Left side se right side in Hindi Short Stories by Niyati Kapadia books and stories PDF | लेफ्ट साइड से राइट साइड

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लेफ्ट साइड से राइट साइड


स्वीटी की आज एक्जाम थी, वह समय रहते कॉलेज जाने के लिए निकली थी। पर ये क्या? उसकी गाड़ी के ग्लास पर किसी बर्डने पोटी करदी थी। उसने कपड़े से ग्लास को पोंछा और अंदर बेठ गई। अंदर जाके उसने देखा की ग्लास पर अभी भी सफ़ेद दाग़ सा कुछ दिख रहा हे, वह नीचे उतरी और फिर से कपड़ा लेकर उसे अच्छी तरह साफ किया। फिर से वह जाकर अंदर बेठ गई अभी भी वह दाग हलका हलका दिखाई दे रहा था।
"ई... तू चला क्यों नहीं जाता? मुझे तू जरा भी पसंद नहीं हे, दफा हों जा यहा से।" चिल्लाती हुई वह नीचे उतरी और फिर से कपड़ा लेकर रगड़ रगड़ कर ग्लास पोंछने लगी।
"स्वीटी वोट आर यू डूइंग बेटा? लेट हो रहा हे जाओ तुम्हारी एक्जाम का टाइम हो गया हे।"उसकी मम्मिने अपनी बेटी को परेशान होकर पागलो की तरह ग्लास पोछते देख कर कहा।
"मम्मा ये दाग नहीं जा रहा," उसने रोनी सूरत बनाकर कहा।
"कोई बात नहीं तुम्हारी गाड़ी बहोत सुंदर हे और ये दाग काफी छोटा और हलका हे नजर भी नहीं आ रहा।" उसकी मम्मीने उसे भरोसा दिलाया और वो मुह बना के चली गई।

