Stokar - 14 in Hindi Detective stories by Ashish Kumar Trivedi books and stories PDF | स्टॉकर - 14

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स्टॉकर - 14




स्टॉकर
(14)



एसपी गुरुनूर और सब इंस्पेक्टर गीता दोनों ही मेघना के सामने बैठी थीं। रॉबिन को अलग कमरे में बैठाया गया था। उसके साथ इंस्पेक्टर अब्राहम था।
मेघना नज़रें झुकाए बैठी थी। एसपी गुरुनूर ने कड़क आवाज़ में कहा।
"अब नज़रें झुकाने से तुम हमारे सवालों से नहीं बच जाओगी। तुमने ही रॉबिन घोष के साथ मिल कर मिस्टर टंडन का खून किया है। तुम लोगों ने ही चेतन को भी मारा है।"
"ना हमने शिव को मारा है और ना ही चेतन को।"
इस बार सब इंस्पेक्टर गीता ने धमकाते हुए कहा।
"फिर झूठ....तुम लोगों ने नहीं मारा है तो किसने मारा है ?"
"मैंने पहले भी कहा था और अब भी कह रही हूँ। शिव की हत्या अंकित ने ही की है। उसी ने चेतन को भी मारा होगा।"
"पर हमने अंकित से पूँछताछ की तो उसने बताया कि तुमने ही उसे मिस्टर टंडन की हत्या करने को कहा था। पर उसने हत्या करने से मना कर दिया।"
"झूठ बोल रहा है वो। जब मेरे मना करने से वह नहीं माना तो शिव ने उसे सबक सिखाने के लिए पिटवाया था। उसी का बदला लेने के लिए उसने उसे मारा है।"
इस बार एसपी गुरुनूर ने कहा।
"चलो तुम्हारी बात मान लेते हैं कि उसके पास मिस्टर टंडन की हत्या करने का मकसद था। पर उसने चेतन को क्यों मारा ?"
"वो तो आप उससे ही पूँछिए।"
"क्यों तुम्हें नहीं पता। तुमने ही तो फोन करके उसे मिलने बुलाया था कि चेतन के पास कुछ ऐसा है जिसके ज़रिए वह तुम दोनों को बदनाम कर सकता है। जब वह वहाँ पहुँचा तो तुमने उसे कैद करा लिया।"
एसपी गुरुनूर की बात सुन कर मेघना हंसने लगी। सब इंस्पेक्टर गीता ने गुस्से में डांटा।
"पागल हो गई हो क्या ? मैम की बात पर हंस रही हो।"
मेघना ने हंसना बंद कर कहा।
"तो क्या करूँ। आप लोग उसकी ऐसी कहानी पर यकीन कर रही हैं। वैसे उसने और क्या क्या कहा।"
सब इंस्पेक्टर गीता ने उसे अंकित ने जो कहानी सुनाई थी बता दी। सुन कर मेघना एसपी गुरुनूर की तरफ देख कर बोली।
"मैडम ज़रा सोंच कर देखिए। अगर मुझे शिव की हत्या करानी होती तो किसी को भी दो चार लाख देकर यह काम करवा लेती। अंकित जैसे अनाड़ी पर दांव क्यों लगाती। वो भी उसे जिम खोल कर देने की शर्त पर। उसने आप लोगों से जो भी कहा है सब झूठ है।"
"सच्ची तो तुम भी नहीं हो। तुमने भी तो कहा था कि तुम रॉबिन को नहीं जानती हो। पर वह तुम्हारे साथ तुम्हारे फार्म हाउस पर मिला।"
एसपी गुरुनूर की बात सुन कर मेघना चुप हो गई। एसपी गुरुनूर ने कहा।
"अभी इससे और बात करेंगे। पहले ज़रा देखूँ कि वह रॉबिन घोष क्या बताता है।"

मेघना को सब इंस्पेक्टर गीता के पास छोड़ कर एसपी गुरुनूर दूसरे कमरे में गई। यहाँ इंस्पेक्टर अब्राहम रॉबिन से पूँछताछ कर रहा था। एसपी गुरुनूर ने पूँछा।
"क्या बताया इसने ? मिस्टर टंडन और चेतन का खून क्यों किया इसने।"
"मैम.....इसका कहना है कि इसने किसी की हत्या नहीं की।"
एसपी गुरुनूर ने रॉबिन की तरफ देख कर कहा।
"तो फिर मेघना के फार्म हाउस में क्यों छिपे थे ? कॉल डिटेल्स के हिसाब से जिस दिन मिस्टर टंडन की हत्या हुई थी उस दिन तुमने उन्हें कॉल किया था। करीब बीस से पच्चीस मिनट बात हुई थी। तुम्हारे फार्म हाउस में मिस्टर टंडन की कार मिली थी। उस कार में चेतन शेरगिल की लाश थी। फार्म हाउस से कुछ ही दूर जंगल में मिस्टर टंडन की लाश मिली। इतना सब कुछ तुमसे जुड़ा है। तुम कहते हो कि दोनों हत्याएं तुमने नहीं कीं।"
एसपी गुरुनूर के सवाल पर रॉबिन एक दम शांत बैठा था। एसपी गुरुनूर ने महसूस किया कि वह बहुत ही घाघ है। मेघना उसके सवाल सुन कर परेशान हो रही थी। पर रॉबिन वैसे ही चुप बैठा था।
"जवाब दो रॉबिन तुमने मिस्टर टंडन को फोन क्यों किया था। उनकी कार तुम्हारे फार्म हाउस पर कैसे पहुँची ?"
