Adhuri havas - 18 in Hindi Horror Stories by Baalak lakhani books and stories PDF | अधूरी हवस - 18

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अधूरी हवस - 18


गुस्सा आने की वजह से राज अपना फोन को दीवार पर फेंकता है, और फोन टूट जाता है,

उधर मिताली राज को बार बार फोन पर फोन ही बंध आने की वजह से परेशानी से अपना आपा खो देती है, आकाश को बोल कर राज से बात करवाने को कहती हैं,
आकाश राज के घर दोनों जगह जाके पता करता है,तो पता चलता है वोह तो शहर से बाहर गया हुवा होता है, मिताली ने अपने सभी तरीके से समझाने के बावजूद भी राज
मिताली की एक भी बात नहीं मानी ये बात ने मिताली को हिला के रख दिया था, पूरी समाज व्यवस्था के विरुद्ध जाकर वोह राज के साथ चलने को भी तैयार थी पर, राज ने एक भी ना सुनी इस बात का मिताली के दिल पर गहरा असर हुवा, राज पर जो भरोसा उसे दिखा था वोह छूटता हुवा लगा, उसे जहा से नफरत सी होने लगी.

उसकी साँसे तेज होने लगती है, जेसे लगता है उसे के कोई उसके गले मे फंदा डाल कर बैठा हो, बिस्तर पर लेट कर सोने की कोशिशें करती है, पर नींद गायब हे आँखों के आगे छाया वोह अंधेरा उसे डराता है, वोह बिस्तर से उठ कर अपने रूम के ड्रॉवर मे से नींद की गोली लेती है, फिरभी कोई असर नहीं होता, हार कर पूरी की पूरी गोलियों की बोतल खाली कर देती है,

दो घण्टे बाद उसकी माँ उसके कमरे मे उसे देखने जाती है, तो उसकी आँखे फटि की फटि रहे जाती है, मिताली बेहोश हालत मे उसके मुह से जाग निकल आए थे ये देख कर चीख निकल जाती है, तुरंत उसका भाई वहा आता है, और पड़ोसी भी चीखने चिल्ला ने की आवाज सुनकर दोड़ आते हैं, उसको सब हस्पताल लेकर जाते हैं,

तब तक मे उसकी सहेली कविता को भी मालूम हो जाता है, वोह भी डर के मारे आकाश को सब हकीकत बता देती है,
दोनों ऊपर वाले को दूवा करते हैं, मिताली को कुछ ना हो, आकाश ने बताया कि राज आउट ऑफ टाउन हे और उसका कोल भी नहीं लगता मिताली से मेरी बात हुई थी दिनों मे फिर से कोई बड़ा पंगा हुवा है, तब से राज का भी कोल नहीं लगता, मुजे भी उसे लेके बड़ा टेंशन हो रहा है, दूवा करेंगे दोनों सही सलामत रखे दोनों को, कल तक पता नहीं चलेगा वोह कल लौट कर आने वाला है, पर तुम मिताली की सारी खबर मुजे बताते रहना, ठीक हे कहे कर कविता ने कोल काट दिया.

उधर मिताली के ससुराल वालो को पता चला तो उसका मंगेतर भी रात को ही हस्पताल पहुँच जाता है, डोक्टर ने सारी गोलियां निकाल तो दी थी पर डोज ज्यादा हो जाने के वजह से वोह बेहोश ही थी और चौबीस घंटे आईसीयू मे रखने को कहा होता है, ए सारी बाते दूसरे दिन कविता ने आकाश को बता दी और साथ मे राज से बात हो तो बता देना.

हादसा होने के दूसरे दिन राज अपने घर जाता हे तब उसकी मां उसे आकाश से मिलने को कहती हैं कई बार वोह घर आ के गया, राज फ्रेश होके आकाश के घर जाता है, आवाज दे के उसे बुलाता हे, आकाश तुरन्त नीचे आता है और गुस्से से उसके ऊपर चिल्ला देता है.

आकाश : अबे किधर मर गया था तू? अपना फोन क्यू बंध हे?

राज : अरे यार शांत हो जा मे सब बताता हूं, गुस्सा मत हो यार.

आकाश : आज तो तू गया काम से.

(राज मामला गम्भीर हे अपने फोन बंध होने के कारण ये भांप लेता है,)

राज : तु बेठ मे तूजे सारी बात बताता हू.

(राज उसे लेके आकाश के घर से थोड़े ही दूर एक बार मे लेकर जाता है,)

राज : आज अंगूर की बेटी की बहोत जरूरत पड़ने वाली है.

आकाश : हा मुजे भी यहि लगता है अज इसकी ज्यादा जरूरत है.

राज : लगता यार मामला कुछ ज्यादा उलझा हुवा लगता हे, वर्ना तुम्हारे मुह से तलब की बात ना होती.
(दोनों बार मे जाके अपनी जगह ढूंढ कर और्डर करते हैं)

आकाश : तेरा फोन कहा है?

