chintu - 13 in Hindi Fiction Stories by V Dhruva books and stories PDF | चिंटू - 13

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चिंटू - 13

सुमति बेहोश हो गई थी और उसके तीनो चाहने वाले उसको होश में लाने की कोशिश कर रहे थे। रेस्टोरेंट के मैनेजर ने उन्हें सुमति को एक सोफे पर लेटाने को कहा। तीनो उसे उठाकर एक जगह सोफे पर लेटा देते है। तभी वहा डिनर लेने आए एक डॉक्टर ने भीड़ देखी तो वहा चले आए। उन्होंने सुमति को देखा फिर सबको कहा मै एक डॉक्टर हूं, मुझे इन्हें चेक करने दीजिए। सब बाजू पर चले गए। डॉक्टर ने चेक करके कहा- शायद इनका ब्लड प्रेशर लो हो गया है। अभी होश मै आ जाएगी फिकर न करे। होश में आते ही इन्हें कुछ मीठा खिला दीजिएगा, वैसे कुछ जरूरत लगे तो मै यही हुं।

पांच मिनट के बाद ही सुमति को होश आता जाता है। रेस्टोरेंट के मैनेजर ने पहले ही ज्यादा सुगर वाला नींबू शरबत बनवा दिया था तो वह वेइटर को कह के वह मंगवा लेते है। सुमति वह पीकर बेहतर महसूस करती है और मैनेजर कनाभर व्यक्त करती है। राजदीप उसे कहता है- खाना थोड़ा ज्यादा खाया करो। चिड़िया के जितना खाया अभी तुमने, फिर गिर ही पड़ोगी न। अब जब ठीक लगे तब ही जाएंगे यहां से।
(पर उस बेचारे को क्या खबर की चिंटू को देख सुमति के गले से निवाला नहीं उतर रहा था। और इधर यही हाल चिंटू का भी था। पर रिया साथ में थी तो सुमति से बात नहीं कर पा रहा था)
सुमति- मै ठीक ही हुं। बस अब घर पर छोड़ दो।
पुनिश- मै कार में छोड़ देता हुं तुम्हे। क्या पता वापस गिर पड़ी तो?
राजदीप- हां बराबर है। सौम्या ध्यान रखना अपना और हो सके तो कल छुट्टी लेकर आराम कर लेना।
सुमति- कल देखती हुं। अब चले घर?

पुनिश पिया को कार में घर छोड़ने जाता है और बाकी सब भी अपने घर चल दिए। रास्ते में पुनिश बातो बातो में सुमति से पूछता है- वैसे बुरा न मानो तो एक बात पूछूं?
सुमति- हा पूछिए।
पुनिश- क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड..??
सुमति- नहीं है। अभी उम्र ही क्या है जो बॉयफ्रेंड रखती फिरु।
यह सुनकर पुनिश बहुत खुश होता है और मन ही मन कहता है चलो लाइन क्लियर है। सुमति ने अपने पर्स से स्काफ बांध रखा था जो अभी कार के गियर की तरफ था। पुनिश सुमति का हाथ नहीं पकड़ सकता था तो उसी को ही पकड़कर गियर बदलता रहता है। अब तो उसे सुमति की जिस्म की खुश्बू तक महसूस होने लगी थी। प्यार में इंसान को सब अच्छा लगने लगता है, उसकी आदते, उसकी गलतियां, उसका रोना, उसका हंसना... यही अब इस महाशय के साथ हो रहा है। वह सुमति से पूछता है तुम शादी कब करोगी?
सुमति- जब मम्मी पापा चाहेंगे तब।
सुमति- क्यों तुम खुद डिसाइड नहीं करोगी तुम्हे कब शादी करनी है?
सुमति- ऐसी बात नहीं है। अभी अभी मै अठारह साल की हुई हुं। अभी कहा शादी के बारे में सोचना। अब तो लड़कियां भी पच्चीस छब्बीस साल के बाद ही शादी करती है।
पुनिश- नहीं, मै इतनी देर इंतज़ार नहीं कर सकता।
सुमति- किस चीज का?
पुनिश- मै जिस लड़की को पसंद करू उसकी उम्र कम होगी तो उसके पच्चीस साल होने तक इंतजार नहीं कर सकता।
सुमति- ओह! तो आपको कोई पसंद है क्या?
सवाल में पुनिश मुस्कुराता रह जाता है। तभी सुमति का घर आ गया। पुनिश सुमति को उसके घर तक छोड़कर वापस आता है। वह सोचता है अभी मेरी उम्र इक्कीस साल है और सौम्या की अठारह, तो बालिग तो हो ही गए है। शादी भी कर सकते है। पर फिर भी मै दो साल उसका इंतजार कर सकता हुं फिर ही उसका हाथ मांगुगा शादी के लिए। और तब तक उसे इतना प्यार दूंगा की वो तब मना ही नहीं कर पाएगी! वह खुश होते हुए घर को लौट जाता है।

