THAT GIRL - 3 in Hindi Women Focused by Uday Veer books and stories PDF | वो लडकी - भगवान ने बेटी नहीं मां दी है तुझे - 3

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वो लडकी - भगवान ने बेटी नहीं मां दी है तुझे - 3

इधर लड़की जब मेले में घूमती है, तो उसे बड़ा मजा आता है, कई दिनों बाद खुले में घूमने को मिला, और फिर मेला तो होता ही मेला है, जो उसका मन करता है करती है, जो खाना होता है खाती है|

मेले में एक जगह खाना बनाने का कंपटीशन चल रहा होता है, तो लड़की भी उस कंपटीशन में हिस्सा ले लेती है, और लड़की सबसे अच्छा खाना बनाती है, सारे लोग उसकी तारीफ करते हैं कि, वाह तुम्हारे हाथों में तो जादू है, जो उस कंपटीशन को ऑर्गनाइस करता है, अमेरिका के सबसे बड़े होटलों का मालिक होता है, अमेरिका और इंडिया समेत दुनिया भर के कई देशों में उसके सैकड़ों की तादात में होटल होते हैं, वह आकर लड़की को एक चैक थमा देता है, जो कि 1,00,000 रुपये का होता है, और एक लिफाफा देता है, और लड़की को बोलता है, क्या तुम हमारे होटल में एक सैफ की तरह काम करना चाहोगी, लड़की कहती है कि, मैं अपनी मां से पूछ कर बताऊंगी, तो वह कहते हैं कि, हमें आपके जवाब का इंतजार रहेगा|

लड़की बहुत खुश होती है, और दौड़ती हुई अपने घर की ओर दौड़ लगा देती है, उसे घर पहुंचते-पहुंचते अंधेरा हो जाता है, जब वह घर पहुंचती है, तो मां गुस्से में बैठी होती है, लड़की जाकर मां के हाथ में चैक रख देती है, मां गुस्से में कहती है कि, तू अब आ रही है, अंधेरा होने के बाद, मैंने तुझे जल्दी आने को बोला था, तूने मुझे बहुत परेशान किया है, तू कहीं जाकर मर क्यों नहीं जाती, मेरी सारी मुसीबतें खत्म हो जाएंगी, और रोने लग जाती है|

लड़की ने आज तक कभी अपनी मां को ऐसे रोते हुए, और ऐसी बातें करते हुए नहीं देखा, उसे लगता है कि, उसकी वजह से आज मां को तकलीफ हुई है, मां की आंखों में आंसू आए हैं, और लड़की कहती है कि, मां आज तक तूने जो भी कहा, मैंने सब कुछ किया, आज मेरी वजह से तुझे तकलीफ हुई, तेरी आंखों में आंसू आए, इसके लिए मुझे माफ करना, आज तक मैंने तेरी हर बात मानी, आज तूने जो कहा वो भी मानूंगी, और घर से निकल जाती है|

थोड़ी देर रो कर मां का मन हल्का हो जाता है, तो लड़की को आवाज देती है, लेकिन लड़की आवाज नहीं देती है, मां पूरा घर छान मारती है, लेकिन लड़की का कोई अता-पता नहीं होता, मां परेशान होने लगती है, फिर उसे लड़की की बातें याद आती है, लड़की ने कहा कि, मां तूने आज तक जो कुछ भी कहा, मैंने सब किया, आज तू चाहती है, तो मैं यह भी करूंगी, जब मां को अपनी गलती का अहसास होता है तो मां घबरा जाती है, और पड़ोसियों को इकट्ठा करती है, और सारी बातें बताती है, और रोने लगती है|

सारे गांव वाले मशालें लेकर पूरे जंगल में मधुमक्खियों की तरह फैल जाते हैं, सारी रात वो लोग जंगल में घूमते हैं, पूरा जंगल छान मारते हैं, लेकिन लड़की का कोई पता नहीं लगता, सुबह मे किसी के चिल्लाने की आवाज सुनकर, लोग पहाड़ी झरने के पास इकट्ठे होते हैं, तो वहां झरने के किनारे लड़की की लाश पानी में तैरती हुई मिलती है, गांव वाले लड़की की लाश को लेकर गांव आ जाते हैं, लाश जैसे ही गांव में आती है, तो पूरा गांव रोने लगता है, पूरे गांव में कोहराम मचा होता है, मां का तो रो-रो कर बुरा हाल होता है, क्योंकि उसकी इकलौती सहारा जो थी उसकी बेटी|

आज गांव का हर एक शख्स आंसू बहा रहा था, आज हर आंख नम थी, क्योंकि लड़की प्यारी ही इतनी थी, कि सारे लोगों उसे अपनी बच्ची की तरह प्यार करते थे, गांव का हाल देख कर ऐसा लगता है, जैसे कि सिर्फ एक लड़की ने नहीं, बल्कि पूरे गांव की लड़कियों ने आत्महत्या कर ली हो|

लड़की का अंतिम संस्कार करके आने के बाद, जब मां घर वापस आती है, तो उसकी नजर चैक और लेटर पर पड़ती है, तो वो उसे देखती है, उसे देखकर फिर रोने लगती है, और कहती है कि, मैंने अपनी बेटी को मार दिया, मेरी वजह से मेरी बेटी ने अपनी जान ले ली, मैंने जान ली है मेरी बेटी की, और रो-रोकर एकदम पागल हो जाती है...........................

लेखक: उदय वीर और कोई अंजान......