Ladki hu gunahgaar hu in Hindi Women Focused by Dhruvin Mavani books and stories PDF | लड़की हूँ... गुनहगार हूँ...

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लड़की हूँ... गुनहगार हूँ...

क्या एक लड़की होना गुनाह है ? क्यों लोग हमारे लिए फैसले लेते है । क्यों लोगो को ये लगता है की हम काबिल नही और उनको हमे संभालने की जरूरत है । बचपन से अब तक हमेशा दुनिया हमें यही महसूस करवाती है कि हम कमजोर है । हम खुद के लिए लड़ नही सकती । एक ही घर में बेटा भी होता है और बेटी भी लेकिन दोनों की परवरिश अलग अलग तरह से होती है । लड़को को लड़ना सिखाया जाता है और लड़कियों को सहना और छोड़ना । लड़का अगर किसीसे मार खा कर आता है तो उसे सिखाया जाता है कि लड़ो और उसे सबक सिखाव और अगर लड़की को कोई छेड़ता है तो उसे कहा जाता है कि जाने दो । बात को क्यों आगे बढ़ाना । तुम कपड़े पहनने में और बात चीत में थोड़ा ध्यान रखा करो । आपको क्या लगता है कि एक लड़की होना आसान है । हजारों ख्वाहिशों का खून करना पड़ता है परिवार और दुनिया को खुश रखने के लिए । सपने छोड़ने पड़ते है । ऐसा लगता है तमीज सिर्फ हमारे लिए ही बनायी गई है । क्योंकि इसका पालन तो सिर्फ हमे ही करना होता है ।
कल भी ये समाज पुरुषप्रधान था और आज भी है । उसमें कोई बदलाव नही आया । हमें आज भी बोलने का हक नही है । लड़की का एक किरदार लोगो ने अपने मन मे रट लिया है कि एक लड़की ऐसी होनी चाहिए । ज्यादा हँस हँस कर बात करे तो लोग कुछ भी सोच लेते है , लोग कहते है लडकिया सिर्फ भारतीय कपड़े में ही अच्छी लगती है । छोटे कपड़े पहनने की वजह से ही बलात्कार होते है । छोटे कपड़े पहनकर आप मंदिर में नही जा सकते क्योंकि वहाँ भक्तो का मन भटक जाता है । इसलिए ड्रेस कोड लागू किये जाते है । हमे अपनी बात रखने का हक आज भी नही दिया गया । अगर हम बाकियो से कुछ अलग करना चाहती है तो हमारे पापा हमसे आकर पूछ ने बजाए परिवार में दुसरो से पूछते है । और वहाँ से हमेशा एक ही जवाब आता है कि हमारे परिवार में आज तक ऐसा किसी ने नही किया इसलिए हमें भी ऐसा नही करने देना चाहिए । वो चाहे पढ़ाई ही क्यो न हो । एक लड़की की जिंदगी केसी होती है ये कभी कोई सोचता भी है क्या ! बचपन मे खिलौने लड़कियों के लिए नही होते और अगर कोई देता भी है तो गुड़िया ही होती है । क्योंकि उस पर भी एक लेबल लगा दिया है कि उससे लड़की ही खेल सकती है । मुश्किल से लड़की कोलेज तक पढ़ाई कर सकती है । और अगर कोई कह दे कि पढ़ाई करवा कर क्या करोगे उसे थोड़ी ना नोकरी करनी है तो हमे वो भी नसीब नही होता । फिर घर के सारे काम सीखने पड़ते है । क्योंकि शायद किसी ग्रंथ में लिख दिया है कि घर के काम सिर्फ लड़की को ही करने है । लड़का नही कर सकता । या कमाने के लिए मर्द बाहर जा सकता है औरते अच्छी नही लगती । कोई बाप अपनी बेटी को नोकरी नही करवाता क्योकि वो ऐसा करता है तो लोग कहते है कि बेटी की कमाई खाता है । हम बाहर से भले कितने ही मॉर्डन हो जाये लेकिन आज भी लोगो की सोच में यही पाया जाता है । हमें साड़ी पहनाने वाले लोग कभी धोती कुर्ते में नजर नही आते । उन्होंने भारतीय संस्कृति बचाने का जिम्मा औरत के कपड़ो पर छोड़ा है । अगर औरत साड़ी या सलवार कमीज पहनती है तो भारतीय संस्कृति बचती है ।