* * * *
घर पर स्नेहा और राहुल सुमति की राह देखकर जाग रहे थे। राहुल सुमति को फोन करने ही वाला था तभी डोर बेल बजी। स्नेहा ने दरवाजा खोला तो सामने सुमति और पुनिश खड़े थे। दोनों ने पुननिश को अंदर आने के लिए कहा पर वह फिर कभी आऊंगा कहकर चला जाता है। उसके जाते ही स्नेहा सुमति से कहती है अब कैसी तबीयत है तुम्हारी?
सुमति- आपको कैसे पता चला मेरी तबियत बिगड़ी थी?
स्नेहा- वो राजदीप ने बताया। वह तुझे फोन कर रहा था पर तेरा फोन स्विच ऑफ आ रहा था तो मुझे फोन करके तुम आ गई के नहीं यह पूछा था और आज तुम बेहोश हुई वह भी बताया। चिंटू भी साथ में था?
सुमति- नहीं वो हमारे साथ नहीं था। वह रिया के साथ वहा आया हुआ था। मैंने उसे नहीं बुलाया था।
राहुल- हम यह नहीं कह रहे बेटा। तुम उसे देखकर डिस्टर्ब तो नहीं हुई थी न? मम्मा यह पूछ रही है।
सुमति- सच बताऊं तो हुई थी।?
स्नेहा- कब तक उसे याद करती रहेगी बेटा। भूल जा उसे।
सुमति- मै कोशिश करती ही हुं। जब ऐसा लगता है अब मै उसे याद नहीं करती वह किसी न किसी तरह सामने आ जाता है।
राहुल- अच्छा ये बता, यह पुनिश कैसा लड़का है?
सुमति- पापा....!?
राहुल- अरे मै तो सिर्फ पूछ रहा हुं। कैसा है?
सुमति- वैसे अच्छा ही है। उसकी मम्मी भी अच्छी है।
स्नेहा- उसके पापा भी एक अच्छे ईमानदार पुलिस अफसर है।मै मिल चुकी हूं उनसे।
सुमति- अब इंक्वाइरी खत्म हुई हो तो सोने चले? बहुत नींद आ रही है अब।
तीनो अपने अपने कमरे मै चले जाते है।

