मातरे जी : में कुछ कहूं सर
समीर :हां बोलों मेरे Sherlock
मातरे जी : माहौल को थोडा हलका बनाते हुए कहां की सर खूनी ने तिवारी जी की उंगली काटकर.......... (इतना बोलकर मातरे जी बाकी सब की तरफ देखने लगे ,बाकी सब उनकी बात तवजजो से सुन रहे हैं ये confirm करके फिर आगे बोले) कटी हुइ उंगली उनके पीछवाडे में डाल दी होगी. वैसे भी खूनी सनकी आदमी था कुछ भी कर सकता हैं. बाकी सब मातरे जी की बात पर हस पड़े. सब को पता था मातरे जी किसी की feeling को hurt करना नहीं चाहते बस माहौल को हलका बनाने के लिए ये सब कह रहे हैं.
समीर ने सब को कहां की मुझे तिवारी जी के घर के आसपास रहने वालो की लिस्ट चाहिए और बोपल सोसायटी में जितने भी m नाम से शुरू होते लोग हो उन्हें सावधान किया जाये की इक सनकी खूनी खुला गुम रहा हैं.
सब ने सहमति मै सिर हिलाया.
रात को घर पर जाकर समीर को बिल्कुल भूख नहीं थी फिर भी उसने थोडा खा लिया जो राजू ने थोडी देर पहले हीं बनाया था. थोड़ी देर बाद समीर टीवी ओन करके बैठ गया, सभी चेनलो पर तिवारी मडँर केस की बाते हो रहीं थी और खूनी के रूप में वोचमेन प्रेम सिंह को दिखाया जा रहा था. थके होने की वजह से समीर ने टीवी ओफ की और सो गया.
सुबह fresh होकर समीर जल्दी जल्दी थाने पहुंचा. अपनी केबिन में जाकर वो खुरशी में पशर गया और सोचने लगा : तिवारी मडँर, कटी हुइ उंगली, जला हुआ चेहरा acid से, दीवार पे खून से लिखा हुआ i ,keyboard का मिसिंग लेटर " M "यहीं सब सोचते सोचते समीर ने मातरे और मिश्रा जी को अपनी केबिन में बुलाया.
समीर : pm की रिपोर्ट?
मातरे जी :सर मौत एसिड से जलने की वजह से हीं हुइ हैं. ये रहीं रिपोर्ट, मातरे जी ने रिपोर्ट समीर को दी
समीर : उस वोचमेन का कुछ पता चला, उसके घर वालो से बात हुई? सायबेर सेल वालो ने कुछ पता किया वोचमेन के बारे में?
मिश्रा जी : सर उस वोचमेन का कुछ पता हीं नहीं चल रहा. न सायबर सेल वालो से पता चला न हीं उसके घर वालो से. एसा लगता हैं वो मंगल गृह पर चला गया है ,मिल हीं नहीं रहा Mr. India
समीर :मंगल को छोडिये मिश्रा जी उसका शनि जल्द खराब होने वाला है जब वो मेरी गिरफ्त में होगा, bloody psychopath
समीर : फोरंनसिक वालो से कुछ पता चला
मातरे जी : हां सर उनको तिवारी जी के घर में जगह जगह से किसी एक हीं आदमी के fingerprint मिले हैं,पर वो हमारे criminal data में से किसी से मेच नहीं करते.
समीर : वो लिस्ट कहां हैं तिवारी जी के आसपास रहने वाले लोगों की ?
मातरे जी : लिस्ट समीर को देते हुए..
समीर : तिवारी जी के घर के थोड़े दूर मनोहर शमाँ रहता हैं मातरे जी, भूतपूर्व m. p का बेटा .सुना हैं बड़ा अैयाश टाइप और टपोरी टाइप का हैं.
मातरे जी : सहीं सुना हैं सर, पर आजतक कभी थाने में कदम रखने की जरूरत नहीं पडीं उसे. इक बार किसी पुलिस वाले का गलती से हाथ लग गया था उसको तो पुलिस वाले को नोकरी से हाथ धोना पड़ा. सर इसके मुँह लगना ठीक नहीं है हमारे लिए.
समीर : इक मुलाकात तो बनती हैं इससे, शाम को कहीं दारू पीने जरूर जाता होगा तुम लोग पता करो कौन से बार में जाता हैं. और हां हमें आधे घंटे में निकलना हैं पूछताछ के लिए ,तिवारी मडँर केस को जल्द हीं निपटाना हैं मीडिया वाले पीछे पड़े हुए हैं, वैसे भी वो रिटायर आमीँ मेन था तो मिडीया वालो के लिए ये खबर तो मसाला डाल डाल के दिखाने जैसी हैं.
