Satya - 24 in Hindi Fiction Stories by KAMAL KANT LAL books and stories PDF | सत्या - 24

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सत्या - 24

सत्या 24

सविता के घर पर औरतों का जमावड़ा लगा था.

अनिता, “सबिता उस दिन क्या अँगरेजी झाड़ी, इनिसपेक्टर का तो बोलती बंद.. क्या बोली? ... आई एम सबिता आएँ बाएँ शाएँ, अंट बंट शंट, वाह मजा आ गया.”

मीरा हँसते हुए बोली, “हम तो डर ही गए थे जब ये एस. डी. ओ. साहब के सामने भी शुरू हो गई.”

सविता ने लापरवाही के साथ कहा, “अंगरेजी बोलने में क्या शर्माना. और हमको जब गुस्सा आता है न, तो अपने आप मुँह से अंगरेजी निकलने लगती है.”

सत्या काम पर से अपनी साईकिल पर चला आ रहा था. अभी वह घर के पास पहुँचा ही था कि सविता ने उसे आवाज़ दी, “सत्या बाबू, ज़रा इधर आएँगे?”

सत्या ने वहीं से कहा, “हमको अपने ग्रूमिंग क्लासेस से दूर ही रखो. पता नहीं कौन-कौन सी गालियाँ अंगरेजी में बोलना सिखा रही हो.”

सविता, “गालियों के मामले में मैं पूरी पारंगत हूँ. लेकिन अभी एक दूसरा ज़रूरी काम है. बस थोड़ी सी सहायता कर दीजिए.”

बाहर खाट पर बैठा शंकर सत्या को देखकर हाथ जोड़कर उठ खड़ा हुआ. सत्या साईकिल स्टैंड करके पास आया, “कैसे हो शंकर? काम पर जाना शुरू किये कि नहीं?”

शंकर ने सकुचाते हुए बस इतना ही कहा, “जी,.. ठीक हैं.”

सत्या ने अनिता को सामने देखा तो उससे पूछा, “अनिता, तुम अंगरेजी के दस वाक्य सविता से सीख रही हो ना? कोशिश जारी रखो. जल्द ही बोलने लगोगी. अंगरेजी बोलना कोई ज़्यादा मुश्किल काम नहीं है. ...

सत्या अब सविता से मुख़ातिब हुआ, “हाँ, बताओ क्या बात है?”

सविता ने एक प्यारी सी अठारह-उन्नीस साल की लड़की को सामने करके कहा, “ये है कोमल. मेन बाज़ार में एक मॉल खुल रहा है. एक आभूषण की दुकान पर कोमल जॉब के लिए एप्लाई की थी. कॉल आया है. इंटरव्यू में कैसे बात करना है ज़रा कोमल को बता देते.”

सत्या, “वाह, यह तो खुशी की बात है. कॉन्ग्रैचुलेशन्स कोमल.”

कोमल ने शालीनता के साथ कहा, ‘थैंक यू सर. प्लीज़ टेल मी हाऊ टू अप्पियर इन द इंटरव्ह्यू.”

“अरे इतना अच्छा तो बोलती हो. किसने सिखाया इतनी अच्छी इंगलिश में बोलना?”

“सविता दीदी हैज़ टॉट मी.”

कोमल को अंगरेजी में बात करते देखकर सविता बड़ी खुश हो रही थी. लेकिन सत्या ने बताया, “बहुत अच्छे, पहला लेस्सन - जब कोई हिंदी में पूछे तो हिंदी में जवाब देना. बात-बात पर अंगरेजी मत बोलना. आवाज़ में सम्मान झलकना चाहिए. अंगरेजी में बात करने का घमंड नहीं. जो भी बोलो पोलाईटली बोलो. मूवमेंट में ग्रेस होना चाहिए. चलो अब रिहर्सल करते हैं. हम तुम्हारा इंटरव्ह्यू लेंगे. तुम सामने से चलकर आओ.”

स्वर्ण आभूषण दुकान पर पहुँचकर कोमल अपनी हिम्मत बटोरने के लिए एक क्षण रुकी. सलीके से पहनी साड़ी, आँखों में चमक, चेहरे पर हल्का मेकअप, माथे पर एक छोटी सी काली बिंदी, केश कसकर पीछे सुडौल जूड़े में सफाई से बंधे हुए - पहली नज़र में पहचानना मुश्किल था कि दरवाज़े पर कोमल खड़ी है. मेज़ के पीछे बैठे अधेड़ मालिक कांतिभाई ने चश्मे के ऊपर से उसकी ओर देखा.

कोमल, “क्या मैं अंदर आ सकती हूँ सर?”

कांति भाई के बगल में बैठी उसकी बहु शालिनी ने जवाब दिया, “या-या, प्लीज़ कम इन.”

