Haunted ship aur mysterious Girl in Hindi Horror Stories by Roshan Jha books and stories PDF | प्रेतवाधित जहाज और रहस्यमय लड़की

Featured Books
Categories
Share

प्रेतवाधित जहाज और रहस्यमय लड़की

प्रेतवाधित जहाज और रहस्यमय लड़की
राईटर = रौशन झा
जेनर = हॉरर सस्पेंस

क्या आप भूत-प्रेतों पर विश्वास करते हैं आप में से कई ऐसे लोग होंगे जो इन सब पर विश्वास नहीं करते होंगे मैं भी नहीं करता था पर मेरे साथ जब एक घटना घटी उसके बाद ना चाहते हुए भी मुझे इन सब पर विश्वास हो गया और वे होते हैं हमारे आस पास ही होते हैं तो चलिए आज मैं आपको बताने जा रहा हूं वही घटना है जो मेरे साथ घटी थी बात सन 1910 की है जब भारत में ब्रिटिश शासन था तब मैं ब्रिटिश सेना में एक सैनिक की पद पर तैनात था और उस समय कई ऐसी कीमती वस्तुएं और समान भारत से लंदन जहाज से ले जाया जाता था और एक दिन ऐसे ही एक जहाज लंदन के लिए रवाना होने वाला था जिसमें सुरक्षा के लिए मुझे भी नियुक्त किया गया था मैं भी उस जहाज में मौजूद था और कई सारे लोग समान लेकर कई लोग अपने परिवार को लेकर उस उस जहाज पर सवार हो रहे थे मैं भी वहां पर मौजूद होकर निरीक्षण कर रहा था कुछ ही देर के बाद जहाज का हार्न बजा और जहाज किनारे को छोड़कर अपनी मंजिल की ओर बढ़ चला जहाज पर काफी चहल पहल थी लोग आपस में बात करने में मशगूल थे तभी मैंने सोचा डेक की तरफ जाकर भी थोड़ा निरीक्षण कर लेता हूं और यह सोचकर मैने जहाज के डेक की और बढ़ा सीढ़ियों से होता हुआ मैं जहाज के डेक पर गया और हर तरफ नजर दौरा कर निरीक्षण करने लगा तभी मुझे वहां एक बच्ची अकेली खड़ी दिखाई पड़ी मुझे कुछ जिज्ञासा हुई तो मैं उसके करीब जाकर पूछा

हे बेबी क्या तुम अकेली हो क्या तुम्हारे साथ और कोई भी हैं

तो वह मेरी और मुड़ी उसके चेहरे पर एक अजीब सी खामोशी नजर आ रही थी ऐसा लग रहा था जैसे वह कई सारे राज दफन करके रखी हो

मैंने उससे फिर दोबारा सवाल किया

क्या तुम यहां पर अकेली हो क्या तुम ठीक हो क्या और कोई तुम्हारे साथ हैं

पर उसने कोई जवाब नहीं दिया तभी पीछे से किसी ने आवाज लगाई

हे लिडिया तुम यहां पर हो मैंने तुम्हें हर तरफ ढूंढा

मैंने पीछे देखा एक औरत थी वह उस बच्ची के करीब आकर बोली

क्या तुम ठीक हो

तो उस बच्ची ने कुछ जवाब नहीं दिया फिर औरत ने मुझसे कहा

माफ करिए आप कौन हैं

मैंने कहा मैं एक सैनिक हूं और मुझे इस जहाज पर निरीक्षण के लिए रखा गया है और मैं इस बच्ची को यहां पर देखा तो मुझे कुछ जिज्ञासा हुई इसलिए मैं इस से कुछ सवाल कर रहा था पर इसने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया क्या यह ठीक है

तो उस औरत ने कहा

हां बस इसकी तबीयत खराब है आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

यह कहते हुए उसने उस बच्ची को अपने साथ लेकिन जाने लगी और मैं उसे देख रहा था और सोच रहा था
आखिर इसने मेरे किसी भी सवाल का जवाब क्यों नहीं दिया आखिर क्या हुआ होगा इसके साथ कूछ दूर जाने के बाद बच्ची ने मुझे पलट कर देखा अभी भी उसके चेहरे पर एक अजीब सी खामोशी थी मैं भी बस उसे ही देख रहा था तभी एक पीछे से एक आवाज आई

