दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें
(लघु कथा-संग्रह )
20--आप क्या पीती हैं ?
चिराग नामके एक लड़के की फ्रैंड-रिक्वेस्ट पर मालिनी ने बहुत दिनों तक कोई ध्यान नहीं दिया | कोई 25/26 वर्ष का लड़का दिखाई दे रहा था उस तस्वीर में जो एफ़ बी पर चिपकी थी |
पता नहीं उसके पास नं कहाँ से आ गया |
कभी मैसेंजर पर तो कभी वॉट्सैप पर मैसेज आए |
'आप मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट क्यों एक्सेप्ट नहीं कर रही हैं ?'
रागिनी खीज उठी, उसके प्रोफ़ाइल पर गई | उसके प्रोफ़ाइल पर केवल फ्रैंड के नाम में चिराग ही लिखा था | किसी कंपनी में काम कर रहा था, राजस्थान से था |यह उसकी तस्वीरों से पता लग रहा था |
पता नहीं रागिनी ने कैसे उसकी रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली, अपनी साठ वर्ष की उम्र देखते हुए लगा, बच्चा है | बात आई गई हो गई, उसने उसके एफ़ बी पर कमेंट करने शुरू किए | रागिनी 'थैंक्स' लिख देती |
मैसेंजर पर बात करने लगा ;
"आप कहाँ रहती हैं ?"
"क्यों?"
"वैसे ही " कुछ चुप रहकर लिखा
"मिलना चाहता हूँ ---"
"क्यों?"
"ऐसे ही, आपसे बात करनी है | "
रागिनी को खीज हो आई, क्या करेगा उससे बात करके ?उसके साथ की है क्या ? वह चुप लगा गई |
कुछ दिनों बाद फिर मैसेज मिला ---
"आप इतनी रूड क्यों हैं ?"
कई दिनों बाद उसने उत्तर दिया ;
"नहीं, तुमने मेरा क्या बिगाड़ा है जो मैं रूड होऊँगी ?"
"तो मिलती क्यों नहीं ?' रागिनी ने अपना सिर पकड़ लिया |बड़े मासूम से चेहरे का बच्चा !
"ठीक है, मिलूँगी कभी ---"उसने टालने की गरज से कहा |
"मैं व्यस्त रहती हूँ ---"
"किसमें ?"
"कविता, कहानी लिखने-पढ़ने में ---"
"हम भी कुछ सीख लेंगे ---" उसे हँसी आने लगी, सोचा उसे किसीके सुपुर्द कर दिया जाय जो उसे कुछ तो सिखा ही देगा| उसने आकाश से बात की जो लगभग चिराग की उम्र का ही था |
"आप क्या खाती-पीती हैं ?" कामिनी को हँसी आई | क्या बिलकुल बच्चों जैसी हरकतें कर रहा था |
"मैं रोटी खाती और सादा बिना फ्रिज का पानी पीती हूँ ---"
"ओह ! मैं पूछ रहा था --व्हिस्की---रम -- वगैरह में क्या ---?"फिर लिखा
"और-- कहाँ मिलेंगे ? "
रागिनी ने अपने साहित्यिक ग्रुप के एक सदस्य से बात की, तय हुआ एक रेस्त्रां में बुलाया जाए, वहाँ उस दिन कोई साहित्यिक कार्यक्रम होना निश्चित था, सब होंगे | आकाश बड़ी बेसब्री से उसका इंतज़ार कर रहा था | सारा कार्यक्रम पूरा हो गया, उसके मैसेज आते रहे |
"आप अभी भी वहीं हैं ?"लगभग दोघंटे बाद उसने पूछा |
" हाँ.तुम आए क्यों नहीं ?"
"घर गया था न, वहाँ से आने में लेट हो गया ----"
आकाश ने बाहर जाकर देखा, कोई हेलमेट पहने बाइक पर खड़ा था | जैसे ही वह उसके पास जाने लगा, उसने एक किक लगाई और भाग खड़ा हुआ |
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