दिल की ज़मीन पर ठुकी कीलें
(लघु कथा-संग्रह )
11-छंगी
ये उन दिनों की बात है जब दादी माँ बच्चों को अपने चारों ओर बैठाकर राम और कृष्ण की कहानियाँ सुनातीं | ऊब गए थे बच्चे ! सुनते-सुनते --
"दादी माँ ! आप हर बार वो ही कहानी सुनाती हैं, कुछ ऐसा भी सुनाइए जो हमें पता ही न हो ---" बिट्टू की हाँ में हाँ सबने मिलाई और दादी अपने घर से जुड़े लोगों की कहानी सुनाने लगीं |
उन्होंने अपने समय की बातें सुनानी शुरू कीं जिसमें छंगी का ज़िक्र करना वो न भूलतीं | बच्चों को बड़ा मज़ा आता जब दादी माँ बतातीं ;
"हम तो उस ज़माने के जहाँ, क्या कहो तुम --इसे ग़ुसलख़ाने को, छंगी आवै थी सफ़ाई करने!"
"वॉश-रूम दादी जी !---ये छंगी कैसा नाम है --ये कोई नाम होता है ? "बच्चे खिलखिलाए |
" उसके छह ऊँगली थीं न --इसीलिए उसका नाम छंगी था ---"
" तो----" छोटा टिन्नू चिढ़कर बोला |
" हाँ, दादी जी --इसमें कहाँ कहानी है ?"रीनी भी झुंझला उठी |
"अरे ! तुम्हें बता रही हूँ उसका नाम छंगी क्यों था --ये देख रे हो --मेरे सोने के कड़े ! --"दादी ने अपने दोनों हाथ आगे करके बच्चों को दिखाए |
"इसको क्या देखें ----?"
"अच्छे से देखो --पूरे पाँच तोले के हैं दोनों कड़े ---"कुछ रुककर बोलीं |
"छंगी के हैं ----" वे बड़े प्यार से उन्हें सहला रही थीं | इतनी बड़ी उम्र में भी दादी उन कड़ों से मोह रखे थीं जबकि सबको ज्ञान बाँटती थीं कि मोह-माया सब यहीं रह जाएगी |
"ये उसके कैसे हैं ? उसने आपको गिफ़्ट कर दिए क्या ?"रीनी समझदार थी, लड़की थी ---सोने की चीज़ें उसे आकर्षित करतीं |
"अरे नहीं ! सर्राफ़े से लाई थी ----"
"मतलब ?" रीनी के साथ दूसरे बच्चों के मुह भी खुल गए |
"हमारे ज़माने में जब किसीको पैसे की ज़रुरत होती थी तो वो अपने सोने-चाँदी के गहने सुनार की दुकान पे रख आता था और पैसे ले आता था | जब उसके पास पैसे होते ---वापिस अपनी चीज़ ले आता ---"
बच्चों को कुछ समझ में न आया देख दादी फिर बोलीं ;
"अरे ! एक बार छंगी को पड़ी पैसों की जरूरत ---वो इन्हें सुनार के पास रखकर पैसे ले आई | पर जब उसके पास पैसे नहीं आए तो सुनार ने ये मुझे बेच दिए --मैंने उससे खरीदे थे --"
"अच्छा ! वो कुछ नहीं बोली ?"
"वो क्या बोलती ?हाँ----मुझे अपने कड़े पहने देखके पूरे मुहल्ले में गाना तो गा ही दिया के फलाने की माँ मेरे कड़े पहरे घूम रही हैं ---"
बच्चों को इस कहानी में बहुत मज़ा तो नहीं आया पर उन्हें दो नए शब्द सीखे थे, छंगी और सर्राफ़ा ---!!
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