Adha Mudda-Sabse Bada Mudda - 14 in Hindi Women Focused by DILIP UTTAM books and stories PDF | आधा मुद्दा (सबसे बड़ा मुद्दा) - अध्याय १४.

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आधा मुद्दा (सबसे बड़ा मुद्दा) - अध्याय १४.

-----अध्याय १४."शिक्षा कहाँ?"----

शिक्षा का भेदभाव आज भी बड़े स्तर पर परिवार वालों के चलते ही होता है, लड़कियां पढ़ नहीं पाती, उनकी सोच है कि लड़की पढ़ जाएगी तो मनमानी करेगी, अरे भाई लड़का पढ़ जाता है तो क्या मनमानी करता है? क्या लड़का मे आपका इतना कंट्रोल/नियंत्रण है कि वह मनमानी नहीं करता या लड़का मनमानी करे तो चलेगा, लड़की कर ले तो समस्या, क्यों है? यह कहां का न्याय है? यह कहां की सोच है? ये कहां की राय है? यह कहां की चाह है? लड़के के पढ़ाई में खर्च होने पर माता-पिता को न खलता, वहीं लड़की की पढ़ाई पर खर्च होने पर उनका मन ,दिल इतना टूट जाता कि, इतना दुखी हो जाता है की वो लड़की की पढ़ाई बंद करवा देते ,लड़कियों को शिक्षित न करना ये बताता है कि आप लड़का और लड़की में भेदभाव करते हैं, लड़की को कम चाहते हैं, लड़की को पराया धन मानते हैं और आप को लड़की नहीं चाहिए थी और भगवान ने गलती से आपको लड़की दे दी है, जिसे आप बर्दाश्त कर रहे हैं, आप न केवल शिक्षा से रोकते बल्कि उसके सभी अधिकारों से ,एहसासों से, इच्छाओं से, भावनाओं से, चाहतों से उसको बेदखल करने लगते हैं, एक आम सोच ये है की लड़की पढ़ लिखकर करेगी क्या? अरे भाई लड़की पढ़ लिखकर वही करेगी, जो आपका लड़का पढ़ लिखकर करता है |खुद को संभालेगी, परिवार को संभालेगी, मौका देंगे तो जॉब करेगी, आपको पैसे भी कमा कर देगी|

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"अगर नारी के अधिकारों की बात करे तो सबसे पहले नारी को शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए, इसी से उसका उत्थान होगा, इसी से उसका विकास होगा, इसी से उसका स्वाभिमान जगेगा, इसी से उसका अभिमान जगेगा और इसी से वो अपने पैरों में खड़ी हो सकेगी |"

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"शिक्षा नारी का प्राथमिक हक़ है |

शिक्षा नारी का सबसे बड़ा हक़ है |

शिक्षा नारी का श्रृंगार है |(जीवन का श्रृंगार)

शिक्षा नारी का आत्मविश्वास है |

शिक्षा नारी का अधिकार है |

शिक्षा नारी की जरुरत है |

शिक्षा नारी की चाहत है |

शिक्षा नारी का ख्वाब है |

शिक्षा नारी का सपना है |

शिक्षा नारी का अपना है |

शिक्षा नारी का प्रभु है |

शिक्षा नारी का सब-कुछ है |

फिर भी शिक्षा नारी से दूर, क्यों है?

फिर भी शिक्षा नारी से दूर, क्यों है?

कौन है इसका जिम्मेदार?

कौन है इसका कसूरवार?

महान पुरुष ही तो है |

अहंकारी पुरुष ही तो है |

स्वार्थी पुरुष ही तो है |

अभिमानी पुरुष ही तो है |

रूढ़िवादी पुरुष ही तो है |

कहता की तू मेरा मान है ,

फिर भी न देता अधिकार है |

फिर भी न देता सम्मान है |

ऐसा क्यों है, तू पुरुष |

ऐसा ही है, तू पुरुष |

एक बार तू सोच जरा, बार-बार तू सोच जरा |

हर बार तू सोच जरा, मेरी बात तू मान जरा |

फिर देख तू, क्या सम्मान पायेगा?

फिर देख तू, क्या प्यार पायेगा?

फिर देख तू, क्या यार पायेगा?

फिर देख तू, क्या संसार पायेगा?

दुनियां बदल जाएगी, महफिल बदल जाएगी |

परिवार संवर जायेगा, परिवार बदल जायेगा |

ये(यही) हमारी जीत होगी |

ये(यही) हमारी जीत होगी ||"

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"नारी में बारे में बातें, नारी के नजरिये से |"
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