Meri adhuri premkahani in Hindi Poems by अर्चना यादव books and stories PDF | मेरी अधूरी प्रेमकहानी

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मेरी अधूरी प्रेमकहानी

आँखों से निकलते हैं आँसू
जब याद आती है तेरी हर बात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

वो जिद तेरी कि गर्लफ्रेण्ड बन जाओ
वो इनकार मेरा कि नहीं अभी रुक जाओ
थोड़ा समय दो एक दूसरे को जानने का
क्यों बहक रहे थोड़ा तो सम्भल जाओ
याद है मुझे आज भी
पहले कन्वेर्सेशन की पहली बात
भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

जिद में तेरे दम था बड़ा
और मेरा नियंत्रण भी कमजोर पड़ा
हार गई तेरी जिद के आगे, क्यूँ के
मेरे दिल में भी था स्वप्नमहल खड़ा
तुझे देखकर उमड़े थे मेरे भी जज्बात
भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

डर लगता था मुझे तेरे दूर जाने का
रिश्ता बनाने के बाद उसके टूट जाने का
अभी वैसे हम सिर्फ दोस्त कहलाएंगे
गर्लफ्रेण्ड बनाने के बाद डर था तेरे बदल जाने का
छोड़ के ना जाएगा यकीन दिलाया मुझे
पूरे कस्मों वादों के साथ
भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

सुना था प्यार में बहकते हैं लोग एकदूजे के साथ
बेशर्म होकर चलते हैं डाले एक दूजे के हाथों में हाथ
ऐसा दिखावे का प्यार मैं नहीं चाहती अपनी ज़िन्दगी में
मैंने साफ कह दिया था उस रात वो सारी बात
भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

चाहत मेरी तो ये भी थी
जो प्यार हो वही सुहाग भी हो
नहीं खेलना था जीएफ बीएफ एक्स का खेल
बूढ़ी भी होऊँ उसी के साथ जो प्यार हो अर्धांग भी हो
खोल दिया था मैंने तेरे सम्मुख
अपने दिल के सारे जज्बात
भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

हर बात मेरी मानने का वादा कर
अपने प्यार का इजहार किया
मैंने सच माना और स्वीकार किया
मैंने भी अपनी चाहत का ऐतराफ किया
शुरूआत तो अच्छी हुई
और अच्छे ही थे सारे हालात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

तू मेरे ड्रीम ब्वाय सा था
मेरे ईष्ट देव शिव सा था
दिल ने मेरे कबूल कर लिया
क्योंकि जैसा मुझे चाहिए तू वैसा था
फिर लिखा गया मेरी ज़िन्दगी का
उस रात एक नया इतिहास
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

मैंने हाँ किया तेरी गर्लफ्रेण्ड बन गई
फिर हर मैसेज पर दिल की धड़कन बढ़ गई
ये पहला अहसास था मेरे गर्लफ्रेण्ड बनने का
कुछ खबर ना थी बस उड़ती चली गई
बेरंग थी शायद ज़िन्दगी इसके पहले
अभी देखे थे सारे रंग एक साथ
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

गर्लफ्रेण्ड बनी तो एक्सपेक्टेसंश भी बढ़ी
मैसेज पर नहीं अब कॉल तक बात गई
आधी रात में कॉल न कर सकती थी
जो मना किया तो गुस्सा हुआ, बात बिगड़ गई
पहली बार ब्वायफ्रेण्ड बना था
और बहुत डरावना था उसे खोने का अहसास
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

दूरी भी थी मीलों की हम में
देखी ना थी सूरत भी किसी ने
सहारा एकमात्र तस्वीरों का था
और माँग की सबसे पहले तुम्हीं ने
सोशल क्राइम का सुनकर मैंने
टालती रही पिक्चर की बात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

तूने जिद की मैंने मना किया
तू ऑफ लाइन होकर मुझे डरा दिया
मुझे लगा कि पहली तकरार है
इसमें भी दिखा मुझे तेरा प्यार है
देख ना कितनी बेवकूफ थी मैं
जो मुझे फँसाती रही तेरी हर बात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

गुदगुदी हुई रूठने मनाने का सोचकर
मेरा भी कोई है जिसे मैं भी मनाउँगी अब
पूछा गुस्सा हो तो तूने हाँ किया
लेट से मानते हो या जल्दी, तुम्हीं बताओ, कब
तेरे हर एक बात में था
मेरे लिए एकदम नया अहसास
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

लेट से, ऑफलाइन हो गया बोलकर
मुझे मनाना इतना आसान नहीं
मैंने तब पिक्चर्स सेन्ड कर दिया
क्या कहूँ कि मुझ सा कोई नादान नहीं
ये भी बोला, आज जो कहोगे सब करूँगी
उफ् मैंने भी की थी कैसी बकवास
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

