THE GOLDEN WATCH :- YashVardhan
कबीर सूरत स्टेशन से रेलगाड़ी मे चढ़ता है और अपनी सीट पे जाके बैठ जाता है । उसके सामने समीर बैठा है। वो दोन एक दूसरे को नही जानते ।
फिर थोड़ी देर बाद कबीर कहता है समीर से की मुजे सौचालय जाना है तो कृपया आप मेरे सामान का ध्यान रखेंगे ? और समीर कहता है जरूर ।
फिर कबीर सौचालय जाके वापस आ जाता है, फिर आगे-
कबीर : आपका नाम क्या है?
समीर : समीर । और आपका ?
कबीर : कबीर और आपका सफर कहा तक का है?
समीर : वडोदरा ।
कबीर: अरे मे भी वही जा रहा हु ।
समीर : तो आप वडोदरा मे रहते है?
कबीर: जी नही, मे तो मुंबई मे रहता हु, यहा चित्र प्रदशशनी मे आया था।
समीर : आप चित्रकार है?
कबीर: हा ।
समीर : मेरा भाई भी चित्रकार है ।
कबीर: फिर तो उनसे मिलना पड़ेगा एक बार
समीर : जरूर । कभी आए हमारे घर ।
कबीर: ठीक है, आज ही मिलते है। वैसे भी मुझे कल एक महीने के लिए London जाना है
समीर : ठीक है, बिल कुल आए आज मिल लीजिए मेरे भाई से
फिर रेलगाड़ी मे चायवाला आता है और दोन चाय पीते है। फिर समीर फोन मे खबर पढ़ता है और कहता है समीर से की सूरत मे एक आभूषण की दुकान से एक सोने की घड़ी चोरी हो गई है ।
कबीर: क्या बात कर रहे हो ? कब?
समीर : कल रात को ही।
कबीर: तो चोर पकड़ा गया की नही ?
समीर : नही।
कबीर: तो दुकान मे केमेरा नही था क्या ?
समीर : लिखा तो है की केमेरा था लेकिन उसमे चोर का चेहरा नही दिख रहा ।
कबीर: चोर सातीर था लगता है ।
समीर : हा।
कबीर: वैसे आप क्या काम करते हो?
समीर : वकील हु ।
कबीर: अच्छा तो आप पढे लिखे है।
समीर : क्या आप भी।
कबीर : अरे।! सचमे ,वैसे भी आज कल पढ़े लिखे लोग कम ही मिलते है।
समीर : अच्छा चलो मे थोड़ी देर सो जाता हु वडोदरा आए तो मुजे उठा देना ।
कबीर: अरे जरूर ।
फिर दोन समीर के घर जाते है –
समीर : आप बैठो मे अपने भाई को बुलाके लाता हु ।
कबीर: ठीक है ।
समीर फिर आता है और कबीर के सर पर बंदूक रख कर कहता है की वो
सुनहरी घड़ी निकालो ।
कबीर: क्या?
समीर : नाटक मत करो घड़ी निकालो ।
कबीर: अरे मेरे पास कैसे होगी घड़ी ?
समीर बंदूक चलाता है ।
कबीर: अरे ! बाप रे बाप , देता हु रुको । तुम्हें कैसे पता चला की मे चोर हु ?
समीर : तेरे हाथ मे ये जो टेटु हेना वो केमरे मे दिख गया था ।
कबीर: मुझे छोड़ दो , पुलिस को मत बताना । ये घड़ी तुम रख लो तुम्हारा भी फाइदा है ।
समीर : चल चल मुझे मत सीखा । अगली बार दिखा ना तो पुलिस मे दे दूँगा ।
कबीर सुनहरी घड़ी समीर को देकर फिर चला जाता है और फिर समीर का भाई आता है ।
और फिर आगे-
समीर का भाई : और आज क्या चोरी करके लाये हो भाई ?समीर : हसने लगता है।