Sakriy gang in Hindi Short Stories by Sanket Vyas Sk, ઈશારો books and stories PDF | सक्रिय गेंग

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सक्रिय गेंग

रात को कुत्ते की भोंकने की आवाज और खेत में कुछ सनसनाहट सुनकर केशवसिंह हाथ में टोर्च लेकर खेत में क्या हुआ। वो देखने निकल पड़े ये कहते की अब तक तो बहुत शांति थी और ये अचानक हुआ क्या जो ये शोर मच गया !

उन्होंने टोर्च के प्रकाश से दूर एक लड़की को गीरी हुई देखते ही आवाज लगाई "ओय लडकी इतनी रात गए खेत में क्या करने आई है ?"

लड़की का कोई जवाब और हिलचाल ना देखते वो खुद वहा पर पहुंच गए और पहुँचते ही देखा की वो लड़की खुन से लथपथ थी। उन्होने तुरंत ही उसे सीधा किया तो देखा की ये तो उनकी भतीजी "सोनम" थी। वो तुरंत ही सोनम को उठाकर गाँव में डॉक्टर के पास ले गए, डॉक्टर ने देखके कहा कि ईसकी तो एक घन्टे पहले ही मोत हो चुकी थी। उन्होने तुरंत ही अपने भाई रामसिंह को फोन करके बुलाया। रामसिंह तुरंत ही चला आया और अपनी बेटी का एसा हिल देख बहुत रो पड़े और बोलने लगे "मैंने मना किया था सोनम को की उन सभी लड़कियों के साथ मत रहना, वो सभी बहुत ही गंदी है। उनका कई एसे लडको के साथ बहुत बुरा रीश्ता है जो लड़कियों की लेनदेन के गंदे धंधे करते है मगर सोनम तो मेरा कहाँ मानती ही नहीं थी।

केशवसिंहको गुस्सा तो आया पर उसे रोककर शांत खडे रहे। रामसिंह का कहा सुनकर केशवसिंह ने कहा भाई अच्छा हुआ की अपनी बेटी कोई एसी हरकत का शिकार नहीं हुई सीधा भगवान के वहां पहुँची मगर तुम मुझे उन सब लडके के नाम बता जो एसे गलत धंधे करते है। अपनी बेटी को तो नहीं बचा सकें पर किसी और की लकडियां तो बचे। और हमारी बेटी के हत्यारे को ढूंढकर उसे भी भगवान के हवाले ही कर दूंगा। रामसिंह नाम बताते हैं। नामसूनते ही वो कहते है "ये जो नाम बताए वो सब तो हमारी फैक्टरी में काम करते हैं वो है। वो सोनम की हत्या क्यों करेंगे ! मुझे तो लगता हैं कि सोनम की अपनी सहेलीयों के साथ कुछ दुश्मनावट हो गई होंगी और उन्होने ही ये सब किया होगा।

मुझे शक भी है क्योंकि मैने खेत में ये सब हुआ उससे पहले कुछ लड़कियों को खेत में कुछ उठाकर जाते हुए देखा था मगर सोनम उन सब के साथ नहीं थी। मुझे उन लड़कियों पर बहोत शक है। उन सभी लड़कियां जो सोनम की दोस्त है सभी को तुम जानते हो उन्हें यहां बुलाओ। तभी कहीं से एक लड़की भागती हुई सोनम के घर पहूँचती है। वो हां नही है एसा जानते तुरंत ही रामसिंह के पास पहुँच जाती हैं। उसके शरीर पर बहुत घाँव थे। उसको एसी देख रामसिंह पूछते है "बेटा तेरी एसी हालत क्यों है? तेरे साथ हुआ क्या? और भागी हुई सोनम को मिलने क्यों चली आई ?

वो लडकी लंबी साँस लेकर बोली "चाचाजी मैं सोनम को ये कहने आई थी कि जो लकडियां तेरी नई दोस्त बन रही हैं तुम उन लड़कियों से थोडी दूरी बनाए रखना। मैंने उन सभी की एसी बात सुनी की मेरा जी घबरा गया। वो सभी बहुत ही खराब है। मैंने ये सुन लिया और मैं उनके खिलाफ हो गई तो वो मुझे पकड के मारने का प्रयास करने लगी पर में वहां से भाग आई। सोनम के साथ उन्होने एसा क्यूँ किया वो तो मुझे मालूम नहीं मगर वो भी शायद मेरी तरह उनके खिलाफ हो गई होंगी। मैं सोनम को ये बताने आई थी की एक ऐसी गेंग सक्रिय हुई है जो लड़कियों को बेचने का गंदा धंधा करती हैं ।

उनमे से कुछ सोनम की दोस्त बन गई थी। ये सूनते हीं रामसिंह और केशवसिंह दोनो बहत ही उबल गए और कहने लगे "चल अब तू हमे उन लड़कियों के बारे मे बता हम दोनो उन्हें पकड़कर उनकी पूरी गेंग के बारे में जानेंगे और हमारी बेटी की हत्यारी को ढूढ कर उसे भी भगवान के हवाले करेंगे और गेंग को पकडवा कर दूसरी बेंटीओ को बचाएँगे । चलो अब दुःख ये भूलकर पुलिस स्टेशन जाकर फ़रियाद करते है और दूसरी बेटीओ को बचाने के लिये पुलिस की मदद से ईस गेंग को ढूंढते है। अब तो में मेरी बेटी की हत्यारी को नहीं छोडूंगा।" ऐसा कहते ही आँखों को पोंछकर दोनों वहाँ से निकल पड़ते हैं।

- संकेत व्यास (इशारा)