एक लड़की के कपड़ो में भला ऐसा क्या होता है जो लोग उसे घूर घुर के देखते है । वो चाहे छोटे हो ला लंबे उससे क्या फर्क पड़ता है । कपड़ो का काम बदन ढकना होता है । लेकिन शायद लोगो को कुछ और देखने की आदत पड़ गई है । उन्हें कौन बताये के हमारे कपड़े उनकी सोच से हमेशा ज्यादा लंबे होते है । अक्सर उनकी सोच ही छोटी पड़ जाती है । लोग कहते है कि हमे छूट दी जाए तो लड़की बिगड़ जाएगी । इसलिए उसे काबू में रखना जरूरी है । लड़की को हमेशा गाय ही कहा जाता है और लोग हमेशा यही गुण ढूँढते है । एक लड़की शेरनी भी तो हो सकती है । लेकिन लोग उसे पसंद नही करेंगे । उन्हें डर लगता सफल औरत से । इसलिए हमेशा हमे दबाने की कोशिशें होती रहती है । पहले पढ़ाई छुड़वाई जाती है । हमे बोलने नही दिया जाता । हम अपनी सोच नही रख सकती । आज भी बड़े बड़े कार्यक्रमों में "बेटी बचाओ बेटी पढाओ" के ही नारे लगाए जाते है । कोई ये नही कहता कि बेटो को समजाओ और न समझे तो दो थप्पड़ लगाओ । लोगो को लडकिया ही कमजोर लगती है । और ये तो आम सी बातें है और आम सी जिंदगी जिससे होकर शायद हर लड़की गुजरती है । मगर लड़कियों को ये समाज मोहब्बत करने का हक भी नही देता । लोग बड़ी शान से राधा कृष्ण और राम सीता के प्रेम के भजन कीर्तन करते है । लेकिन यहाँ कोई प्रेम नही कर सकता । और खास कर लड़की । लड़की अगर किसीसे प्यार करती भी है तो परिवार की इज्जत उत्तर जाती है । उतारते भी समाज के लोग ही है । मोहब्बत एक खूबसूरत रिश्ता होता है । लेकिन ये लोग भला क्यूँ समझे उन्हें तो परिवार ने मिलाया और एक दो मुलाकात और जिंदगी भर का रिश्ता थोप दिया जाता है । मोहब्बत इतनी भी बदनाम नही जिस तरह लोगो ने कर रखी है । ये वक्त ऐसा होता है जब एक लड़की को सबसे ज्यादा जरूरत उसके परिवार के साथ और पिता है हाथ की होती है । और ये लड़की की बदकिस्मती होती है तब उसके साथ कोई खड़ा नही रहता । न पिता , न माँ , न भाई और न ही कोई ओर ।सबको अपनी इज्जत उतरने का एहसास होने लगता है ।

आज एक भी ऐसा काम नही जिसमे लड़की न हो । अंतरिक्ष मे जा चुकी है , देश संभाल चुकी है , हर तरह है खेल में है , देश की सेवा कर रही है , देश की रक्षा कर रही है , और कुछ लड़कों को लगता है ना कि सिक्स पैक और बॉडी बनाना मर्द की निशानी है तो आज तो बॉडी बिल्डिंग में लड़कियां अव्वल है । एक भी ऐसा काम नही जो लडकिया नही करती । एक लड़की , एक औरत को भला कौन समझेगा । किसके पास है इतना वक्त की वो इस बारे मैं भी सोच सके । लड़ाई लड़कियों की है और किसीके बोलने से फर्क नही पड़ेगा । मगर जब लड़की के शब्दों की ज्वाला निकलेगी तब सब को सुनना पड़ेगा । सवाल किया जाएगा तो ही जवाब मिलेगा । हर ना पे सवाल होना चाहिए क्यो...और लड़कियां माल नही होती सम्मान होती है....