हेलो सोल्जर क्या आप ठीक हो

वह आवाज शिप के कैप्टन की थी मैंने कहा

हां कैप्टन बस यहां पर कुछ निरीक्षण कर रहा था

तो कैप्टन ने पूछा क्या सब ठीक है

मैंने कहा

हा सब ठीक है चलिए

और फिर हम दोनों साथ शिप के डेक से नीचे आ गए रात को शिप पर एक फंक्शन था और सभी फंक्शन का लुफ्त उठा रहे थे मैं भी वहीं पर मौजूद था और उस फंक्शन का लुफ्त उठा रहा था और मैंने तभी देखा वह औरत और वह बच्ची जो मुझे जहाज के डेक पर मिले थे वह भी वहीं पर मौजूद थे और और वह औरत किसी आदमी से बात कर रही थी मैं दूर से उन्हें देख रहा था फिर वह औरत इस बच्ची को लेकर वहां से चली गयी तभी वेटर ने मुझे टोका

सर क्या आप कुछ लेना पसंद करेंगे

मैंने कहा

नही धन्यवाद

और यह कहकर मैं वहां से निकल गया ओर जहाज पर टहलने लगा अभी मैं वहां पर टहल ही रहा था तभी मुझे किसी के कदमों की आहट महसूस हुई मैं सतर्क हो गया और इधर उधर देखने लगा पर वहां पर कोई मुझे मौजूद नजर नहीं आ रहा था फिर मुझे ऊपर जहाज के डेक के ऊपर किसी के चलने की आवाज सुनाई पड़ी मैं जहाज के ऊपर पहुंचा और वहां पर मुझे कोई नजर नहीं आया अभी मैं वापस मुडने ही वाला था कि तभी मुझे वहां पर कोई खड़ा नजर आया वहां पर काफी अंधेरा था रात का समय था चारों तरफ धुंध थी इसलिए मुझे कुछ साफ नजर नहीं आ रहा था मैं उसकी और बढ़ा और आवाज लगाई

कौन है वहां पर

पर उसने कोई जवाब नहीं दिया मैं उसके बस करीब पहुंचने वाला ही था की वह अचानक गायब हो गया मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था आखिर जो यहां पर कुछ देर पहले था अचानक से कहां गायब हो गया मैंने जहाज पर हर तरफ इधर-उधर देखा पर वहां पर मुझे कोई नजर नहीं आया मैं काफी परेशान हो गया और फिर मैं जहाज के डेक से नीचे आने लगा तभी वहां पर मुझे वही बच्ची नजर आई

मैंने पूछा तुम इतनी रात गए यहां पर क्या कर रही हो

पर उसने कोई जवाब नहीं दिया मैंने फिर पूछा

क्या तुम यहां पर अकेली हो तुम्हारी मां कहां पर हैं

तो उसने कोई जवाब नहीं दिया और डेक की तरफ इशारा किया मुझे यह काफी अजीब लगा और तभी वह औरत वहां पर आई और बच्ची से बोली

तुम्हें मैंने कितनी बार समझाया है फिर भी तुम नहीं मानती और यहां पर क्या कर रही हो तुम्हें बस एक बार मैं लंदन तुम्हारे नाना नानी के यहां पहुंचा दूं बस मेरी ड्यूटी खत्म

उस औरत ने मेरी तरफ देख कर कहा

इसके लिए मैं माफी चाहती हूं इसने आपको परेशान किया

मैंने कहा

ऐसी कोई बात नहीं है बस मैं यहां पर निरीक्षण कर रहा था तो यह मुझे यहां पर मिली आप इसका ध्यान रखिए क्या यह बच्ची आपकी है

तो उस औरत ने कहा

नहीं दरअसल मैं इसे लंदन में इसके नाना नानी के यहां पहुंचाने जा रही हूं और मेरी यही ड्यूटी है

तो मैंने कहा

क्या इसके माता-पिता नहीं है

तो उस औरत ने कहा

दरअसल कुछ दिन पहले ही इसकी मां की मृत्यु हो गई हैं और इसके पिता ब्रिटिश शासन में एक ऊंचे पद पर हैं और उन्हें किन्ही कारणों से वहां पर रुकना पड़ा इसलिए उन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी दी है इसे वहां तक पहुंचाने की

तो मैंने कहा

अच्छा यह बात है

और फिर मैंने कहा

कृपया इसका ध्यान रखें

और यह कहकर मैं वहां से चल दिया मैं सोच रहा था आखिर वह जहाज के डेक पर कौन था अचानक वह गायब कैसे हो गया और उस बच्ची ने उधर इशारा क्यों किया यह सारी बातें मुझे कुछ समझ में नहीं आ रही थी और मैं यह सब बातें सोच रहा था तभी कैप्टन मेरे पास आते हुए बोले