कॉलेज के क्लास रूम में वह अपनी सीट पर बेठी और उसने जलदी से अपना पेपर लिख लिया उसे सारे सवाल याद थे। खुश होकर वह बाहर आई वहा दो लड़किया और एक लड़का आपस में बात कर रहे थे,
"ये सवाल बाहर से पूछा गया हे, ये हमारे सिलेबस में नहीं हे।" एक लड़किने कहा।
"नहीं ये हमारे सिलेबस में हे, पेज नंबर 89 पर नीचे का पेरेग्राफ देखलों।" स्विटीने मुसकुराते हुए कहा।
"और ये नीचे वाला सवाल?" दूसरी लड़की ने पूछा।
"वो सरने रेफरंस बूक बताई तो थी वहा से लिया गया हे, पेज नंबर 26।"
"वाउ यार तुजे तो सब कुछ याद हे पेज नंबर के साथ!" लड़केने स्विटी के कंधे पर हाथ रखकर कहा। स्विटीने अपनी प्यारी स्माइल के साथ उसकी तरफ देखा। शायद वह उस लड़के को पसंद करती थी।
"अरे यार कितनी गर्मी हे यहा, स्वीटी इतनी गरमी के दिनो में भी तूँ फूल पेन्ट कैसे पहन लेती हे? शायद पढ़ाकू लड़की को फेशन के बारे में कुछ नहीं पता, हम...?" हसती हुई वो लड़की उस लड़के को खींच कर अपने साथ ले गई। सभी चली गई तब अकेली बेठी स्विटीने अपना पेन्ट पेर पर थोड़ा ऊपर उठाया वहा पर चार इंच के बादल जेसा एक सफ़ेद दाग देखाई दिया। उसे गुस्से से देखकर स्वीटी ज़ोर से चिल्लाने लगी,
"तू चला क्यों नहीं जाता? ई डोंट वोंट यू, तू चला जा... दफा हों जा यहा से..." ज़ोर से चिल्लाते हुए उसने अपने नाखूनो से उस दागको मिटाने की कोशिस की, वहा लाल लकीरे पड़ गई। अचानक से उन लड़कियो के हसने की आवाज आई,
“देखा मैंने कहा था ना ये पागल हे।“ एक लड़की की आवाज।
“पर वो अकेली किस से बाते करती हे?” लड़के ने पूछा।
“वो सायकों हे, में उसे बचपन से जानती हूँ।“ लड़की की आवाज।
अपनी हरकत पर शरम महेसूस करती हुई स्वीटी उठ खड़ी हुई और रोती हुई अपनी गाड़ी में जा बेठी।
कुछ देर यू ही बेठे रहने के बाद वह स्वस्थ हुई और गाड़ी स्टार्ट की... थोड़े आगे रास्ता बंध था उसे गाड़ी रिवर्स लेने की जरूर पड़ी। जेसे ही उसने गाड़ी रिवर्स लेना चालू किया गाड़ी में से आवाज आई, "स्टॉप, स्टॉप, टर्न लेफ्ट, टर्न लेफ्ट।
उसने गभराकर पिंछे देखा वहा कोई नहीं था। फिर से उसने गाड़ी रिवर्स लेनी चाही गाड़ीं में लगे रिवर्स केमेरा उसे फिर से गाइड करने लगे। एक औरत की आवाज आ रही थी, "स्टॉप, स्टॉप, टर्न लेफ्ट, टर्न लेफ्ट।"
उसने गाड़ी बंध कर दी और नीचे उतर कर गाड़ी के पिंछे जा कर देखा। एक नन्हा सा कुत्ते का पिल्ला गाड़ी के पीछे आकार खड़ा रहा गया था।
"ओह... अब तू कहाँ से आ गया। चल भाग, शु... शु..."
"वो एसे नहीं भागेगा," पिंछे से आते हुए एक प्यारे से लड़के ने कहा, "उसे थोड़ा प्यार से बुलाओ," लड़के ने सिटी बजाई और वह पिल्ला दोड़ कर उसकी गोद में चला गया। लड़केने पिल्ले को ऊपर उठा लिया और वह पिल्ला उसकी जुबान बाहर निकालकर अपने दोस्त का मुह चाटने लगा।
“बस बस अब रुक भी जाओ यार।“ लड़का हसते हुए कह रहा था। तब ही स्वीटी की नजर लड़के की चहेरे की दूसरी और पड़ी, वहा पर एक बड़ा सा, भद्दा सा दाग था, वहा की चमड़ी भी स्मूथ नहीं थी, गहरे लाल-मरून रंग का वह बड़ा सा धब्बा उसके चिकबोन से लेकर कानो तक फेला हुआ था। स्वीटी को अपनी तरफ देखता हुआ देख उसने कहा,
“जलने का निशान हे।“ उसने पप्पी को नीचे रख दिया और स्वीटी के सामने देख हलका सा हँसकर कहा, “तुम्हें ये अच्छा नहीं लगा तो ठीक हे मेरी लेफ्ट साइड से नहीं, राईट साइड से मुजे देखो, वहा से में काफी हेंडसम दिखता हूँ एसा मेरी मम्मी कहती हे। क्या वो सही हे?” लड़केने बड़ी ही प्यारी मुश्कान के साथ कहा। स्वीटीने उसे लेफ्ट और राईट दोनों तरफ से देखा और पूछा,
“तुम्हारे दोस्त तुम्हें इस निशान की वजह से चिढ़ाते होगे। तुम्हें बुरा लगता होंगा?”
“बिलकुल नहीं। जो मेरे दोस्त हे उन्हे इस निशान कोई फरक नहीं पड़ता, वो मेरे दोस्त हे इस निशान के नहीं और अगर कोई मेरी मज़ाक उड़ाये तो भी में उस पर कुछ रिएक्ट नहीं करता, उस वक्त मुजे लगता हे की सामने वाला बिचारा बीमार हे, उसके दिमाग में कुछ लोचा हे मेरे नहीं और एसे बीमार लोगो को में माफ कर देता हूँ।“
स्वीटी को इस लड़के से बात कर अच्छा लग रहा था, “तुम्हारी मम्मीने गलत कहा हे!”
स्वीटीने बड़ी ही गंभीरता अपने चहेरे पर रख कर कहा। वह लड़का भी जेसे बड़ा गुस्से में आ गया हो एसी शक्ल बना कर स्वीटी की और देखता रहा, “तुम लेफ्ट और राईट दोनों साइड से हेंडसम लगते हो।“ स्वीटीने हसते हुए कहा।
वह लड़का भी हंस पड़ा और अपना हाथ आगे बढ़ाते उसने कहा, ”मेरा नाम जय हे, में यहा अपने अंकल के घर आया हूँ तुम चाहो तो शाम को घर आना मेरी मम्मी को आज तक कोई उसकी गलती दिखने वाला नहीं मिला।“
स्वीटी ज़ोर से हंस पड़ी और जय के हाथो में अपना हाथ देते हुए कहा, “में जरूर आऊँगी।“
उस दिन शाम को उसने पहेली बार घुटनो तक आने वाली ड्रेस पहनी और अपने पेर पर लगे छोटे से सफ़ेद दाग़ को अपने हाथो से सहलाते हुआ कहा, “अब में तुमसे नहीं डरती। मम्मी सही कहती हे तुम मेरी पहेचान नहीं हो, में स्वीटी हूँ सिर्फ एक सफ़ेद दाग़ नहीं, अब में तुम्हें नहीं छिपाउंगी।“
स्वीटी को आज शॉर्ट ड्रेस में देखकर उसकी मम्मीने कहा, “जानती हो दारलिंग आज मेरे मन से एक बड़ा बोज हट गया। मुजे लगता था मेरे पास से मिला ये सफ़ेद दाग तुम्हें आगे नहीं बढ़ने दे रहा हे, में अपने आप को दोषित समजती थी, पर फिर सोचती थी की अगर तुम्हारे शरीर पर ये दाग नहीं होता तो तुम्हारे पापा तुम्हें मेरे पास छोड़कर नहीं चले जाते। तुम्हारे बिना में अकेली कैसे जी पाती।”
“नहीं मम्मी इसमे तुम्हारी कोई गलती नहीं हे। ये निशान हमे गोडने गिफ्ट किए हे क्यों के वह जानता हे की हम लोग बहोत स्ट्रॉंग हे और यह छोटा सा निशान हमारी जिंदगी बरबाद नहीं कर शकता। हम इसके साथ भी खुश रह शकते, नॉर्मल लोगो की तरह अपनी लाइफ एंजॉय कर शकते हे।“
दूसरे दिन स्वीटी घुटनो तक आता हुआ स्कर्ट पहन कर कॉलेज गई... और ज़्यादातर लोगोने सिर्फ खूबसूरत स्वीटी को देखा! गुस्सेल, सायकों स्वीटी अब कभी वापिस नहीं आने वाली...!
नियती कापड़िया।

*स्वीटी : 18 साल की एक खूबसूरत लड़की पर वह जानती ही नहीं की वह कितनी सुंदर हे। पहले उसके बाल बंधे हुए हे, सर से पैर तक वह अपने आप को ढंका हुआ रखती हे, इसी लिए वह मज़ाक का पात्र भी बनती हे! उसे डर हे की उसके पैर पर लगा सफ़ेद दाग लोग देख लेंगे और उससे फिर कोई दोस्ती नहीं करेगा। लास्ट सीन में वह खुले बालो, हलका मेकअप और आत्म विश्वास से भरी हुई।