कहानी - असमंजस
किरदार - नव और सखी और एक असमंजस
--------------------------------------------------------------
कहानी काल्पनिक है और इसके किरदार भी काल्पनिक हैं।
––----------------------------------------------------------
नव एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था और आज फिर घर के पास वाले मैदान पे अकेला बैठा था। सुबह का वक़्त था , कोई दौड़ रहा था, कोई व्यायाम कर रहा था । चिड़ियों चहचहाट सुबह सुबह किसी मधुर संगीत से कम नहीं थी। नव उठा और थोड़ी दौड़ लगाई फिर वो भी व्यायाम करने लगा।
इतने में एक लड़की वहां आती है और वही बगल में व्यायाम करने लगती है ।
नव ने एक बार उसे देखा फिर अपने वयायाम में व्यस्त हो गया।
थोड़ी देर के बाद वो घर चला आता है , लेकिन एक असमंजस में था कि जिस लड़की को आज उसने देखा , कही पहले भी मिल चुका है या देखा तो ज़रूर है।
घर पहुँच कर भी नव यही सोच रहा था कि जिस लड़की को आज मैदान में देखा वो कौन थी ? एक असमंजस की स्थिति थी नव के दिमाग में।
आज रविवार का दिन था और छुट्टी का दिन था तो सोचा बाहर जाकर कुछ घर का सामान ले आये। नव तैयार होता है और पास की दुकान पे जाकर कुछ सामान लेने लगता है।
इतने में पीछे से एक आवाज़ आती है , भैया दो ब्रेड और एक packet गरम मसाला दीजिये। इतना सुनकर नव चौंक जाता है कि ये आवाज़ तो कही सुनी है , फिर पलट कर जब देखता है तो उसी लड़की को देख चौंक जाता है।
नव फिर असमंजस में आ जाता है , और सोच में पड़ जाता है कि कहाँ देखा है ??? नव खड़े खड़े एक अनजान से ख़्वाब में चला जाता है और ख़्वाब में देखता है कि वो लड़की उसे पुकारती है , दोनों में खूब बात होती है , वो लड़की उसे बताती, है कि वो यहीं बगल में ही रहती है और रोज़ सुबह वो पास वाले मैदान में व्यायाम करने आती है।
कि तभी दुकान वाले भाईसाहब ज़ोर से आवाज़ लगाते है कि साहब क्या चाहिए ? नव को होश आता है , और देखता है. कि वो लड़की अभी भी वहीं खड़ी है और अपना सामान ले रही होती है।।
वो लड़की भी उसकी तरफ हैरानी से देखती है फिर अपना सामान लेकर चली जाती है।
नव अभी भी एक असमंजस में था कि कहाँ देखा है इस लड़की को , और ख़्वाब में भी वो अपना नाम तो बताती नही है।
वो असमंजस में ही था कि एक ज़ोर की आवाज़ आती है 'नव - नव ',
नव नींद से जाग जाता है , और आंखे मींचते हुए सामने देखता है , उसकी पत्नी जिसका नाम सखी थ हाथ मे थैला लिए बोल रही है , "" कब से मैं आपको उठा रही हूँ , जाइये दो ब्रेड और और एक पैकेट मसाला ले कर आइये""।।
नव हाथ मुँह धोकर आता है और थैला उठाता है, सखी पूछती है कि क्या बड़बड़ा रहे थे नींद में , और किसको कही देखा है ??
और , नव , सिर्फ मुस्कुराता है ।
और उसको समझ मे आता है कि सपने में आई लड़की ""सखी "" ही होती है। !!!!!!!
©satender_tiwari