गलती तेरी भी नहीं थी शायद
तेरे लिए भी ये अहसास नया था
तस्वीरें मेरी देख देखकर
तेरा मन भी बहक गया था
बहका हुआ मन था
और थी काली घनी गहरी रात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

सुन्दर हैं कँम्पलीमेंट आया
साथ में एक फरमाइश लाया
तुमने बोला जो कहूँगा करोगी
कह तो दिया बोलो, पर कुछ समझ न आया
मेरी परवाह तो थी तुमको भी
कि गुस्सा की ना हो जाए कोई बात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

मैंने ही इसरार किया
तुमने तो कई बार इनकार किया
फिर बोला चाहिए किस मुझे
डरने मेरी धड़कन को रफ्तार दिया
सोचा नहीं था कि तू
किस की करेगा बात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

डराओ नहीं यार
शब्द निकला यही उसके बाद
ऐसा कहीं होता है क्या
किस की बात पर कोई रोता है क्या
काँपने लगी थी मैं धड़कने लगा था सीना
क्या कहूँ के कैसे थे मेरे हालात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

डिलीट फॉर एवरीवन कर दिया
ए क्या हो गया, और मैंने कॉल किया
पहली बार मैंने सुनी थी तब तेरी आवाज
डर से रोने लगी, ये क्या कह दिया किया सवाल
तूने मुझे बहुत सम्भालने की कोशिश की थी
हाँ सच में बहुत अजीब थी वो रात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

तेरी आवाज मेरे कानों में
बजते संगीत की तरह थी
और तेरी बातें मेरे लिए
नई और अजीब सी थी
पहली बार कर रही थी
किसी अजनबी से ऐसी बात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

तू किस की जिद करता रहा
मैं ना ना ना ना करती रही
हर कोशिश की कंवेंस करने की
और मैं अपनी जिद पर अड़ी रही
हर शय कोशिश की मुझे मनाने की
यहाँ तक ब्रेकअप की भी कर दी बात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

तू अपना कंट्रोल खोता रहा
मैं कंट्रोल खोने से खुद को रोकती रही
तू खोता रहा इश्क की गहराई में
और मैं खुद को खोने से रोकती रही
आसान नहीं था खुद को यूँ कंट्रोल करना
कानों के रास्ते दिल में उतरती थी तेरी हर बात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

लड़कियों जैसे लड़के नहीं हैं होते
कंट्रोल पावर में लड़के कमजोर हैं होते
सिंगल था अब तक, अब नहीं रहना चाहता
किस दो मुझे कंट्रोल नहीं अब होता
आसान था क्या किस करना
वैसे मोबाइल में किस कितनी बड़ी बात थी
लेकिन मेरे लिए वो भी था एक अनछुआ अहसास
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

किस सिर्फ होठों की छुअन या
मोबाइल से आती कोई आवाज नहीं
किस वो लम्हां है वो अहसास है
जिसे शब्दों में बयान करना आसान नहीं
भीगी थी मैं भी तेरे प्यार में
गजब की थी तेरे प्यार की बरसात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

मैं भीग के सूखी बनी रही
तू जिद करता रहा मैं जिद पर अड़ी रही
संस्कार मेरे कुछ ऐसे थे
के शादी के बाद की बात पर अड़ी रही
अंजान थी मैं तब शायद
कि होती है प्यार की कैसी बात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

अब समझ में आता है
कि मैं कितनी नादान थी
भूखे से थाली छीन लिया
जो थाली मेरे पास थी
हाँ भूखा नहीं था ना मैं थी थाली
पर उसे बयान करने का और न कोई अल्फाज़
हाँ तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

पति के जैसा मुझे प्यार करो
जिद छोड़ो मेरी बात सुनो
रानी बनाकर रखूँगा तुम्हें
मेरे दिल की बढ़ती रफ्तार सुनो
धधकती आग पर पानी डाल दिया
और मैंने कर दी तेरी बहन की बात
उफ् तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

मैं भी ना कितनी पागल थी
भूखे को पेट काटने की दे दी सलाह थी
तू गुस्से से हो गया था लाल
और मेरी नइया तब डूब गई थी
फिर किस पर ही तू अड़ा रहा
मेरी सुनी ना एक भी बात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

वो तेरा पागलपन जैसे पिया हो शराब
मैं डर के मारे काँपती रही जैसे तू हो कोई तूफान
तेरी हर जिध को ना करना कितना मुश्किल था
क्या कहूँ कि मैं भी थी कितनी नादान
हर बार लगा अबकी बार हाँ कर दूँगी
अगले पल हावी हो जाते मेरे संस्कार
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