समीर सोच रहां था की थोडी देर मैं पूछताछ के लिए निकलना हैं तो अभी उसे ताजी हवा और सिगरेट की सखत जरूरत हैं, वो टेरेस की तरफ निकल जाता हैं पर टेरेस के दरवाजे पर पहुंच कर देखता हैं तो दरवाजा बंध था और तीन ताले लगे हुए थे. वैसे भी समीर हाल हीं मे जोइन हुआ था तो उसे इसके बारे में कुछ पता नहीं था, समीर ने नीचे जाकर मातरे जी से पूछा कि टेरेेस का दरवाजा लोक कयुं हैं ?
मातरे जी : सर वो 1 साल पहले इक हवलदार ने अपनी निजी परेशानियों से तंग आकर इसी टेरेस से कूद कर जान दे दीथी, तब मिडीया वालो ने बहुत बदनामी की थी पुलिस स्टेशन की. इसी बात से गुस्से में कमिश्नर साब ने permanently टेरेस बंघ करवा दिया ता की कोइ दूसरा इस टेरेस रे कूद कर जान न दे दे...
समीर : interesting..... अब वो सब छोडो निकलते हैं पूछताछ के लिए भी तो जाना हैं.
समीर और बाकी सब जीप में बैठ कर निकल गए बोपल की तरफ.
मिश्रा जी ने खामोशी तोडते हुए कहां की " सर बहुत सी बाते सामने आ रहीं हैं, मेरे खबरी ने बताया की तिवारी जी अक्सर लोगों से लड़ते रहते थे अभी 1 महीने पहले अमन के साथ बहुत बड़ी लड़ाई हुइ थी उनकी ,अमन ने जान से मारने की धमकी भी दी थी , अमन का 50000का उधार नहीं लौटा रहे थे तिवारी जी.
समीर : तो अब अमन भी शक के दायरे में आता हैं.
मिश्रा जी : सर एक और बात
समीर : हमम... बोलो
मिश्रा जी : मेरे खबरी का ये भी कहना है कि तिवारी जी की एक दो बार मनोहर शमाँ से भी लडाई हुइ थी, मनोहर ने भी घमकी दे रखी थी मारने की
समीर : लोग बढ़ती उम्र के साथ दुआ ये इकठ्ठी करते हैं और एक तिवारी जी हैं जो घमकीयां इकठ्ठी कर रहे थे. खैर हमें कयां, पर हां अच्छा काम कर रहे हैं मिश्रा जी आप और एक इन्हें देखिए, ये कहते हुए समीर मातरे जी की तरफ मुडा पर मातरे जी तो खराँटे बुला रहे थे.
थोडी देर बाद समीर और बाकी सब बोपल सोसायटी पहुंच चुके थे. गेट से अंदर दाखिल हो हीं रहे थे के समीर का फोन बज उठा. फोन ऱखने के बाद समीर ने कहां की "एक और खून हो गया हैं बोपल मैं, बंगला नं 307 किसी मालती नाम की लड़की का.
बंगला नं307 पहुंचते हीं समीर और बाकी सब को मिडीया वालो के ताने सुनने पड़े जैसे की "दिन दहाडे मडँर पे मडँर हो रहे हैं और पुलिस सो रहीं हैं. " दो दिन में दो खून पुलिस की नाक के नीचे "
समीर इन सब बातों को नजरअंदाज करता हुआ crime scene पर पहुंचता हैं. वहां का नजारा हूबहू पहले मडँर जैसा हीं होता हैं. समीर एक के बाद एक चीजे नोटिस करने लगता हैं. " लाश खुरशी से बांघी हुइ थी, एसिड से पुरी तरह जलाया गया था, कइ जगहो से लाश में से हडडीया जांख रहीं थी, बीच वाली उंगली कटी हुइ थी, और दीवार पर खून से " Don't " लिखा हुआ था. पहले मडँर में i लिखा हुआ था अब Don't ,मतलब अब तक का मिलाके हुआ I don't खूनी हमसे कुछ कहने की कोशिश कर रहा हैं, समीर ने मन में ही सोचा. फिर भागता हुआ समीर घर में computer ढूँढ रहा था, उसे मिला computer और अब की बार keyboard से मिसींग लेटर था वो "H"था.
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