यह घटना वास्तविक है जो 2014 की है, जब मेरे विद्यालय के एक अध्यापक हो निरीकक्षण कार्य के लिए जौनसार बाबर में जाना पड़ा । जैसा कि अधिकतर विद्यालयों में होता है एक विद्यालय के अध्यापकों निरीकक्षण के लिए किसी अन्य विद्यालय में भेजा जाता है।
इसी क्रम में मेरे एक अध्यापक को जौनसार बावर के एक सुदूर पहाड़ी पर स्थित स्कूल पर जाना था ।वह सुबह ही बस से अपने गंतव्य को निकल गये । उन्हें जाने में 6 घंटे का समय लगाना था रास्ता खराब होने की वजह से 9 घंटे लग गये । जिससे के 3:00 बज गए । अधिकतर पर्वतीय क्षेत्र में विद्यालय सड़क से काफी दूरी पर होता है तो उन्हें 1 घंटा लग गया जब वह रास्ते पर चल रहे थे उन्होंने थोड़ी दूरी पर एक घड़ा दिखा जिसने खून भरा हुआ था।
आपके चारों तरफ काले जादू का सामान रखा हुआ था जैसे काले कपड़े में सतनाजा , नाखून, बाल, एक गुड़िया । व अध्यापक विज्ञान के अध्यापक थे उन्होंने उसे देख कर घड़े को लात मार दी । और आगे बढ़ गए । कुछ वह स्कूल मिला स्कुल ने पोजिशन के हिसाब से करता है सर की आवाभगत की । जैसा कि सभी विद्यालयों में होता है ।
उन्होंने गांव के समय अनुसार रात्रि का भोजन किया और कुछ देर बातचीत के बाद वे सोने को आ गये । उस समय तो उन्हे बढिया नींद आयी पर रात को लगभग 12 :30 के समय उनकी नींद अचानक खुली । तो उन्हे बिल्ली की आवाज आयी , बिल्ली रो रही थी
म्याऊ ........म्याऊ । तब उन्होने उसे जोरदार आवाज से भगा दिया । परन्तु अब वह जैसे ही आखे बंद करते उन्हे लगता कि जैसे एक बहुत बडी पानी की बुंद उनके सर पर गिर रही है पर तुरन्त उन्होने आखे खोली । फिर उनको यही सब आभास हुआ । फिर उन्होने सोचा कि थोडा़ बाहार टहल लेता हुं । पर यह क्या उन्हे आभास हुआ कि वह अपने को हिला भी न पाये और मुंह खोला तो आवाज ही बाहार नही आ रही थी ।उन्हे महसुस हुआ कि कोई जैसे कोई भारी चीज रखी है ।
उन्हे तो आपनी मत्यु ही नजदीक दिखी । अपने अंतिम प्रयास में उन्होने अपने ईष्ट देवता को याद किया व जोर से चिल्लाया तब जाकर वे बच पाये । उस रात तो वह सो भी नही पाये । यही बात उन्होने अगले दिन बताई वहां के प्राचर्य को बताया । वह इन सब के विषय में बताया कि रात को मेरे साथ ऐसा ऐसा हुआ । तो उन्होने पुछा कि तुमने क्या किया और कैसे आये ।
तो उन्होने बताया कि आपने उस घडे़ को लात मारी तभी यह सब हुआ । तब उन्हे लेकर स्थानीय देवता के मंदिर ले जाया जहां उन्हे काला धागा दिया गया और बोला कि रात को कभी बिल्ली को वापिस आवाज नही देनी चाहिए क्योकि ये जौनसार -बावर है ।यहां रात को डाकिनी बिल्ली के रुप में आकर परेशान करती है ।और आपने रास्ते मे जिस चीज को छुआ वो ऊर्जा वही से आपके पीछे पडी थी ।वे अगले ही दिन वहां से वापस आ गये । शायद इस घटना के बाद पुन: उस तरफ नही गये ।
सीख - कभी भी किसी संदिग्ध वस्तु को न छेडे़।
यह वास्तविक घटना है ।