रॉबिन ने एसपी गुरुनूर के सवाल का जवाब बहुत ही शांत भाव से देना शुरू किया।
"चेतन शिव के साथ साथ मेरे विनियोग का पोर्टफोलियो भी संभालता था। हम उस पर आँख मूंद कर यकीन करते थे। उसने मुझसे और शिव से मोटी रकम यह कह कर ली थी कि वह उसे ऐसी जगह लगाएगा जहाँ से हमें अच्छे रिटर्न मिलेंगे। पर बाद में मुझे पता चला कि वह हमारे पैसे का गलत इस्तेमाल कर रहा है। मैंने यही बताने के लिए उस दिन शिव को फोन किया था। उसे सारी बात तफ्सील से बताने में वक्त लगा।"
"मिस्टर टंडन को फोन करने से पहले तुमने मेघना को फोन किया था। उसे क्या बताना था ?"
"दरअसल उस रात शिव कहीं बाहर जाने वाला था। मैंने पूँछने के लिए फोन किया था कि क्या उसका प्लान पक्का है। जब भी शिव बाहर होता था हम एक साथ रात बिताते थे। मेघना ने कहा कि उसका प्लान पक्का है।"
"पर मेघना ने तो कहा था कि उसे और मिस्टर टंडन को किसी पार्टी में जाना था। इसलिए उसने तुम्हारे फोन के बाद मिस्टर टंडन को फोन कर जल्दी घर आने के लिए कहा था।"
"मैं नहीं जानता कि उसने ऐसा क्यों कहा ?"
इंस्पेक्टर अब्राहम इस बातचीत में पहली बार बोला।
"इसका मतलब मिस्टर टंडन के कत्ल की रात तुम और मेघना एक साथ थे। तो तुम लोगों ने ही उनका कत्ल किया होगा।"
रॉबिन इस सवाल से बिल्कुल भी विचलित नहीं हुआ। उसी तरह शांत भाव से बोला।
"ऐसा भी हो सकता है कि हम दोनों साथ थे तो कत्ल किसी और ने ही किया होगा।"
इंस्पेक्टर अब्राहम ने दूसरा सवाल किया।
"मिस्टर टंडन की कार तुम्हारे फार्म हाउस में कैसे पहुँची ? उसमें चेतन की लाश मिली।"
"वो मैं नहीं जानता। पर सोंच कर देखिए कि अगर मैंने और मेघना ने ये हत्याएं की होतीं तो शिव की कार चेतन की लाश के साथ मेरे फार्म हाउस पर क्यों छोड़ते ?"
कह कर रॉबिन ने एसपी गुरुनूर और इंस्पेक्टर अब्राहम को बारी बारी से देखा। उसका तर्क उन दोनों को भी सही लग रहा था। पर इंस्पेक्टर अब्राहम ने उसे घेरने के इरादे से आगे पूँछा।
"तो भागे क्यों थे ? मिस्टर टंडन के फार्म हाउस में क्यों छिपे थे ?"
"जब अगले दिन मेघना के पास से मैं अपने फार्म हाउस पहुँचा तो मैंने वहाँ शिव की कार देखी। मैं चौंका कि शिव तो कहीं जाने वाला था। फिर वो यहाँ क्या कर रहा है। फार्म हाउस का गेट पर ताला नहीं लगाता था। पर घर में ताला था। मुझे लगा कि शायद वह कार में बैठा होगा। मैंने जब कार के भीतर देखा तो अंदर चेतन की लाश थी। मैं घबरा गया। फौरन वहाँ से भाग निकला। पहले मैंने इसकी सूचना मेघना को दी।"
"मेघना की क्या प्रतिक्रिया थी ?"
"वह यह सुन कर परेशान हो गई। पहले उसने प्रतीक्षा की कि शिव का कोई समाचार मिले। फिर उसने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज़ करा दी कि उसका पति लापता है।"
"तो तुम मिस्टर टंडन के फार्म हाउस कैसे पहुँचे ?"