* * * *
अगले दिन से चिंटू फिर पढ़ाई में ज्यादा ध्यान देने लगता है। और रिया को अवॉइड करता है। कहीं ज्यादा बात कर ली तो फिर से बाहर जाने के लिए न कह दे। राजदीप ने अपना खुद का कंप्यूटर क्लास शुरू कर दिया था। उसने सुमति से उसमे जॉब का ऑफर भी दिया ताकि वह उसको पूरा दिन देख सके। पर सुमति ने मना कर दिया था। अपने मम्मी पापा की निगरानी में काम करना उसे अच्छा लगता था। स्नेहा और राहुल उसके मम्मी पापा से ज्यादा उसके अच्छे दोस्त थे। सुमति उनसे एक भी बात नहीं छिपाती थी। ऑफिस में कौन उसे घूरता है, कौन उसे पटाने की कोशिश करता है सब उन्हें कहती थी। और सामने राहुल भी उन लड़कों के नाम दे देकर उसे चिढ़ाता था। एक अतुट रिश्ता कायम हो गया था तीनो के बीच। पुनिश आर्मी में जाने के लिए अपनी फिटनेस बना रहा है। और सुमति से फोन पर देर तक बात भी करता रहता है पर अपने दिल की बात नहीं बता पता। डरता है कहीं वह बात करना बंद ना कर दे।

इतने में चिंटू के एग्जाम्स हो जाते है और कहना नहीं पड़ेगा, इस बार भी वह यूनिवर्सिटी टॉपर रहा है। सबके बधाई के लिए फोन आ रहे है सिवाय सुमति के। वह सुमति को इस दिन बहुत मिस करता है। पहले उसकी हर सफला में वह उसके साथ ही रहती थी। इधर रिया को उसे अपना बॉयफ्रेंड बनाने पर गर्व हो रहा है। वह अपने पापा से कह चुकी है शादी वह चिंटू के साथ ही करेगी। और क्यों न सोचे?, उसका हर हुकुम मान ने वाला गुलाम जो मिल गया था। वह इस गुलाम कों अब किसी भी क़ीमत पर छोड़ना नहीं चाहती थी।
वह एक दिन चिंटू को अपने पापा से मिलवाने ले आती है। वैसे वह कई बार रिया से मिलने जाता तो उसके पापा से मिल लेता था। पर आज रिया के पापा मिस्टर सहगल ने खुद चिंटू को बुलाया था।
जब चिंटू वहा पहुंचा तो मिस्टर सहगल ड्रॉइंगरूम में ही उसका इंतज़ार कर रहे थे।

चिंटू उनको गुड मॉर्निंग कहकर सामनेवाले सोफे पर बैठ जाता है। रिया के पापा भी उत्साह से उसे गुड मॉर्निंग विश करते है और उसके टॉपर आने की बधाई भी देते है। चिंटू उठकर उनके पैर छूता है। तभी रिया भी वहा पर आ जाती है। फिर रिया के पापा कहते है- आगे का क्या सोच है बेटा?
चिंटू- सर मै पुलिस में भर्ती होना चाहता हुं।
रिया के पापा- क्या? पुलिस में? बेटा तुम्हारा रिज़ल्ट बहुत अच्छा आया है। इस हिसाब से तुम्हे यूपीएससी की एग्जाम देनी चाहिए। करनी तो तुम्हे गवर्नमेंट जॉब है तो आईएएस या आईपीएस की तैयारी करो। तुम्हारा माइंड पॉवर अच्छा है। यह एग्जाम भी पास कर दोगे एक ही बार में।
चिंटू- आप ठीक कह रहे है सर। पर उसकी तैयारी के लिए ट्यूशन फीस नहीं है मेरे पास अभी।
रिया के पापा- अरे उसकी चिंता तुम मत करो। हम किस दिन काम आयेंगे?
चिंटू- नहीं नहीं सर मै आपसे..??
रिया के पापा- क्यों नहीं? बढ़ते टैलेंट को हम जरूर सपोर्ट करते है तो तुम्हे क्यों नहीं। आखिर फायदा तुम्हारे साथ साथ हमारी बेटी को भी होगा न।
चिंटू- जी?
रिया के पापा (हसते हुए)- अरे सबसे कहेंगी न फिर के मेरा फ्रेंड आईएएस अफसर बन गया है।
रिया- क्या पापा आप भी...।
रिया के पापा- देखो बेटा मै सीरियसली कह रहा हुं, तुम एक अच्छा आईएएस कोचिंग क्लास ज्वाइन कर लो। फीस की चिंता तुम मत करो। जब तक तुम अपना यह मुकाम हासिल नहीं कर लेते तब तक हम तुम्हारा सारा खर्चा उठाएंगे।
रिया खुश होकर अपने पापा के गले लगकर कहती है- ओह! लव यू पापा। आप चिंटू की मदद करेंगे... मुझे बहुत खुशी हुई।
चिंटू- सर पर मुझे मां से बात करनी होगी। वे कहेंगी तभी मै...।
रिया के पापा- कोई बात नहीं तुम पूछकर बताना और अच्छा कोचिंग सेंटर भी खोज लेना। पहली बार रिज़ल्ट ना आए तो दूसरी बार और दूसरी बार ना आए तो तीसरी बार पर तुम दोगे तो यूपीएससी एग्जाम्स ही। समझ गए बच्चे? टैलेंट वेस्ट नहीं जाना चाहिए, क्या समझें?
चिंटू- जी शुक्रिया सर।
रिया के पापा- अभी छुट्टियां चल रही है कहीं घूमने का प्लान बनाया है क्या? अगर नहीं तो अपने खंडाला वाले रिजॉर्ट पे चले जाओ मस्ती करने।
रिया- वाउ पापा! ग्रेट आइडिया। मै अभी सबसे पूछ लेती हुं।
चिंटू- अच्छा मै अब चलता हुं, मुझे कुछ काम है यूनिवर्सिटी में।
रिया के पापा- ठीक है बेटा, मैंने जो कहा उस पर गौर करना सीवीऔर पैसों की चिंता मत करना।

