सो फ़िल्म से कंसन्ट्रेट हटा कर मेने आयशा से इधर उधर की बातें शुरू कर दी।आयशा का पसंदीदा कलर.एक्टर. खाना.मूवी.हॉबी.ओर बर्थ डेट भी।।क्योंकि मुझे यही था कि वो पता नही कितनी बड़ी है मुझसे।जबकि वो बस 3 महीने ही मुझसे बड़ी थी। बातें करते करते मूवी खत्म होने को आगयी लेकिन में उस से नo मांगने की हिम्मत नही कर पाया।अखिर कार जब मूवी में कछुओं ने भी हीरोइन को बर्फीली पहाड़ी से बचा कर उस से फ़्लर्ट किया तो मैने भी दिल मे सोचा कि यार न तो आयशा हेरोइन है ना में कछुओं जैसा बदसूरत।।मेने आयशा से उसका मोबाइल मांगा ओर उससे अपने नo पर कॉल कर ली।।और आयशा से कहा कभी भी मेरी ज़रूरत हो बेझिझक याद कर लेना।।मेरी इस बेवकूफी सी चालाकी पर उसने कुछ नही कहा और नo बिना सेव करे मोबाइल जेब मे रख लिया। आखिरकार फ़िल्म खत्म हुई और हम लोग कार में बैठ कर वापस घर आ गए।हिरा ने घर आकर पूछा छुटके क्या रहा ? प्रपोज़ करा या नही ? मेने कहा नाह प्रपोज़ तो नही करा लेकिन उसके मोबाइल से अपने नo पर कॉल कर के नo ज़रूर एक्सचेंज कर लिए। हिरा ने कहा चल ठीक है फिर।मेरे ऊपर अब कोई एहसान नही रहा।हिसाब बराबर।।में बोला हां हां ठीक है।।
अब बस फ़ोन हर पल मेरे हाथ मे था।।इस उम्मीद में के शायद अब कॉल आ जाये या शायद अब मेसेज आ जाये।। लेकिन अगले दिन सुबह तक जब कोई मेसेज न आया तो में परेशान होने लगा ।हिरा ने उतरा हुआ चेहरा देखा तो कहने लगी ये चूज़े जैसा मुह क्यों बना रखा है छुटके ? मेने कहा कुछ नही यार उसकी कॉल नही आई अभी तक।मे सोच रहा हु में ही मेसेज डाल दु।। हिरा ने कहा ना ना ये गलती मत करना।।तेरे मेसेज डालते ही तेरी वैल्यू खत्म हो जायेगी।जब नo तूने खुद दे दिया है तो अगला स्टेप उसे चलने दे। देखना 3 दिन के अंदर अंदर गारंटेड कॉल आयगी बस तू कोई बेवकूफी मत करना।।
मेने अपने बुझे हुए दिल को समझाते हुए कहा अच्छा ठीक है। शाम के वक़्त मेरे पास कॉल आ गयी।।उसने कहा हेलो। मे समझ गया था ये आयशा ही है लेकिन अनजान बनते हुये कहा आप कोन?
आयशा ने कहा कितनी लड़कियों को नo देते हो जनाब।।मेने कहा ओह मुआफ़ करना आयशा आप हो।।केसी हो आप।।
हम अच्छे हैं आयशा ने कहा।।
थोड़ी देर इधर उधर की बाते हुई।।और फिर हमने कॉल कट कर दी।।।अगले दिन मेने कॉल की।।इसी तरह बातों का सिल सिला चल निकला।
बात अब काफी आगे तक बढ़ चुकी थी।।इसलिए मैंने आयशा को डेट पर चलने के लिए पूछा।।वो भी शायद इंतेज़ार में थी।उसने झट से हां कर दी।।
मिलने के लिए मेने अपने दोस्त का टेम्पटेशन 1500 में बुक कर लिया।।
पिंक टॉप ओर ब्लू जीन्स में खुशबुओं से लबरेज़ आयशा ने टेम्पटेशन में कदम रखा तो कुछ देर आंखे बड़ी कर के मुंह पर दोनों हाथ रख कर देखती रही।। मेने उसकी ओर हाथ बढ़ाया ओर उसके नाज़ुक हाथ को थाम कर गुलाब की पत्तियों से बने रास्ते के ज़रिए रेस्तरॉ में ले गया।। रेस्तरॉ कमरा नुमा था।। जिसमे 6 टेबल्स थी।।हर टेबल पर दिए जल रहे थे। बीच मे रखी टेबल की कुर्सी खींच कर मेने हाथ से इशारा कर के उंन्हे बैठने के लिए कहा।।उंन्हे चेयर पर बिठा कर में उनके सामने आकर बैठ गया।।रेस्तरॉ के अंधेरे में जलते हुए दियो की रोशनी में आयशा का गोरा रंग दूध में हल्दी सा खिल रहा था।। ओर उस पर हमारे चहेते जनाब इमरान हाशमी साहब का गाना "तुम मिले तो मिल गया ये जहां।तुम मिले तो मिल गया आसमाँ तुम मिले तो खुशनुमा है सारा समा"
आयशा हैरत से मुझे देखे जा रही थी।और में उसकी खुशी से बड़ी हुई आंखों में झांक रहा था।। अगले ही पल वेटर पिंक हार्ट शेप में बना हुआ केक ले आया।।जिस पर आई लव यू आयशा लिखा हुआ था।।मेने आयशा के बराबर में चेयर डाल ली।और दोनों ने साथ मे नाइफ से केक काटा।।केक के अंदर ब्रेड मे ही रिंग रखवा दी थी।।जब रिंग निकली तो आयशा ने कहा कितने सरप्राइज दोगे जुनैद।।में पहले ही इतनी शॉक्ड हु अब मेरी समझ नही आ रहा में कैसे रियेक्ट करू।।
में मुस्कुराते हुए रिंग को टिशू से साफ करने के बाद घुटने के बल आयशा के सामने बैठ गया।।और कहा आयशा में पहली नज़र से तुम्हारा दीवाना हो गया हूं।।में तुमसे बहुत मोहब्बत करता हूं।और अपनी आने वाली पूरी ज़िंदगी तुम्हारे साथ बिताना चाहता हु।।will you marry me bae ?
क्या आयशा शादी के लिए हां कर देगी ? या ये मोहब्बत मंज़िल पाने से पहले ही बिखर जाएगी ? देखते हैं अगले पार्ट में। :-) तब तक के लिए दुआ खैर मे रखें याद!