वैश्या वृतांत
यशवन्त कोठारी
पति पर एक प्रतिशोध प्रलाप
विश्व पति प्रधान है. भारत भी पतिप्रधान है. पति अपनी द्रष्टि में आदरणीय पत्नी की द्रष्टि में हैय और समाज की द्रष्टि में दयनीय प्राणी होता है. पति का सम्बन्ध पत्नी से है. पति में मात्र छोटी लेकिन पत्नी शब्द में मात्र बड़ी होती है, और यहीं कारण है की पति हमेशा छोटा और पत्नी बड़ी होती हैं. इधर लोगों ने पतियों पर शोध शुरू किये हैं, मैं भी शोध कर पति होने का प्रतिशोध लूँगा. अत:मेने पति पर एक प्रतिशोध प्रलाप का विषय चुना है. इस लघु भूमिका के बाद मैं मूल विषय की और अग्रसर होता हूँ.
पति पति है पतित क्यों नहीं है? इस विषय पर मैंने चिन्तन किया है और आप सभी की जानकारी की वृद्धि हेतु यह बताना चाहता हूँ की अधिकांश पति वास्तव में पतित ही होते हैं. यह पतन चारित्रिक, शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक वगेरा वगेरा किस्म का होता है. मैं बड़े गर्व के साथ पतियों के वर्गीकरण के नए सिद्धांतों का भी प्रतिपादन कर रहा हूँ. जिसे विज्ञानं की मान्यता की जरूरत नहीं है.
पतियों की किस्मे-शादीशुदा पति व् गैर शादी शुदा पति हैं, शादीशुदा पति प्राय:कस्बो, गांवों में पाए जाते हैं. गैर शादी शुदा पति बिना शादी के लफड़े में पड़े पति धर्म का लाभ प्राप्त करते रहते हैं, लिव इन रिलेशनइसका सबसे अच्छा उदाहरन है.
शादीशुदा पतियों को आगे निम्न भागों में तकसीम किया गया है, पंडिताऊ पति, रजिस्टर्ड पति व् शोहदे पति. शोहदे पति हर नुक्कड़ पर पिटते दिख जाते हैं.
पतियों के कुछ विशेष प्रकार इस प्रकार से है. प्रोफेसर पति, अफसर पति, नेता पति, अभिनेता पति आदि..
प्रोफेसर पति –ये बेचारे वे पति है जो पति कम और नौकर ज्यादा दीखते हैं. सुबह पत्नी जो पैसे देती है शाम को उस राशी का पूरा हिसाब देना पड़ता है. अन्यथा पिटे पति की संज्ञा पाते है.
अफसर पति-ये वे पति है घर में चपरासी व् दफ्तर में अफसर होते हैं. कई पति तो दफ्तर में ही पति धर्म का पालन कर लेते हैं, इस कारन इन पतियों की पत्नियाँ अन्यत्र लाभ लेती हैं.
नेता पति –ये बेचारे जनता के पास ही पड़े रहते हैं. ये इस फ़िराक में रहते हैं की पतीयों का कोई संगठन बने तो अध्यक्ष बन जाये. अभिनेता पति अपने फ्लेट के बजय सर्वत्र पाया जाता है.
कुछ युवा प्रयत्न शील पति की श्रेणी में आते हैं.
इसी प्रकार कुछ पति सम्पादक पति कहलाते हैं. सम्पादक पति अपनी पत्नियों तक को सधन्यवाद वापस कर देते हैं.
इधर पति बन्ने की कोशिशों ने कई हिंसक मोड़ ले लिए हैं . पुलिस सबसे बड़ी बलात्कारी पतियों की फोज हैं, खांप पंचायते भी पतियों पर रॉब ग़ालिब करती है.
पतियों की यह हालत देख क्र कई युवा पति बन्ने के बजाय लिव इन से ही काम चलने लग गए हैं. वर्गीकरण के अगले दौर में पत्नियों के वर्गीकरण को प्रस्तुत करने की मंशा है. आमीन
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यशवंत कोठारी
८६, लक्ष्मी नगर ब्रह्मपुरी,
जयपुर - २
मो - ९४१४४६१२०७