वो रात मेरे लिए कुछ ऐसी थी
कि शब्दों में कैसे बयान करूँ
तेरी बातें रेंगती थी कीड़े मकोड़ों सी मुझ पर
और उस गिनगिनाहट का क्या बखान करूँ
शायद गलती नहीं थी मेरी भी
ज़िन्दगी में पहली बार आई थी ऐसी रात
इसलिए तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

ऐसा नहीं था कि तुम्हीं मेरी पहली पसंद थे
तुमसे पहले भी बहुत पसंद किए थे
तुम पहले थे जो मेरी रूह को छुआ
बाकी सब तो नज़रों तक ही सिमटे थे
सोच तक आने का मौका तो किसी को ना दिया
और दिया भी तो रूह तक पहुँची ना कभी बात
हाँ तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

तू जल रहा था इश्क की आग में
शायद था भी तू वासना की गोद में
पर मैंने ऐसा प्यार कभी ना चाहा
मैंने चाहा कि हमेशा रहूँ मैं तेरी सोच में
तुझ से मिन्नतें करती रही
कि डर रही हूँ मैं बार बार
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

ऐसा लगता है सर फट जाएगा मेरा
बोला था तू कितनी बेचैनी से
तेरी वो तड़प याद आती है तो
तड़प उठती हूँ मैं भी बेचैनी से
बस एक बार हाँ कर देती तो
शायद अलग होते मेरे हालात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

प्यार तो मैं भी करती थी या
सिर्फ मेरा आकर्षण था
इस बात को सुन कर भी चुप रही
कैसा कठोर दिल मेरा पत्थर था
तुमको मैं प्यार ही प्यार करती
जो लौट आती फिर से वो रात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

सोचा नहीं था तेरे बिना पागल हो जाउँगी
ऐसा भी होगा कि तेरे बिना रह नहीं पाउँगी
काश के जानती मैं इस बात को तो
जो छोड़ जाएगा तो कैसे मैं रह पाउँगी
मैं कितनी पगली हूँ जो समझ नहीं पाती
तू छोड़ दिया था मुझे उसी रात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

तू छोड़ दिया था फिर भी तेरे पीछे पीछे दौड़ती रही
तू नहीं मिलेगा फिर भी तुझे पाने की मन्नतें करती रही
नहीं चाहाए तेरा शरीर न धन दौलत
बस मुझे अपना बना ले मैं तड़प तड़प के मर रही
तुझे खबर नहीं और कैसे तुझे बतलाऊँ
के कैसे कैसे बीत रहे हैं मेरे दिन और रात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

गलती तेरी नहीं न मेरी थी
मैं अबोध एक बेचारी थी
तू भी था एक पागल सा लड़का
किस्मत ही खराब हमारी थी
मैं प्रयत्न करते थक गई कि
फिर से लौटा सकूँ वो रात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

उस रात तू कितना तड़पा था
उस रात मैं कितना रोई थी
तेरा ईगो हर्ट हो गया था
और मैं रात भर ना सोई थी
बस याद आती रही तेरी बातें
मैं जागती रही पूरी रात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

रात भर जागती रही
और तुझको मैसेज करती रही
समझने की तुझको कोशिश ही न की
औ सारा दोष तेरे सर मढ़ती रही
काश के समझा होता मैंने
उस रात तेरे भी जज्बात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

मैंने नहीं समझा ठीक था अबोध थी मैं
पर तू तो मुझे समझता था
माना की गलती मेरी ही थी
पर तू भी तो मुझसे प्यार करता था
किस के लिए ब्रेकअप कर लिया
तेरा कैसा है ये इंसाफ
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

ईगो हर्ट हुआ मैं मानती हूँ
खोल दिया था खुद को मेरे सामने मानती हूँ
तेरे जज्बातों की कदर न करी मैंने
तो क्या आज भी सिर्फ तुझे ही चाहती हूँ
लौट आओ ना छोड दो गुस्सा
कभी नहीं सताउँगी करूँगी जी भर के प्यार
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

तेरी आवाज जो घोल रही थी
प्रेम की मिश्री मेरे कानों में
चाहती थी तुझे बसा लूँ मैं
अपनी रूह में अपने प्राणों में
लेकिन कुछ तो था जो रोक दिया
और तेरा सच्चा रूप देख लिया मैंने साक्षात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

तेरा रूप जो मेरे सामने आया
तू किस के लिए भी ब्रेकअप कर सकता है
जो किस कर लेती आज तुझे
आगे और भी फरमाइश कर सकता है
कुछ ऐसा जो असम्भव होता करना
और तब भी करता तू ब्रेकअप की बात
फिर भी तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

