Do balti pani - 5 in Hindi Comedy stories by Sarvesh Saxena books and stories PDF | दो बाल्टी पानी - 5

Featured Books
Categories
Share

दो बाल्टी पानी - 5

कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा की गुप्ताइन गुप्ता जी को सुबह सुबह पानी खत्म करने के कारण खूब सुना देती हैं और पिंकी बाहर पानी लेने चली जाती है |

अब आगे…

मोहल्ले में मिश्राइन के अलावा एक सरला का घर ही ऐसा था जिसके नल में बिजली जाने पर या पानी चले जाने पर भी थोड़ी देर तक पानी आता रहता था क्योंकि इन दोनों के नल बहुत नीचे और घर के बाहर लगे हुए थे | यूँ तो गांव में हैंडपंप भी लगे थे लेकिन सालों पहले उनमें सब में पानी सूख गया था |

पिंकी कुछ गुनगुनाती अपने हरे सूट पे पीले दुपट्टे को हवा में लहराती मिश्राइन के घर की तरफ जाने लगी तभी पीछे से आवाज आई..
शश..शश ….पिंकी ने इधर उधर देखा तो कोई नहीं दिखा, वो फिर आगे बढ़ी तो आवाज फिर से आई.. शश..शश…

पिंकी डर गई और कदम तेज़ तेज़ बढ़ाने लगी कि तभी किसी ने उसका मुंह अपने हाथों से दबा लिया, वह घबरा गई उसने आंखें खोलकर देखा तो सुनील था, सुनील को देखते ही वो शरमा गई और बोली, लो.. आपने तो हमें डरा ही दिया था, हमें लगा कोई गुंडा है हमारे पीछे "|

सुनील -" अरे क्या बात करती हो? खुसफुस पुर में किसी की का मजाल जो हमारी ब्यूटीफुल पिंकी को आंख उठाकर देखें, अरे आंखें नोच कर गुल्ली में चिपकाकर गुल्ली डंडा खेल डालेंगे ससुर के… "|

पिंकी -" हाय… कितना प्यार करते हो हमसे"|

सुनील -" अब का बताएं.. बजरंगबली तो है नहीं, नहीं तो तो सीना फाड़ के दिखा देते, तुम कहो तो ये साढ़े तीन सौ रुपये की शर्ट कल ही नुक्कड़ बाजार से खरीदे हैं, बताओ तो इसे फाड़ दे "|

पिंकी -" हाय भगवान… सच में तुम कितना प्यार करते हो हमसे, कहीं हम मर ही ना जाएं इतने प्यार से" |

सुनील -" अच्छा एक बात बोले बुरा तो नहीं मानेगी पिंकी जी" |

पिंकी -" अरे आप बोलिए ना, बुरा माने आपके दुश्मन"|

सुनील -" आज आप एकदम कमाल की लग रही हैं, बिल्कुल सरसों के खेत की तरह "| पिंकी -" झूठ बोलते हो आप "|

सुनील -" अरे नहीं… झूठ बोले तो अम्मा की गाली सुने ससुर के, कसम से आज आप सरसों का खेत लग रही हैं इसीलिए तो हम मंडराते मंडराते आपके पीछे चले आए"|

यह सुनकर पिंकी का चेहरा खुशी से लाल हो गया और वह शर्मा कर इधर-उधर देखने लगी |

सुनील - "अच्छा पिंकी जी.. आपका यह नाम किसने रखा है? नाम तो प्यारा है लेकिन आप इतनी प्यारी हो कि आपका नाम तो स्वीटी जी होना चाहिए… स्वीटी, मीठी-मीठी "|


पिंकी -" अरे क्या बताएं? हमारा नाम दादी ने रख दिया है पिंकी, अब दादी की बात घर में कौन टाले, तो पापा ने भी रख दिया पिंकी लेकिन आप चाहो तो स्वीटी नाम रख लो, वैसे भी सुना है लव करने वाले एक दूसरे को नए नए नामों से बुलाते हैं, आप हमें स्वीटी बुलाया करो, हमें भी अच्छा लगता है "|

सुनील -" अच्छा सच में"??

पिंकी -" हां.. कसम से "|

सुनील -" और आप? आप हमें क्या कहोगी "|

पिंकी -" हम सोच कर बताएंगे"|

यह कहकर पिंकी दोबारा शर्मा गई और दूसरी तरफ मुड़ गई कि तभी पिंकी का पैर पास रखी बाल्टी में जा लगा तो पिंकी उछल पड़ी और बोली," हे भगवान.. पानी की बाल्टी भी भरनी है, आप भर दो ना ये.. बाल्टी" |


आगे की कहानी अगले भाग में..

धन्यवाद |