Garibo par pyaz ka kahar in Hindi Adventure Stories by Hareesh Kumar Sharma books and stories PDF | ग़रीबों पर प्याज का कहर

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ग़रीबों पर प्याज का कहर

हम सभी ये भली भांति जानते है कि आज के दौर में सभी के पास स्मार्ट फोन है। और ये भी सभी जानते हैं कि जिसके पास भी स्मार्ट फोन है तो उसमें कोई एप्प हो न हो लेकिन टिक टौक नाम का एप्प ज़रूर होता है और आज-कल तो टिक टौक पर प्याज ने कहर सा ढाया हुआ है। अब सभी लोग प्याज को सोशल मीडिया पर इतना महत्त्व दे रहे हैं कि प्याज की कीमत दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। ये लोगों ने अपने मनोरंजन के लिए एक ऐसी चीज को चुनीं है जिससे बहुत से गरीब लोगों की दो वक्त की रोटी मिलती है। भारत में बहुत से ऐसे गरीब लोग हैं जोकि अनपढ़ हैं और छोटी-मोटी मजदूरी करके ही अपने परिवार वालों की भूख मिटाते हैं।उन लोगों के लिए टिक टौक ने एक बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। प्याज की बढ़ती कीमतों का गरीब लोगों पर बड़ा असर हुआ है जिससे जो लोग अपनी और परिवार वालों की भूख प्याज के सहारे मिटाते थे वो लोग तो ना ही रोटी सकते थे और अब तो वो लोग प्याज की बढ़ती कीमतों के कारण प्याज भी नहीं खरीद सकते हैं। हमें हमेशा अपने मनोरंजन के लिए ऐसी चुननी चाहिए जिससे किसी को भी हमारे मनोरंजन के कारण कोई परेशानी ना हो। क्योंकि हमें किसी के पेट पर लात मारने का हक किसी ने हक नहीं दिया है। मैं जब भी टिक टौक एप्प देखता हूं। उसमें हसी मजाक नहीं बल्कि सिर्फ प्याज ही प्याज देखने को मिलती है। आश्चर्य की बात तो ये है कि विडियो में इन्शान कम प्याज ज्यादा दिखाई जाती है।हम सभी भलीभांति ये जानते हैं कि इसी प्रकार कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर पब-जी छाया हुआ था उसने भी ठीक इसी प्रकार सोशल मीडिया पर अपना आधिपत्य जमाया हुआ था‌। लेकिन उसके कहर से सिर्फ छात्र ही कुपित थे। मैं जानता हूं कि आप इस समय यह सोच रहे होंगे कि इससे छात्रों को क्या हानि थी । छात्र अब सोशल मीडिया पर इतने व्यस्त रहते हैं कि वे लोग इसके लिए अपनी पढ़ाई को भी दॉव लगा सकते हैं। हांलांकि मैं भी एक छात्र हूॅ। और हम सभी में अच्छी तरह से जानते हैं कि आज के समय में पढ़ाई-लिखाई बिना इन्टरनेट के कर पाना भी मुश्किल है। अभी कुछ दिनों तक UP के बुलंदशहर जिले में किन्हीं कारणों से इन्टरनेट सेवाएं बहाल थीं। सच कहूं तो मैं भी इस बीच बिना इन्टरनेट के बहुत परेशान रहा था । लेकिन इस कार्य के होने से आखिरकार प्याज का ट्रेण्ड तो खत्म हुआ ।

आज मैं आप लोगों से एक बात पूछना चाहता हूं कि :-
बुज़ुर्गों ने कहा है कि -
(जल्दी का काम सैतान का होता है )
और दूसरी तरफ ये भी कहा है कि-
(काल करै सो आज कर।
आज करै सो अब।।
पर मे प्रलय होगी।
बहुरी करैगो कब।।)
यदि उनके पहले कथन को माना जाये तो ये वाक्य होता कि:-
(आज करै सो कल कर।
कल करै सो परसों।।
इतनी जल्दी क्या है बच्चा।
जीना है अभी वर्षों।।)😁
और अगर हम ये माने तो दूसरे वाक्य का क्या होगा।
मेरा मन किसी भी व्यक्ति, संस्था या समाज को ठेस पहुंचाने का नहीं है। यदि किसी भी व्यक्ति, संस्था या समाज को ठेस पहुंची हो तो मैं इसके लिए आप सभी से क्षमा चाहता हूं 🙏
धन्यवाद


लेखक ✍️-:- हरीश कुमार शर्मा