दिन पर दिन बीतने लगा
तू मुझमें मुझसे ज्यादा होने लगा
फिर एक दिन समझ आया मैं ही थी पागल
और तू मुझसे दिन पर दिन दूर होने लगा
काश के समझा होता हमने
सच में ये रिश्ता और ये प्यार
अफसोस तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

मानती हूँ गलती मेरी थी
इस दुनिया में लवसव से अंजान थी
पहली बार किया था प्यार मैंने
और सादगी ही मेरी पहचान थी
पर प्यार में सादगी का क्या काम
यहाँ तो होती हैं भावनाएं और जज्बात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

तू मेरे बारे में सब जानता था
फिर भी मुझे तू छोड़ दिया
क्या गलती मेरी इतनी बड़ी थी
कि बीच भँवर में मुँह मोड़ लिया
क्या तेरा प्यार बस किस तक था
और किस तक ही थी इस रिश्ते की बात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

उस रात जो था वो कौन था तू
फिर मिला मुझे अजनबियों की तरह
उस रात जो पागल मैं हो रही थी
अब समझी सच में ही तू है अंजानों की तरह
मैं तड़पती रही जिस बात पर उस रात
उसमें कुछ ना बचा था अब फिलहाल
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

देख साल बीतने को आया
मैं आज भी तेरी जोगन हूँ
प्यासी ही रह गई आस मेरी
ऐसी प्यासी मैं यौवन हूँ
प्यास बुझे बस तुझसे मेरी
बस इतनी सी ही है दरख्वास्त
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

बीते साल में मैंने क्या क्या ना किया
खुद को जलील करवा के तुझसे बात किया
जो प्रियतम मेरा ड्रीम ब्वाय था
तेरे स्तित्व का भी सत्यानाश किया
आत्म सम्मान को ताख पे रख कर
बस करनी चाही हर हाल में बात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

जब समझ आया कि प्यार क्या है
तब तक तू मुझे छोड़कर जा चुका था
मैंने दौड़ लगाई तेरे पीछे पीछे
पर तू अपनी गन्दी छवि बना चुका था
जिसकी बाद की बाकी बातें भूल चुकी थी
बस याद रही उस रात की सारी बात
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

आज भी इंतजार है तेरे आने का
आज भी मन्नतें करती हूँ तुझे पाने का
दिल दिमाग में रहता हर क्षण
बस कोई रास्ता नहीं मिल रहा
तुझे वापस बुलाने का
ग़र एक बार भी तू आ जाता तो
करती जी भर के तुझसे प्यार
क्योंकि तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

बिमार कर दिया है मुझे अब तो वापस आजा
मानती हूँ गलती मेरी है अब तो सब कुछ भुला जा
तेरी कमी मैं जान चुकी अपनी ज़िन्दगी में
यार अब तो गले से लगा जा
काश के कोई आवाज तुझ तक पहुँचे
और तू लौट के वापस आ जाय
क्योंकि तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

ऐसा नहीं कि लड़कों का आकाल हो गया
ऐसा भी नहीं कि तू नूर था बाकी बेकार हो गया
ऐसा नहीं कि कोई और प्यार नहीं करेगा मुझे
ऐसा भी नहीं कि मेरा तेरे बिना जीना दुश्वार हो गया
बस इतना ही कि जो रूह तक छू लिया है तुमने
कोई और मेरी रूह तक ना जाय
हाँ तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

शिव की छाया देखी थी तुम में
और शिव ही तुमको माना है
आज भी शिव से बस यही चाहती
कि शिव रूप में तुम्हें ही बस पाना है
देवी देवता सब पूज लिया
मत्थे टेके सबके द्वार
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

आज भी तेरी तस्वीर को
जूम कर कर के देखती हूँ
पागल हूँ जो यूँ तड़प रही
और तेरे ही सपने देखती हूँ
मूवऑन करने का मुझ को
कोई तो बता दो राज
तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

तेरी तड़प मुझे अब मार रही
कैसे बदतर हो गये मेरे हालात
तब कदर नकी मैंने तेरी
अब तू कुचल रहा मेरे जज्बात
जो भी सुने मेरी प्रेम कहानी
कहे कैसी पगली है मेरी जात
क्या कहूँ मैं तुझसे ओ मेरे खुदा
क्यों आई मेरे जीवन में वो अंधेरी रात
आह तू भूल गया होगा शायद
मुझे नहीं भूलती वो रात।

फिर भी चाहती हूँ का वापस आ जाय
वो रात और तेरे वही जज्बात
समेट लूँ तुझको अपनी बाहों में
और बीतने ना दूँ कभी वो रात
हृदय परिवर्तन कर दे ऐ मालिक
और ला दे उसे मेरे पास
अब तुझे भी नहीं भूलने दूँगी वो रात
और मुझे तो याद ही है वो रात
मुझे तो याद ही है वो रात.......।