Tere naam zindagi ki thi in Hindi Poems by अर्चना यादव books and stories PDF | तेरे नाम ज़िन्दगी की थी

Featured Books
Categories
Share

तेरे नाम ज़िन्दगी की थी

मैंने की थी मोहब्बत
तूने दिल्लगी की थी
तूने खेल खेला था मेरे साथ
औ मैंने तेरे नाम ज़िन्दगी की थी।।

लोग प्यार करते है औ
एक दूजे के साथ रहते हैं
प्रियतम को छूकर उसके
होने का अहसास करते हैं।।
और मेरी किस्मत में न तू था
न तेरा साथ था,
थी तो मीलों की दूरी
औ बस तेरा अहसास था।।
इस अहसास के सहारे
मैंने बुने थे ढेर सारे सपने
सपने बुनते तेरे साथ ही बस
जीने की बंदगी की थी
तूने खेल खेला था मेरे साथ
औ मैंने तेरे नाम ज़िन्दगी की थी।।

जैसे मिला था मुझे तू
कोई किसी को मिला होगा क्या।
बस देखी थी एक तस्वीर तेरी
हार गई खुद को सोचा न एक पल जरा।।
जब पहली बार तुझसे बात हुई
हर मैसेज पर दिल की रफ्तार बढ़ी
मैंने खुद को कैसे कंट्रोल किया
और तुझको ना प्रपोज किया।
चाहत थी कि तू प्रपोज करे
ईश्वर से हर छण यही विनती की थी
तूने खेल खेला था मेरे साथ
औ मैंने तेरे नाम ज़िन्दगी की थी।।

औ जब प्रपोज किया तो यकीन न हुआ
डर लगा की कहीं तू कोई भँवर न हो
मैं डरती रही ना ना करती रही
छणिक समय का तू कोई प्रभावशाली ज़हर न हो
डर हार गया तू जीत गया
हमारे भी प्यार का एक किस्सा बना
आई हैव ब्वायफ्रेण्ड कहना अच्छा लगा
उस पल को तू सबसे सच्चा लगा
सम्भाले ना सम्भलती जो खुशी
उसका खुद से ही इजहार की थी
पर तूने खेल खेला था मेरे साथ
औ मैंने ए ज़िन्दगी तेरे नाम की थी।।

छणिक थी खुशी जो धूल मिट्टी हो गई
मेरे चेहरे की खुशी एक पल में फीकी हो गई
कि माँग तूने कुछ ऐसी की
कि चाहत मेरी कमजोर पड़ी
तेरी चाहत पूरी कैसे करती
दिमाग में संस्कारों की बेड़ी पड़ी
मैं मजबूर थी कितना जो तेरी
ख्वाहिश पूरी कर न सकी
औ तू भी निकला गजब का यार
और ब्रेकअप की धमकी देदी
मैंने तो तुझे हर शय में पाने की
उस खुदा से गुजारिश की थी
तूने खेल खेला था मेरे साथ
औ मैंने तेरे नाम ज़िन्दगी की थी।।

कहानी मेरी महीने भर की
प्यार मेरा कुछ छणों का था
अफसोस मुझे भी होता है
क्यों मैंने इस दलदल को चुना।
दुख ये नहीं कि तू छोड़ दिया
अफसोस तो बस उस वजह का है
क्या सच में इतनी अबोध हूँ मैं
या गलती मेरी लकीरों का है
अब जबकि तू चला गया फिर भी
बस तुझे ही पाने की ख्वाहिश की थी
तूने खेल खेला था मेरे साथ
औ मैंने तेरे नाम ज़िन्दगी की थी।।

तू गया ठीक है सब जाते हैं
प्रेम होता है तो ब्रेकअप भी होते हैं
पर तुमने जो घाव दिया
जो कभी किसी ने नहीं दिया
एक किस के लिए ब्रेकअप करके
मेरे सपनों का क्यूँ खून किया।
अब नफरत भी है औ तुझसे प्यार भी
तू क्या जाने की करती तेरा इंतजार भी
रातों ने कहा बेशर्म हो गई मुझे देखकर
रतजगा करती जैसे लुट गया संसार ही
जो भी हो पर तू है कि भूलता नहीं
सीने में दर्द बनके है कभी निकलता नहीं
रूठा था तू ए जानकर तुझे
मनाने की मैंने बहुत कोशिश की थी
तूने खेल खेला था मेरे साथ
औ मैंने तेरे नाम ज़िन्दगी की थी।।

दिन बीता महीनें बीते
अब साल बीतने वाला है
लाख जतन किए तुझे पाने का
जैसे तू मेरे जीने का सहारा है।
नम्बर मेरा ब्लॉक किया था
क्या बताऊँ की कैसे कैसे कॉल किया
झूठ बोलकर मोबाइल लिया
साथ में बैठी बस की लेडी से
राह चलते एक भिखारन मिली
झट कॉल किया मैंने तेजी से
ढूढा एक पीसीओ बूथ मिला
फिर झट से तुझे मैंने कॉल किया
जो भी किया वो प्यार न था
बस चाहत थी तुझे बुलाने की
जैसे मुझे तू छोड़ गया
ख्वहिश थी तुझे भी छोड़ जाने की
मंदिरों में मैंने फरियाद किया
मन्नत माँगी औ तुझे याद किया।
सब कुछ किया तुझे पाने को पर ईश्वर ने भी कैसी मेरी आजमाइश की थी
तूने खेल खेला था मेरे साथ
औ मैंने तेरे नाम ज़िन्दगी की थी।

मैंने की थी मोहब्बत
तूने दिल्लगी की थी
तूने खेल खेला था मेरे साथ
औ मैंने तेरे नाम ज़िन्दगी की थी।।