दिया बहुत ही मासूम सी फितरत थी उनकी ,जैसे सुबह का कोमल फूल खिला हो , उनकी रुई जैसी कोमल त्वचा ने मुजे मोहित किया था। जब मैने पास जाके देखा तो बड़ी ही मासूमियत से मुझे अपनी छोटी छोटी मोतियों जैसी आंखों से देखा तब मुझे उन्हें देखकर बहुत ही असीम आनंद मिला मेने एक बाउल में।थोड़ा दूध लेके उसे पिलाया सभीने मुजे प्यार से देखा और मुजे देख आनंदित हो गए थेl अब ये।मेरा नित्यक्रम हो चुका थाl जैसे ही में अपने।घर के गेट को खोलती उसकी आवाज से वे दौड़े चले आते थे,दौड़ते वक्त वे सभी किसी बादशाही औलाद से कम नही लग रहे थे मस्ती भी मेरे साथ बहुत करते थे बड़ी मासूम सी फ़ितरत थी उनकी देखने मे भी बड़े भोले पर शैतानियां उनकी कुछ कम नही थी lमुजे देखके ही पहचाना उनकी फ़ितरत हो चुकी थी और कोई और उनके पास जाए तो बड़ी ही सावधानी बरकते थे ,और मुजे बड़े प्यार से देखते थे वे सभी अपनी गोल गोल चमकीली आंखों से।
एक बार डोपहर का वक्त सभी सॉसयटी के सारे लोग सो रहे थे में भी अपनी बुुके पढ़ रही थी ,तभई पास वाले मकान से कुुुछ बिल्ली जानवर की रोनेकी आवाज आ रही थी,
तकरीबन 10 मिनिट से आ रही थ में समज नही पा रही थी के आवाज की दिशा में गयी मुुजे अंंदाजा आ गया था कि ये किसी मुसिबत मेंं फसा जानवर की मदद क। पुकार थी। मेंं तुुरन्त बाजू के मकान में जाली कुदके गयी और वहां देखा वो पपी पानी
की टेंक में गिरा हुआ पाय।
और मुुजे देख उसकी अंआँखों मे चमक आयी मेने तुरन्त उसे बाहर नििकाला सच मानो तो उस दिन बडा आनंद प्राप्त हुआ। दिल मे उसके प्रति और प्यार की अं।धी उमड़ी
दो दिन बाद कड़ी सर्दी मेंं मैं बाहर न निकली उनसे न मिली फिर अचानक उस रात एक अजनबी गाड़ी वाले ने बड़ी ही बेदरकारी से गाड़ी चलाई होगी और उसमें से एक पपी के पेर को कुचला,वो बड़ा चिल्लाया उसकी माँ ने मदद के।लिए आवाज लगाई सबने ये देखा पर कोई उसकी मदद।के लिए आगे नही आया ,सबने ये सोचा के कुत्ता है जाने दो कोन जंजट में पड़े l में तभी वहां दौड़के आयी भाई ने बताया शायद गाड़ी वाले ने कुचला है ।
वो बड़ा ही सेहम सा गया था मेने उसे दूध दिया शायद उससे उसे अच्छा लगे पर वो ना कुछ खा रहा ना पी रहा।था।मुुजे उस पर दया आयी मेने तुरंत जानवर की अम्बयूलन्स को
कोल कीया उन्होंने फिर हमारा एरिया ओर
नजदीकी वोलेंटियर का समपर्क किया
कुछ घनटो बाद एम्ब्युलेंस वालो का कॉलबैक आया।
हमारा पता कन्फर्म किया था ओर वे आये
उन्होंने इनजेक्स्शन दिया और दवाईयों
का लिस्ट दीया पापा ने सुुुबह सारी दवाईया मेडीकल से
लाकर दूध में मिला के दी हैैरत की बात के वो साारा दवई वाला दूध पीने लगा जो कुुुछ भी नई पीता थ।, वो सब खाने लगा पिने लगा कुुुुछ दिन बाद तो वो पाहेेले जेेेसेे मस्ति करने लगा। मेंरे दिलको काफी ठंडक मिली ये देेेखके।अब वही मासूम सी फ़ितरत वापस आ गयी थी ।अब वो मस्ती करता है, लाड़ करत। है, जो एक समय जीवन सेे हताश था वो फिरसे जिने लगा है ये देखकर बड़ा सुुुुकून मिलता है। सच मे बड़ी मासूम फ़ितरत थी