Blue whale game in Hindi Love Stories by Dr Fateh Singh Bhati books and stories PDF | ब्लू व्हेल गेम

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ब्लू व्हेल गेम

घर पहुँचते ही चेंज किया और इयर प्लग्स लगा कर जगजीत को सुनने लगा, साथ ही साथ व्हाट्सअप पर आए चुटकले पढ़ हंस रहा था | श्रीमति जी हँसी में शामिल होने आई पर दिन भर की थकान के बाद मेरा मूड नहीं था | वो उठी, रोज़ की तरह अदरक वाली चाय बना कर लायी और पास बैठ कन्धे पर हाथ रखा ताकि मेरा ध्यान उस सौन्दर्य स्वामिनी की तरफ़ आकर्षित हो और उन्हें भी अपनी हँसी में शामिल कर लूँ परन्तु यह युक्ति भी काम नहीं आई |

अब चाय का प्याला उठाते हुए वह भी अपने मोबाइल पर गेम खेलने लग गई | कुछ देर बाद अचानक से उठी, मोबाइल साइड में रखा, दुपट्टा लिया और स्टूल पर चढ़ कर पंखा पकड़ा | मैं दोड़ते हुए गया, उसे कन्धे पर उठा कर नीचे उतारा, हाथ पकड़ कर गाड़ी में बिठाया और चल दिया | रास्ते में वह कुछ कहना चाह रही थी, पूछना चाह रही थी पर मैंने बिना बोले होठों पर अंगुली रख इशारे से कहा चुप रहो, मुझे तुम्हारी कोई बात नहीं सुननी | अपने चिकित्सक मित्र के घर जाकर ही रुका |

अरे यार समझा अपनी भाभी को, इस उम्र में भी बच्चों की तरह न सिर्फ ब्लू व्हेल गेम खेलती है बल्कि उसके आखिरी स्टेज पर पहुँच कर आत्महत्या करने जा रही थी | इसे समझाओ थोड़ा तो उम्र का भी लिहाज़ करे, अब ये हरकतें शोभा नहीं देती |

वो ठीक है पर मेरे को भाभी से बात तो करने दो, उसकी परेशानी तो सुनने दो | मुझे ड्राइंग रूम में बिठाकर, कंसल्टेशन चैम्बर में बैठे मरीज को बाहर भेज, वे दोनों वहाँ बाते करने लगे | कुछ देर बाद वे भी ड्राइंग रूम में आए और भीतर आते ही बोला, क्या लोगे ठण्डा या गर्म ?

पागल हो गया है क्या ? तू तो ऐसे बात कर रहा है जैसे किसी पेशेंट को प्रेस्क्रिप्शन लिख कर आया हो और मुझसे बात कर रहा हो | समझने की कोशिश कर वह पेशेंट कोई और नहीं मेरी बीवी है, जो आत्महत्या करने जा रही है और तुम्हे ठण्डा गर्म सूझ रहा है |

अरे यार जानता हूँ, भाभी को समझा दिया है, आगे से ऐसा कुछ नहीं करेगी |

मैं बोला, सब दिन भर मोबाइल पर खेलते रहने का नतीजा है वर्ना कोई मैच्योर इन्सान यूँ बच्चों जैसी हरकतें करता है क्या ?

वे दोनों एक दूसरे को देखते हुए हँस रहे थे फिर मेरा मित्र बोला तू बिलकुल सही कह रहा है और भाभी का भी यही कहना है |

भाभी का भी यही कहना, क्या मतलब ?

यही कि कार्यस्थल का मानसिक तनाव हर किसी को थका देता है | ऐसे में साथ बैठ हँसकर बातचीत करे तो घर ऊर्जा का स्रोत साबित हो सकता है पर मेरी मानते कहाँ हैं, दिन भर मोबाइल से चिपके रहते है, उसी आभासी दुनिया में जीते है | मैंने सोचा इनके पास बैठ कब तक गेम खेलती रहूँगी, दोनों अपने अपने मोबाइल में बिज़ी, इससे बेहत्तर है दीवाली आ रही है पंखे ही साफ़ कर दूँ परन्तु स्टूल पर चढ़ते ही ये तो यहाँ उठा लाए |