राज : अरे कल मिताली से झगड़ा हुवा था, और उसने जो बाते कहीं तो दिमाग फट गया और मेने अपना दिवार पर दे मारा तो टूट गया.

आकाश :तो दूसरे के फोन से तो कोल कर सकता था ना?

राज : अबे मुजे कहा किसीके नम्बर याद रहते हैं. और दिमाग खराब होने के कारण होटल पर जाके तीन चार पेग लगा कर सो गया था.

आकाश : ये सही है इधर हमारी फटी पडी थी और तुम टूल होके पड़े थे.

राज : दिमाग ही खराब कर जो दिया था मिताली ने कल,पर तेरी क्यू फटी पडी थी?

(आकाश सारी बाते हकीकत बता देता है, और कविता से बात करने को कहता है, आकाश कोल लगाकर राज को देता है.)

राज : हैलो

कविता : अरे आप कहा थे आपको कुछ पता भी है क्या हुवा.

राज : तुम शांत हो जाओ, मिताली केसी हे अभी?

कविता : अभी देर रात को पता चलेगा वोह खतरे से बाहर हे या..
(रोने लगती है)

राज : अरे उसे कुछ नहीं होगा तुम चुप हो जाओ ऎसे रोते नहीं. तुम मिताली से बात हो सकती है, तो बात कराओ मेरी.

कविता : किसीको मिलने की भी इजाजत नहीं बात की बात दूर हे.

राज : तो कब हो सकेगी बात?

कविता : कल सबेरे हस्पताल जाके पता चलेगा.

राज : ठीक हे तुम जब भी जाओ मेरी बात उससे करवाना.

कविता : ठीक है.

( राज कोल काट देता है, और बहोत ही मायूस हो जाता है)

राज: आकाश मुजे डर था आखिर वहीं हुवा.

आकाश : क्यू तुम्हें पता था?

राज : नहीं पर मुजे यह ही डर कई दिनों से खाए जा रहा था. (फिर राज वोह सारी बाते बताता हे जो मिताली ने राज से कहीं वोह हर एक शब्द)

आकाश : भाई ये तो बहोत ही सीरियस मामला हो गया है,

राज :हा अब ज्यादा हो गया है.

आकाश : तो फिर मिताली के होश मे आते ही सब पूछेंगे की क्यू ये कदम उठाया तो वोह क्या कहेगी?

राज : वहीं तो उसके परिवार या और कोई बात करे उससे पहेले मुजे बात करनी पड़ेगी.

आकाश : कविता कोल कराएगी तब होगा या मिताली का फोन चालू हो तो, या उसके भाई से बात करे क्या?

राज : नहीं बे अभी हमे उसे कोल नहीं करना चाहिए मिताली से बात होने के बाद सब बात होगी.

(राज आकाश को एक बात बताता हे और उसी तरह से करने को कहता है, फिर दोनों अपने गिलास खत्म करके, घर की ओर निकल जाते हैं, नशा होने की वजह से राज गहरी नींद मे सो जाता है वेसे भी सफर करकर लोटा था. )

राज सीधा दुपहर को उठता है, रात को दारू कुछ ज्यादा ही पी ली थी जो, उसे भी नहीं पता था कुछ पेग पीने के बाद क्या क्या हुवा और क्या क्या बाते हुई, होश मे था तब तक कि बाते तो उसे याद थी, बाद मे ये भी उसे पता नहीं था कि आकाश उसे छोड़ने घर गया था. रेडी होके मार्केट मे जाके पहेले नया फोन लेता है, और आकाश को कोल करता है,

राज : अरे काल रात को क्या ज्यादा हो गई थी?

आकाश : हा तो तूजे छोड़ने मुजे आना पड़ा, अच्छा तूने मिताली से बात की या नहीं?

राज : नहीं अभी तूजे ही कोल किया हे उससे बात करता हू.

आकाश : मेने कोल किया था पर उसने रिसीव ही नहीं किया, तुम करो तो रिसीव करे, वेसे तो कविता से बात हो गई थी मेरी वोह अब खतरे से बाहर हे.

राज : ऊपर वाले का लाख लाख शुक्रिया वोह सलामत हे, हाँ चल मे मिताली से बात करता हू तुझसे बाद मे बात करता हूँ.

राज मिताली को कोल करता है पर मिताली का फोन बंध ही आ रहा होता है, फिर कविता को कोल करता है, कविता उसे बताती है कि मिताली ठीक है और मिताली आपसे जेसे ही वक्त मिलेगा तब आपसे बात करेगी, अभी डोक्टर ने आराम करने के लिए कहा है और बात भी कम करने को कहा है, और उसका मंगेतर भी साथ ही तो वेसे भी वोह बात नहीं कर पाएगी ए सारी बाते कविता बताती है.

क्रमशः......

क्या सही मे यह ही वजह से मिताली ने राज के साथ बात नहीं की या कोई और बात थी.
क्या मिताली राज को इग्नोर कर रही थी?
आखिर क्यू? देखेंगे आगे के पार्ट मे