aarushi - 5 in Hindi Fiction Stories by Ashish Jain books and stories PDF | आरुषि भाग - 5

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आरुषि भाग - 5

【 घर के अंदर】

अरे फटाफट तैयार हो गयी.. फर्स्ट डेट जितना टाइम नही लगाया आज सजने में..! (आरव)

मेरे मेकअप से प्यार है या मुझसे...!(आरुषि)

ना तुमसे है ना मेकअप से.. तुम्हारे अंदर जो मैं हूँ उससे है..! (आरव)

बड़े स्वार्थी हो यार.. प्यार भी खुद से ही करते हो.. चलो अब बाहर डोर लॉक कर देना..! (आरुषि)

जी मेमसाहब..!(आरव)

【 राजीव चौक पार्क 】

बहुत दिन हो गए ना ऐसे कही बाहर एक-दूसरे के साथ चलते हुए..!(आरुषि)

[ लाइफ में इतना busy हो गए थे कि मैंने आरुषि की दुनिया को घर से ऑफिस और ऑफिस से घर तक ही समेट दिया था..! कई बार वीकेंड पर या हॉलिडे वाले दिन ये दुनिया PVR Plaza में एक मूवी देखने तक बढ़ जाती थी..! ]

हाँ..! कितनी बदल गयी ना मेरे कारण तुम्हारी लाइफ..!(आरव)

इस बदलाव में आप कहाँ से बीच मे आ गए.. अगर आप मेरी लाइफ में नही भी होते तो भी मैं जॉब करती और तब भी मुझे ये ही लाइफ जीनी पड़ती..!(आरुषि)

पर फिर भी तुम अकेली होती.. दो दो लोगो को नही संभाल रही होती..!(आरव)

हाँ तो अब कौन सा दो लोगो को संभाल रही हूं देखो आपका सहारा ले कर चल रही हूं..!(आरुषि)

कब तक चलेगा यार ये.. अब तो लगता है छोड़ दूं ये सब और कार दूं किसी जॉब के लिए अप्लाई.. नही तो घर जाकर पापा का काम संभाल लूं..!(आरव)

जब तक मैं हूँ तब तक तो नही छोड़ने दूंगी आपको ये काम... इसीलिए पहले मुझे ठिकाने लगाओ फिर शौक से छोड़ देना..!(आरुषि)

सुनो ना.. icecream खानी है.. चलो ना..!(आरुषि)

पागल ठंड लग जायेगी.. देख कितनी सर्दी है..!(आरव)

आप खिला रहे हो कि नहीं... हर बार का हो गया आपका ये हो जाएगा वो हो जाएगा.. कहीं नही मरने वाली में इतनी जल्दी आपको छोड़ कर..!(आरुषि)

इतनी बड़ी बात तो हुई ही नही थी यार जितना तू बोल गई.. icecream ही तो खानी है खा ले इसमें मरने मारने की क्या जरूरत है..!(आरव)

हाँ..! तो बिना ऐसी बातों के आप लाइन पर भी कहाँ आते हो.. हर टाइम कुछ ना कुछ बहाना...!(आरुषि)

बहाना नही है पागल.. बीमार पड़ गयी तो तेरे वो गंदे रुमाल मुझे धोने पड़ेंगे.. बस उससे डर लगता है..!(आरव)

मत धोना.. धो लुंगी मैं खुद.. पर अभी icecream खिलाओ..!(आरुषि)

इतनी ज़िद्दी लड़की मुझे देने के लिए थैंक्स गॉड.. आपने अपनी बला मेरे ऊपर डाल दी..!(आरव)

आप मत डाल देना इस बला को किसी और के ऊपर..!(आरुषि)

ना रे.. इतनी खूबसूरत बला को कोई दूसरा झेल भी नही पायेगा..!(आरव)

अभी तो आपको icecream खानी ही नही थी.. अब मेरी वाली पर डाका मार रहे हो.. अपनी वाली खाओ..!(आरुषि)

मेरी वाली में कुछ कमी सी लग रही है यार..!(आरव)

एक ही तो फ्लेवर है.. दिखाओ.. मैं टेस्ट करती हूं..!
Same ही तो है..!(आरुषि)

नही है यार..!(आरव)

तो मास्टर शेफ साहब आप ही बता दो क्या कमी है..!(आरुषि)

तेरी वाली में किसी आरुषि के होंठो का फ्लेवर एक्स्ट्रा ऐड है..!(आरव)

अच्छा जी..! मार्केट में निकलवा दूं ये फ्लेवर.. बहुत चलेगा..!(आरुषि)

ओये.. इस पर सिर्फ मेरा राइट है.. आरुषि मेरी है तो फ़्लेवर भी मेरा ही होगा..!(आरव)

वैसे मेरे इन गालों का फ़्लेवर भी बहुत अच्छा है..!(आरुषि)

अच्छा जी..! नेशनल फ्लैग के नीचे मैडम ज्यादा रोमेंटिक हो रही है.. पर मेरी तो देश-भक्ति जाग रही है..!(आरव)

तो फिर गाने गाओ जोर जोर से देश-भक्ति वाले..!(आरुषि)

ओये सॉरी यार.. मज़ाक कर रहा था.. सुन ना.. कहाँ जा रही है..?(आरव)

आपके लिए आर्मी का फॉर्म भरने.. जनाब को देश-भक्ति जाग रही है..!(आरुषि)

अरे रात को कौन सा फॉर्म भरता है यार..? रुक ना..!(आरव)

ठीक है, फिर दिन में भर आऊंगी..!(आरुषि)

तब तक वो गाल वाला फ़्लेवर टेस्ट कर लूं फिर..!(आरव)

सॉरी, लिमिटेड स्टॉक था.. खत्म हो गया..!(आरुषि)

अबे.. मेरे अलावा कौन ले गया ये प्रॉडक्ट..!(आरव)

कोई नही.. कंपनी ने ये प्रॉडक्ट ही डिस्ट्रॉय कर दिया..!(आरुषि)

कोई ना.. अपनी ही कंपनी है.. वापिस बना लेंगे..!(आरव)

ग्राहक इंटरेस्टेड ही कम लगता है इस प्रोडक्ट में..!(आरुषि)

【 Aarav kiss on her cheek..! 】

But सैंपल बहुत अच्छा है इसका.. मैं इसकी 10 यूनिट का आर्डर देता हूँ..!(आरव)

But sir, पेमेंट एडवांस लगेगी..!(आरुषि)

【 She also kissed him 】

To be continued...