* * * *
चिंटू ने अपनी मां को रिया के पापा से जो बात हुई वह सब बताई। बेचारी गरीब मां अपने बच्चे को बड़ा आदमी बनने के सपने को लेकर हां कह देती है और साथ ही साथ यह भी कहती है- तुम अभी मदद के लिए हा कर दो पर साथ में यह कहना की उन्हे दिए हुए पैसे वापस लेने पड़ेंगे जब तुम काबिल बन जाओ। यह शर्त मंजूर हो तभी पैसे लेना वरना नहीं। और यह भी कहना कि पैसे किश्तों में चुका देंगे।
चिंटू- ठीक है मां जैसा आप ठीक समझें। मै उनसे यही कहूंगा।
दो दिन बाद चिंटू रिया के पापा से मिलता है और अपनी मां ने जो उसे कहा था वह कह दिया। रिया के पापा पहले तो जोर से हस पड़े फिर कहा- देखो बेटा, मै तुमसे पैसे वापस लेने के लिए तो नहीं देने वाला था पर तुम्हारी और तुम्हारी मां की खुद्दारी को देख मै पैसे वापस ले लूंगा। बस अब खुश?
चिंटू- जी सर।
रिया के पापा- तुमने अच्छा कोचिंग देख लिया क्या?
चिंटू- जी यह दो दिन यही देख रहा था। सब सेंटर से रिव्यूज ले लिए उन सब में से एक कोचिंग मुझे अच्छा लगा है। जहा का रिज़ल्ट बहुत अच्छा है। मैंने वहा अपना नाम लिखवा दिया है।
रिया के पापा- ठीक है तो मै रिया को भेजता हुं तुम्हारे साथ। तुम दोनों आज ही जाकर फॉर्म सबमिट करवा दो और फीस भी भर दो।
रिया के पापा उसे बुलाकर ब्लैंक चेक देते है। और जितनी फीस हो वह भरने को कहते है। जब रिया और चिंटू जाने लगते है तब रियांके पापा मिस्टर मुकेश सहगल के मुंह पर एक शातिर मुस्कान आ जाती है।

क्रमशः
आप लोगो के रेटिंग्स और समीक्षाएं पढ़कर बहुत अच्छा लगता है। बस इस तरह ही आगे भी अपने अभिप्राय देते रहे।?