The Author PARESH MAKWANA Follow Current Read ए मौसम की बारिश - ५ By PARESH MAKWANA Hindi Love Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books Krick और Nakchadi - 2 " कहानी मे अब क्रिक और नकचडी की दोस्ती प्रेम मे बदल गई थी। क... Devil I Hate You - 21 जिसे सून मिहींर,,,,,,,,रूही को ऊपर से नीचे देखते हुए,,,,,अपन... शोहरत का घमंड - 102 अपनी मॉम की बाते सुन कर आर्यन को बहुत ही गुस्सा आता है और वो... मंजिले - भाग 14 ---------मनहूस " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ कहानी है।... आई कैन सी यू - 53 (अंतिम भाग) अब तक कहानी में हम ने देखा कि लूसी कुछ बीती यादें भूल गई थी... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by PARESH MAKWANA in Hindi Love Stories Total Episodes : 10 Share ए मौसम की बारिश - ५ (13) 2.7k 7.2k मम्मी ने मुझसे पूछा 'अरे वाह.. तु उसे पहले से जानता है तो में रिस्ते के लिए बात करू ना..?' मेने शरमाते हुवे कहा 'अरे मम्मी जल्दी क्या है..अभी तो मीले है..' मम्मी ने हँसते हुवे कहा 'तुजे जल्दी नही है भले न हो पर मुझे तो है.. घर में बहु आ जाएगी तो मेरा थोड़ा काम तो कम होगा' ओर वो उठकर वहाँ से चली गई.. इधर में वापस लेपटॉप में घुस गया.. * * * में नावेल लिखने में व्यस्त था की तभी नीचे फेसबुक की एक नोटिफिकेशन आई.. मेने जाकर देखा तो.. मीरा का मेसेज था। 'मिस्टर जयबाबु आज आपका रिस्ता आया था।' मेने उसको मेसेज किया 'तुम्हारी हा है ना..?' 'हा..' 'तो मेरी ओर से भी हा है..' मम्मी एक बाबाजी को बहोत मानती थी। बाबा आदिनाथ शादी तैय होते ही वो मुझे ओर माही को आशीर्वाद के लिए बाबाजी के पास ले गई। में मम्मी ओर माही बाबाजी के सामने बैठे थे। ओर कब से बाबाजी मुजे ओर माही को घूर रहे थे। मम्मी ने पूछा 'क्या बात है बाबाजी आप ऐसे देख रहे है..?' बाबाजी ने माही की ओर अपनी उंगली रखते हुवे कहा 'इस लड़की पर काल का साया है.. अगर ये शादी हुई तो वो इसे मार देगी..' बाबाजी की बात सुनकर हमसब घबरा गए.. मम्मी ने घबराते हुवेे बाबाजी से पूछा 'कोन बाबाजी.. कोन.. आप किसकी बात कर रहे है..' बाबाजी ने मेरी ओर देखकर कहा.. मीरा.. वही जो बर्षो से तुजे पाने के लिए भटक रही है... बाबाजी जी की बात सुनकर में हैरान था। मीरा.. बाबाजी ने उसका ही नाम क्यु लिया.. मेने इस बारे में बाबाजी से पूछा.. मीरा.. बाबाजी मीरा का इनसब से क्या वास्ता..? मेरे इस सवाल पर माँ ओर माही मुजे हेरानी से देख रही.. मेरे सवाल के जवाब में बाबाजी ने कहा.. में जानता हु की तुम मीरा से मील चुके हो.. पर सुनो वो कोई लड़की नही एक आत्मा है.. आत्मा.. बाबा आदिनाथ की इन बातो पर यकीन करना मुश्किल था। पर शायद यही सच था। यही हकीकत थी। मीरा का वो बारिश के दिनों पल में कहीपर भी आ जाना। पल में गायब हो जाना। मुझे शादी के लिए हा ना करना.. ये सब इस बात का संकेत था। की वो एक आत्मा है। * * * बाबाजी ने जो कुछ भी बताया उसके बाद माँ ने मेरे ओर माही के रिश्ते लिए साफ इनकार कर दिया। माँ जानती थी की में ओर माही एक दूसरे को काफी पसंद करते थे। पर फिर भी इस रिश्ते से माही की जान को खतरा था। वो अपनी लाइफ में ओर में अपनी लाइफ में जो जैसे था वैसे ही चलने लगा मानो ये कहानी रुक सी गई थी। की अचानक ही एक दिन वो वापस आया वही काला आदमी जो उस दिन मंदिर में माही को उठाकर ले जा रहा था। आधी रात को माही अपने कमरे में चेन की नींद सो रही थी। की अचानक वो कमरे का दरवाजा तोड़कर वो आया। 'नंदनी..' उसकी आवाज सुनकर ही माही घबराकर उठ गई.. उसने सामने देखा तो वही इंसान धीरेधीरे उसकी ओर आगे बढ़ रहा था। माही चिल्लाई.. 'दूर... दूर रहना मुझसे..' उसकी चींख सुनकर दूसरे कमरे सोई उसकी दादी वहां आ गई। उस घर में माही ओर उसकी दादी दो ही थे। उसके माँ बाबा दो दिन से कही बहार गए थे। दादी ने देखा की कोई अनजान आदमी उसकी पोती की ओर आगे बढ़ रहा है। तो उसने उसे रोकने की कोशिश की। 'कोन हो तुम.. यहाँ..' दादी जैसे ही उसे रोकने के लिए उसके नजदीक गई उसने गुस्से में दादी को धका दे दिया। 'हट रे बुढ़िया..' दादी वही गिर पड़ी। ये देखकर माही चींख पड़ी.. 'दादी..' माही के एकदम करीब जाकर उसने अपनी वासना भरी नजर काली नाइटी में नजर आ रहे माही के खूबसूरत बदन पर डाली। नंदु.. नंदु.. नंदनी तुम सिर्फ मेरी हो.. ओर फिर से वो माही को अपने कंधे पर उठाकर ले गया। माही चींखती रही। चिल्लाती रही। पर वहाँ उसे बचानेवाला कोई नही था। TO BE CONTINUE.. ‹ Previous Chapterए मौसम की बारिश - ४ › Next Chapter ए मौसम की बारिश - ६ Download Our App