"मेघना ने मुझसे कहा कि जब तक सही बात सामने नहीं आती है तुम हमारे फार्म हाउस में छिपे रहो।"
"तब से तुम वहीं थे ?"
"हाँ....पहले पुलिस को जंगल में शिव की लाश मिली। फिर बाद में मेरे फार्म हाउस पर उसकी कार में चेतन की लाश।"
"तुम्हें पुलिस को सब सच बता कर मदद करनी चाहिए थी ?"
"तब आप लोग मुझे ही कातिल मानते। मैं फंस जाता।"
एसपी गुरुनूर जो अब तक चुपचाप उसकी भाव भंगिमा को परख रही थी बोली।
"भाग तो तुम अभी भी नहीं पाए। पुलिस से भाग पाना आसान नहीं है।"
एसपी गुरुनूर एक बार फिर मेघना के पास पहुँची। मेघना अपने दोनों हाथों में सिर थामे बैठी थी। एसपी गुरुनूर ने कहा।
"अब इस तरह सर झुका कर बैठने का क्या मतलब ? तब सोंचना चाहिए था जब अपने प्रेमी के साथ मिल कर अपने पति की हत्या की थी।"
"मैं पहले भी कह चुकी हूँ कि मैंने हत्या नहीं की है।"
"कहा तो तुमने और भी बहुत कुछ था। पर सब सच तो नहीं है। तुमने कहा था कि तुम्हें और मिस्टर टंडन को एक पार्टी में जाना था। इसलिए तुमने जल्दी घर बुलाने के लिए फोन किया था।"
"हाँ कहा था...."
"पर रॉबिन का तो कहना है कि मिस्टर टंडन को उस दिन कहीं और जाना था। तुम और रॉबिन एक साथ रात बिताने वाले थे। उसने तुम्हें यही पूँछने के लिए फोन किया था कि क्या मिस्टर टंडन का बाहर जाने का प्लान पक्का है। तुमने उससे कहा था कि प्लान पक्का है। फिर तुमने मिस्टर टंडन को फोन क्यों किया था ?"
"मैंने आपको जो बताया था वही सही है। रॉबिन क्या और क्यों कह रहा है मुझे नहीं पता।"
"तुम दोनों उस रात साथ नहीं थे।"
"नहीं...."
"तुमको रॉबिन ने बताया था कि मिस्टर टंडन की कार उसके फार्म हाउस में है। उसमें चेतन की लाश है।"
"नहीं....."
"तो फिर तुमने रॉबिन को अपने फार्म हाउस में क्यों छिपाया था ?"
"जब आप लोगों को उसके फार्म हाउस पर शिव की कार में चेतन की लाश मिली तब आप मुझसे चेतन और रॉबिन के बारे में पूँछताछ करने आई थीं। जब आप वापस जा रही थीं तब मुझे एक फोन आया था। वह फोन रॉबिन का था। उसने मुझे बताया कि वह हमारे फार्म हाउस पर है। पहले भी वह शिव के साथ वहाँ जाता था। इसलिए नौकर उसे पहचानता था। उसने उसे रहने दिया। रॉबिन ने मुझसे फार्म हाउस पर मिलने आने को कहा। मैं फार्म हाउस पर जाकर उससे मिली।"
"तुमने उससे पूँछा नहीं कि मिस्टर टंडन की कार उसके फार्म हाउस पर कैसे मिली। उसमें चेतन की लाश कहाँ से आई "
"ज़रूर पूँछा था। मैंने उससे पूँछा कि शिव की कार तुम्हारे फार्म हाउस में कैसे पहुँची तो उसने कहा कि वह कुछ नहीं जानता है। वह कुछ दिनों के लिए बाहर गया हुआ था। जब लौटा तो उसने अपने फार्म हाउस पर पुलिस देखी। खबर थी कि वहाँ शिव की कार मिली है। उस कार में चेतन की लाश है। उसने कहा कि वह बेकसूर है। इसलिए मैं उसकी मदद करूँ।"
"तुमने मुझसे कहा कि तुम रॉबिन को नहीं जानती हो। क्यों ?"
"आपने बताया कि उसके फार्म हाउस में शिव की कार में चेतन की लाश मिली है। मुझे लगा कि आप मुझ पर भी शक करेंगी।"
"तुमने बताया कि वह मिस्टर टंडन के साथ उनके फार्म हाउस पर जाता रहता था। यानी कि दोनों दोस्त थे। तुम बता सकती थी रॉबिन मिस्टर टंडन का दोस्त है। पर तुमने को कहा था कि तुम रॉबिन को नहीं जानती।"
मेघना ने कोई जवाब नहीं दिया।