suno aisha - 4 in Hindi Fiction Stories by Junaid Chaudhary books and stories PDF | सुनो आएशा - 4

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सुनो आएशा - 4

आयशा ने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया।मेरे रिंग पहनाते ही उसने खुशी से मुझे हग कर लिया।।उसका यूं हग करना मेरे लिए सरप्राइज था।।उसका फूल सा जिस्म कुछ देर मेरी बाहों में यू ही समाया रहा और हम दोनों आंखे बंद कर के एक दूसरे को फील करते रहे।। हमे होश तब आया जब स्पीकर से "तुम मिले" गाना हट के "तुम हो कमाल तुम बेमिसाल तुम लाजवाब हो आयशा"लग गया।।गाने के बोल सुनते ही हम दोनों हँसने लगे।। फिर अलग अलग बैठ कर न जाने कितनी देर एक दूसरे को प्यार भरी नजरों से देखते रहे।।आख़िरकार 2 घण्टे का वक़्त कब मुठ्टी से रेत की तरह फिसला पता ही नही लगा।और आयशा के घर जाने का वक़्त हो गया।।एक बार फिर हग कर के मेने उसे विदा दी।।


अपनी पहली सक्सेस फूल डेट के बारे में मैने जब हिरा को कॉल कर के बताया तो वो बड़ी खुश हुई।।कहने लगी कितना खर्चा कर दिया छुटके।।मेने कहा इस महीने की 3 हज़ार की पूरी पॉकेट मनी ये एक डेट खा गई।।अब इस महीने नही मिलूंगा।।क्योंकि खर्चने के लिये कुछ नही बचा।। इस पर हिरा हँसने लगी।और कहने लगी चल बढ़िया है।

मेरे एग्जाम करीब आ गए थे लेकिन में इश्क़ का सबक पढ़ने में लगा था।।और वही हुआ जिसका हिरा को अंदाज़ा था।।पहले एटेम्पट मे ही में फैल हो गया। ये फैल होने को खबर जब घर पहुँची तो दुनिया भर की सारी बुराइयां मेरे ओर मेरे मोबाइल के ऊपर आकर रुक गयी।। लेकिन में इस बात से सुकून में था कि आयशा के बारे में नही पता है किसी को।।वरना सारा ब्लेम उसके ऊपर जाता।।

खेर ये सुकून ज़्यादा देर का नही था।।अम्मी ने मेरे फैल होने की खुशखबरी हिरा को सुनाई तो उसने तोते की तरह आयशा के बारे में सब बक दिया।।

अम्मी आयशा को जानती थी।।कहने लगी ये इन सब चक्करो में क्यो पड़ रहा है तू।खुद की पढ़ाई तो खराब कर ही रहा है साथ मे उसकी भी बदनामी का इंतज़ाम कर रहा है।।कल को लोगो को पता लगेगा कि वो तेरे साथ घूमती है तो कोन रिश्ता ले के आयगा उसका।।

मेने कहा किसी ओर को रिश्ता लाने की क्या ज़रूरत है। में हु न।।

अम्मी कहने लगी कितना बेशर्म हो गया है तू जुनैद। अभी से शादी की बाते करने लगा है।।
पापा ने अम्मी की बात बीच मे काट ते हुए कहा बेशर्मी की क्या बात है बेगम ? बच्चा बड़ा हो गया है अपनी पसंद का इज़हार कर रहा है।।इसमें केसी बेशर्मी।

मेने मन ही मन पापा को देख के "गंगाजल" मूवी का डॉयलोग कहा "इतना बोल दिए है आप छाती चोड़ा हो गया हमारा"

अम्मी ने मेरे बुझे चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट देखी तो कहने लगी इज़हार तो कर रहा है पर ज़िम्मेदारी कैसे सम्भालेगा ये।।ऐसे फैल हो हो के हर साल ?

पापा ने कहा जुनैद मियां बात आपकी अम्मी की भी सही है।।और इज़हार आपका भी सही है।।तो ऐसा न कर लें कि दोनों का काम हो जाये..

मेने कहा जी पापा बिल्कुल बताएं।।

पापा कहने लगे हम तुम्हारा रिश्ता आयशा के साथ लगा देंगे।।लेकिन शर्त ये है कि तुम्हे दिल लगा के पढ़ना होगा।।रोज़ाना 8 से 10 घण्टे पढ़ोगे।।अगर वादा करते हो तो में तुम्हारा रिश्ता ले कर जाऊ ।

मेरे दिल की बात पापा ने कह दी थी।।सब कुछ इतनी आसानी से हो रहा था ।मेने बिना वक़्त गवाए झट से हां कर दी।।

अगले दिन ही पापा रिश्ता ले कर चले गए।। आयशा के घर वाले भी बिना न नुकुर किये मान गए।। हम दोनों का रिश्ता फिक्स हो गया था।और हम दोनों ही के पैर मानो ज़मीन पर नही थे।।

लेकिन क्योंकि मेने वादा किया था कि रिश्ता लगते ही में ध्यान से पढूंगा।।मेने पढ़ाई का टाइम टेबल बना कर पढ़ाई शुरू कर दी।।।

रोज़ाना सुबह 10 बजे से 2 बजे तक मे पढ़ता।।फिर 2 बजे खाना खा कर सो जाता।।5 बजे उठ के फिर पढ़ने बैठ जाता।और 8 बजे तक पढ़ता। ठीक 8 बजे आयशा को कॉल करता। और 10 बजे तक हम लोग प्यार भरी बातें करते।। फिर 10 बजे खाना खा कर पढ़ते पढ़ते सो जाता।। यही मेरा डेली रूटीन बन गया था।।हर दूसरे संडे में आयशा को घुमाने ले जाता।। हमे लोग देख के जलते थे।।और हम बेफिक्र उंन्हे इग्नोर कर के एक दूसरे में मस्त रहते।।

वक़्त अपनी रफ्तार से गुज़र रहा था।।C.A के तीन सेमेस्टर बहोत अच्छे से क्लियर हो गए थे।।

अब बस कुछ महीनों की ओर बात थी।।फिर आयशा मुकम्मल तोर पर मेरी।। में मीठी नींद में खोया हुआ था कि अचानक ही मेरे पीठ पर झाड़ू आकर पड़ी।। में घबरा के उठा तो देखा माँ गुस्से में झाड़ू लिए खड़ी हैं। मेने कहा क्या हुआ अम्मी ? उन्होंने कहा कंजर इस दिन के लिए पाल पोस के बड़ा किया था तुझे के तू ये काम करे। मेने कहा क्या काम करे ? उल्टा सोने में क्या बुराई है अम्मी ...मेने आपको कितनी बार बताया नही बैठता शैतान कमर के ऊपर उल्टा सोने से।।

इस पर अम्मी ने कहा शैतान तो तू हो गया है और पटाक से एक झाड़ू ओर कंधे पर पड़ी।।

में ख़ौफ़ से अपनी माँ का गुस्से से सुर्ख चेहरा देख रहा था जिस पर ज़रा भी रहम न था।। हम दोनों की आवाज़ों से पापा भी उठ के आ गए।। माँ का झाड़ू वाला रूप देख कर कुछ पल के लिए वो भी घबरा गए।।लेकिन फिर हिम्मत कर के पूछने लगे क्या हुआ बेगम ?

अम्मी ने कहा हो ही तो गया है । सब तुम्हारी छूट का नतीजा है।
पापा बोले बात तो बताओ ?

आखिर क्या वजह थी जो अम्मी गुस्से में थी।आखिर कोनसा राज़ खुलने जा रहा है। देखते हैं अगले पार्ट में।