सोल्जर क्या बात है कुछ परेशान लग रहे हो

मैंने कहा नहीं ऐसी कोई बात नहीं है

कैप्टन ने कहा

नहीं बोलो कोई बात नहीं

मैंने कहा

कैप्टन कल मेरे साथ एक घटना हो गई कल रात की बात हैं मै फंक्शन से निकलकर जहाज पर टहल रहा था तभी मुझे जहाज के ऊपर डेक पर कोई नजर आया और जब मैं वहां पर पहुंचा और पूछा कि कौन है तो उसने कोई जवाब नहीं दिया और जब मैं उसके करीब पहुंचा तो अचानक से वह गायब हो गया आखिर वह क्या था और अचानक कहा गया यह मुझे कुछ समझ में नहीं आया और और तब से मैं काफी परेशान हूं

कैप्टन मेरी ओर देखा और बोला

सोल्जर हमारे साथ ऐसी कई घटनाएं घटती हैं जिस पर हमारा विश्वास करना काफी कठिन रहता है पर दुनिया में ऐसी कई चीजें हैं जो हमारी सोच से कहीं परे हैं और ऐसे ही कई रूहे होती हैं जो हमारे आसपास मौजूद रहते हैं और कभी कभी वो हमारे सामने आ जाते हैं हो सकता है तुम्हारे साथ भी यही हुआ हो क्या तुम्हें और कोई ऐसी बातें जो अजीब लगी हुई हो

मैंने कहा

हां वहां पर एक बच्ची भी मौजूद थी जब मैंने उससे पूछा क्या तुम यहां पर अकेली हो और तुम्हारी मां कहां पर है

तो उसने वही डेक की तरफ इशारा करके मुझे दिखाया यह मुझे काफी अजीब लगा और वह बच्ची भी मुझे काफी अजीब लगती है और ऐसा लगता है जैसे वह कुछ हमसे छुपा रही हैं जैसे कोई राज

कैप्टन ने कहा सोल्जर हो सकता है ऐसा भी हो पर तुम इस सब बातों पर ध्यान मत दो इससे तुम काफी परेशान हो जाओगे

उसने मेरे कंधों पर हाथ रख कर बोला मैंने कहा कि

जी कैप्टन

और फिर कैप्टन अपनी केबिन की ओर चले गए ऐसे ही दिन बीतते गए और हम अपनी मंजिल की ओर बढ़ते जा रहे थे फिर एक दिन कुछ ऐसी घटना घटी जो काफी अजीब और रहस्यमय थी एक दिन ऐसे ऐसे ही मैं जहाज के डेक पर घूम रहा था और निरीक्षण कर रहा था तभी मुझे वह बच्ची कही जाती दिखी मैं चुपके से उसके पीछे जाने लगा कुछ दूर जाने के बाद जब मैंने वो नजारा देखा वह काफी भयानक था और मै ने देखा वहां पर एक औरत उस बच्ची के साथ खड़ी थी मुझे उसका कुछ चेहरा साफ दिख नहीं रहा था क्योंकि उस औरत दूसरी तरफ मुड़ी हुई थी मैंने सोचा इसके पास जा कर देखता हूं और मैं धीरे-धीरे उस और बढ़ा और मैं उसके लगभग करीब पहुंच ही गया था तभी वह औरत मेरी तरफ मुड़ी उसका चेहरा देखकर मैं काफी डर गया उसका चेहरा काफी डरावना था यह देखकर मैं काफी घबरा गया मैंने तुरंत अपनी बंदूक निकाली और उसकी और तान दिया इतने में वह अचानक गायब हो गई यह देखकर में और भी घबरा गया और उस बच्ची की ओर देखा वो बच्ची बिलकुल भी नहीं डरी थी मैंने उससे पूछा

वह कौन थी और तुम उसके साथ क्या बातें कर रही थी मुझे बताओ

तब उस लड़की ने मुझे कहा वह मेरी मां है और वह मुझसे मिलने आती है

यह सुनकर में हक्का-बक्का रह गया तभी वहां पर वह औरत आ गई और उस बच्ची को पकड़ कर बोली

तुम फिर यहां पर हो मैं तुम्हें कितनी बार बताया है कि अकेले रात को नहीं निकलते हैं

तो मैंने कहा

नहीं अब यह सुरक्षित है मैं भी यहीं पर था

फिर उसने मुझसे कहा

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

और उस बच्ची को लेकर चली गई पर उसके कहे हुए शब्द मेरे अभी भी कानों में गूंज रहे थे अगली सुबह हम लंदन पहुंच चुके थे सभी यात्री जहाज पर से उतर रहे थे और मैं जहाज पर था तभी मेरी नजर उस औरत और उस बच्ची पर पड़ी जो उस जहाज से उतर कर जा रहे थे मैं उसे देख रहा था और सोच रहा था कि क्या वाकई ऐसा भी कुछ होता है पर मुझे अब यकीन हो गया था कि रूहे होती हैं और हम उसे महसूस भी कर सकते हैं और वो हमें भी