Horror castle - 5 in Hindi Horror Stories by Sanket Vyas Sk, ઈશારો books and stories PDF | भूत बंगला.... - भाग ५

Featured Books
Categories
Share

भूत बंगला.... - भाग ५

आगे भाग ४ में हमने देखा की पूजा-वीधी चालू थी तभी ही बीचमें प्राची को धूपसली के धुए में आत्मा कुछ दिखाती हैं तो प्राची वहा से खडी हो जाती हैं तो वो तांत्रिक टेन्सन में आ जाते है और अब आगे...

एसा होने पर दोनो तांत्रिक टेन्सन में तो आ जाते हैं और वो चेतन को बारी-बारी कहते है की, "चेतनजी कुछ करके उनको पूजा में साथ में बिठवाओ वरना हम कुछ भी नहीं कर पाएँगे।" मगर उस समय चेतन कहता हैं कि, "कोई दूसरा उपाय बताओ जिससे ये जो हुआ था वो फिर से ना हो, मैने तो बनती कोशिश की ही है, आप जो जानते ही हो।" उस समय प्राची अचानक ही कहने लगती हैं,"चेतन तूम ये दोनो तांत्रिक को यहा से तुरंत ही भगा दो, उन्होने ही तुम्हें अभिमंत्रित जल से अपने वश में किया था और ये लोग यहा मुझे भगाने नहीं बल्कि तुम्हारी प्राची की बली देने आए है, और कोई लडकी की हत्या करे वो मुझे बिलकुल ही पसंद नहीं" और तुरंत ही प्राची बेहोश हो जाती हैं। एसा प्राची के मुंह से सुनकर चेतन थोडा अचंबित हो उठता, शोक में आ जाता है और सभी तांत्रिक ये सब मामला समझ जाते है और वो चेतन पर हुमला करने का प्रयास करते है ठीक उसी समय कही से चमगादड़ उस तांत्रिक के मुह पर चिपक जाता है। ये सब मामला देखकर चेतन बहुत ही हैरान हो जाता है मगर वो खुद को स्वस्थ करके अपने मोबाइल से पुलिस को बुलाकर दोनो तांत्रिक को उनके हवाले कर देता है। चेतन वहाँ से प्राची को उठाकर सीधा अस्पताल पहुँच जाता है और उसकी ट्रीटमेन्ट करवाने लगता हैं। थोडीदेर बाद प्राची जब होश में आई तो खुद को अस्पताल में देख चेतन को पूछने लगती हैं, "चेतन क्या हुआ ? मुझे अस्पताल में लेकर क्यों आए हुए हो ? हम तो बंगले में पूजा-वीधी करने बैठे थे ना ! और वो बंगले से बूरी आत्मा को निकालने का क्या हुआ ?" चेतन उसे अच्छी तरह से बोलते देख खुश होता है और उसे कहता हैं, "वो आत्मा का कुछ पता नहीं पर तुमको कुछ हो गया था, तुम अजीब तरीके से बाते करने लगी थी जैसे तुम्हारे भीतर से कोई दूसरा व्यक्ति बोल रहा था।" प्राची ये सुनते ही कहने लगती हैं,"तुम क्या ये गलत-शलत बक रहे हो, मेरी तबियत बिगड़ी होगी तभी ही तुम मुझे यहा अस्पताल में लाए हो मगर हा पर एक बात सही है की जब हम पूजा करने बैठे थे उस समय मुझे झटका महसूस हुआ था उससे भी पहले मैंने जो धूपसली जल रही थी उसके धुए में वोही वाला चेहरा दिख रहा था जो चेहरा मैं वहा रहने आई तब दिखा था जो दिखा रहा था की कोई तांत्रिक हैं जो कीसी लडकी की बली देने वाले हैं तभी शायद में तभी वहां से खडी हो गई थी क्योंकि ऐसे भयानक तरीके से कीसी की हत्या हो रही में कैसे देख पाऊ ! और तो और वो तांत्रिक लोग ऐसा कर रहे थे जो हमारे वहा पूजा करने आये वो भी तांत्रिक ही थे। हमे कुछ बली-शली वाला काम करवाना नहीं है, हमेंतो आत्मासे छुटकारा लेना हैं तो फिर ऐसी पूजा मे मैं क्यों बैठु ? क्या इससे हमे वो आत्मा से छुटकारा मिलेगा ?" वो दोनो प्राची के घर पहुँच जाते हैं और एक रूम में बात करते है तभी अचानक ही प्राची चोंककर कहती हैं, "अरे अच्छा हुआ जो भी हुआ, मतलब हमने जिसको भगाने पूजा-वीधी करवाई वो हमे ऐसे सहाय करने लगी है, मतलब यह अच्छी आत्मा ही होगी, भले ही हमे बुरी दिखती हो।" फिर चेतन उसे जवाब देते हुए कहता हैं,"अरे ये सब आत्मा-शात्मा कुछ नहीं होता, ये सब बातों को छोडो और तुम मुझे बताओ की उस बंगले में तुम रहने आओगी या नहीं ? गर जो तुम्हें वहां रहने नहीं आना तो वो में बेचकर हमारे लिए नया मकान ले लूंगा।" जब चेतन प्राची को नया मकान लेने वाली बात करता है तब प्राची एकदम झटके से बोलती है, "पर मेरा क्या होगा ? तुम तो नया घर ले लोंगे, मुझे यहाँ अकेला छोडकर तुम कैसे जा सकते हो ? मैं आपके साथ ही रहूंगा।" प्राची का एसा अजीब सा जवाब सूनते ही चेतन के होश उड जाते हैं की जो वहा रहने आने को मना कर रही थी आज एसा क्यों करने लगी है?" चेतन बहुत ही डर जाता हैं।
- संकेत व्यास (ईशारा)