कोमत शालीनता के साथ चलती हुई मेज़ के पास आकर बोली, “थैंक यू मैडम, थैंक यू सर. आई ऐम कोमल. आई ऐम इंट्रेस्टेड टू जॉयन दिस ऑर्गैनाईज़ेशन ऐज़ सेल्स सपोर्ट स्टाफ.”

शालिनी चौंकी, “ये कौन सा पोस्ट है?”

कोमल, “मैडम दुकान में ग्राहकों को चाय-पानी-कोल्ड ड्रिंक्स के लिए पूछने, ज़रूरत पड़ने पर वॉशरूम का रास्ता दिखाने के लिए आपको जिस स्टाफ की ज़रूरत है, वो मैं हूँ.”

शालिनी पेट पकड़कर ज़ोर से हँसने लगी, “सेल्स सपोर्ट स्टाफ, हा-हा-हा सेल्स सपोर्ट

स्टाफ. काफी डिग्निफाईड नाम दिया है तुमने. लेकिन दुकान खुलने पर झाडू-पोंछा भी तुम्हारे काम में शामिल है. आर यू अवेयर ऑफ दिस फैक्ट?”

कोमल, “यस मैडम, आई ऐम अवेयर ऑफ माई टर्म्स ऑफ..रेफर..रेफर.”

शालिनी ने ख़ामोशी से उसको घूरा, “यू वाँट टू से टर्म्स ऑफ रेफरेन्स, राईट?...वेल आई थिंक दैट यू आर ओवर क्वालिफाईड फॉर द पोस्ट. कितनी पढ़ाई की है आपने?”

“मैम बारहवीं की परीक्षा लिखे हैं... सॉरी लिखी है मैंने.”

“व्हेरी गुड. लेकिन ये काम क्यों करना चाहती हो....सॉरी, क्यों करना चाहती हैं आप?”

“कहीं से तो शुरूआत करना होगा.... मतलब शरुआत करनी होगी न मैम?”

“वेल आई ऐम इम्प्रेस्ड. व्हाई डोन्ट यू जॉयन आवर सेल्स टीम?”

कोमल ने कन्फ्यूज़्ड होकर कहा, “आई बेग योर पार्डन मैम?”

शालिनी ने कांतिभाई की ओर देखकर कहा, “पापा जी, दिस इज़ अ वेल ग्रूम्ड गर्ल. आई फाऊँड हर सूटेबल फॉर सेल्स टीम. इनको अपॉइंटमेंट लेटर दे दें और एक तारीख से ट्रेनिंग पर बुला लेते हैं?” कांतिभाई की हाँ में गरदन हिलने पर उसने कोमल से कहा, “कोमल जी आप खुश हैं न?”

कोमल, “जी मेहरबानी आपकी. लेकिन हम...मैं अभी भी नहीं समझी, मुझे करना क्या होगा?”

कांतिभाई ने उसे समझाया, “आपको ग्राहकों को गहने दिखाना है, उनको गहने पसंद करने में उनकी सहायता करनी है. दाम बताना है. डील फाईनल करके कैश काउंटर...”

कोमल, “एक मिनट सर...... मुझे खुशी है कि आप इस काम के लिए मेरा चुनाव कर रहे हैं....लेकिन मैं बताना चाहूँगी कि मेरा मैथ बहुत कमज़ोर है.”

कांतिभाई सोच में पड़ गए. फिर मुस्कुराते हुए बोले, “कमज़ोर है तो सीख लो.... अभी 15 दिनों का समय है तुम्हारे....अ... आपके पास. शालिनी बेटे, इनको अपॉइंटमेंट लेटर दे दो... कोमल जी, आप थोड़ी देर बाहर बैठें.”

कोमल ने हाथ जोड़कर प्रणाम किया और जाने लगी. शालिनी ने उसे हाथ के इशारे से रोका, “आपने पूछा नहीं कि आपकी सैलरी क्या होगी? .....सेल्स सपोर्ट स्टाफ की

सैलरी से तीन गुना अधिक... वैसे कहाँ रहती हैं आप?”

कोमल, “जी बहुत-बहुत धन्यवाद.... हम...मैँ मॉर्डन बस्ती में रहती हूँ. ऑटो से 20 मिनट का रास्ता है. मैं रोज़ समय पर पहुँच जाया करूँगी.”

कांतिभाई, “आपकी मॉडर्न बस्ती में आपकी तरह काबिल और भी लड़के-लड़कियाँ हैं क्या?”

“जी हैं.”

“जो-जो यहाँ काम करने को इच्छुक हों, सबको भेज दीजिए.....आई ऐम व्हेरी इम्प्रेस्ड विथ दिस बस्ती. डीसेंटली ग्रूम्ड पीप्ल. लेट मी सी अदर्स ऑलसो. शालिनी बेटे, मुझे तो लग रहा है कि हमें काफी स्टाफ इसी बस्ती से मिल जाएँगे .....नाओ कोमल जी यू कैन वेट आऊट साईड.”