Early morning in Hindi Classic Stories by r k lal books and stories PDF | सबेरे सबेरे

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सबेरे सबेरे

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आर 0 के 0 लाल


संजीव अपने बॉस के कमरे से निकल कर कार्यालय के हाल में आया तो उसने सबको बताया कि आज बॉस का मूड बहुत खराब है, बहुत चिड़चिड़ा रहे हैं, आप लोग जरा बहुत संभाल कर उनके पास जाइएगा वरना वे किसी न किसी से लड़ बैठेंगे।"


सहयोगी तरुण में कहा,- " मैं तो कई दिनों से देख रहा हूं कि बॉस जब घर से आते हैं तो उनका मूड खराब ही रहता है। एकाध घंटे बाद थोड़ा नॉर्मल होते हैं। लगता है उनकी आजकल अपनी पत्नी से पट नहीं रही है। वहीं पर अपने बड़े बाबू मौर्य जी को देखो कितना खुश रहते हैं। सबसे हंसकर बोलते हैं, सबका ख्याल रखते हैं। वह बताते हैं उनकी शादी को पांच साल हो रहे हैं और उनकी पत्नी भी उनका बहुत ख्याल रखती है।"

सब ने कहा चलो बड़े बाबू के टेबल पर ही चलते हैं उनसे चाय पीते हैं और पता करते हैं कि वास्तव में बॉस का मूड क्यों खराब रहता है।

मौर्य जी ने चपरासी बुला करके सबके बैठने के लिए अतिरिक्त कुर्सियां मंगाई और सबके लिए चाय लाने के लिए कहा। सभी ने उनसे बॉस की पत्नी के कारण उनका मूड खराब होने के बारे में पूछा तो वह हंसने लगे और बोले -" मूड खराब होने के कई कारण हो सकते हैं। हो सकता है उनको रात में ठीक से नींद न आई हो या उन्हें कोई चिंता सता रही हो। कोई जरूरी है क्या कि उनकी अपनी बीवी से नहीं पटती। मगर एक बात जरूर है सोने के बाद सुबह उठने की प्रक्रिया बहुत महत्वपूर्ण होती है। यदि वह सुखद है तो पूरा दिन खुशनुमा बीतता है, परंतु यदि सुबह उठते वक्त ही किसी का मूड खराब हो जाए तो दिन भर इसका गहरा प्रभाव बना रहता है।

कभी-कभी शाम को जब हम ज्यादा खा पी लेते हैं तो ठीक से नींद नहीं आती है और उसका हैंगओवर सुबह भी रहता है। रात के सपने जागते समय तक अपना प्रभाव डालते हैं। कहा जाता है कि सुबह सुबह किसका मुंह देख लिया पूरा दिन खराब ही जाएगा।

सुबह की शुरूआत अच्छी होने पर दिन भी अच्छा जाता है। अच्छे दिन गुजरने की कामना के लिए लोग तरह तरह के प्रयास करते हैं। सुबह जगते ही यदि आंखों के सामने एक खूबसूरत प्यारा चेहरा हो अथवा कानों में मधुर झंकृत आवाज पड़े तो क्या कहने। जिनके पास यह सब नहीं होता वे अपनी हथेलियों को देखकर जगते हैं और सोचते हैं कि इससे उन्हें धन, ज्ञान और सुख की प्राप्ति होगी।"


सिद्धू जी ने अपना अनुभव बताया कि जब उनकी नई नई शादी हुई थी तो उनकी पत्नी अपनी चूड़ियों की खंखनाहट से जगाती थी। पूरा दिन अच्छा बीतता था मगर अब तो चिल्ला कर जगाती है। ऐसे में सुबह सुबह गुस्सा आना स्वाभाविक है। हर दिन किसी न किसी से झगड़ा हो जाता है।


राम प्रकाश ने बताया,- " मुझे तो अनेकों तरह से सुबह जगने का एक बहुत बड़ा अनुभव है । उन्हीं लम्हों के कारण मेरा व्यक्तित्व निखरता अथवा मुरझाता रहा। जब मैं पैदा हुआ तो लगभग एक साल तक मुझे जगने की इजाजत ही नहीं दी गई। जैसे ही मेरी नींद खुलती मुझे थपकी देकर सुला दिया जाता। कहा जाता कि बच्चा जितना सोए उतना अच्छा है। शायद इसलिए कि छोटे बच्चे लोगों के कामों में बाधा पहुंचाते हैं। दो साल होते ही मेरा दूसरा भाई इस दुनिया में आ गया था और मैं उसके साथ ही सो जाता था। लोग प्रसन्न होते थे कि चलो दोनों बच्चे सो रहे हैं। न रो रहे हैं और न खाना मांग रहे हैं, बड़े सीधे हैं दोनों बच्चे। लगातार सुलाने के कारण मेरी सोने की आदत पड़ गई । मैं जिंदगी भर सोता ही रहा, आज भी तमाम चीजों से मैं आंखें मूंदे रहता हूं चाहे वह देश की राजनीति हो अथवा भ्रष्टाचार। कोई चाहे जितना जगाए मेरी नींद नहीं टूटती। तीन साल का हुआ तो स्कूल में नाम लिखा दिया गया फिर तो मुझे मार मार कर जगाना पड़ता था। सुबह सुबह जब मार पड़ जाए तो कोई बच्चा कैसे पढ़ाई में ध्यान लगा सकता है। इस कारण मैं कोई कंपटीशन नहीं निकाल पाया और अंत में क्लर्क बन कर रह गया। बड़ा होने पर मुझे अनेक लोग अनेकों तरीके से जगाते रहे। कभी मीठी मुस्कान के साथ, कभी चिल्लाने के साथ। मेरी प्रेमिका व्हाट्स ऐप पर 'आई लव यू' का मेसेज भेज कर जगाया करती थी। पत्नी जी ने तो मार कर और बाल खींच कर भी जगाया है। चिल्लाकर कहती है पहले तुम उठो, उठते हो या नहीं । अब तो सर में बाल ही नहीं बचे हैं इसलिए कोई डर नहीं है।"


अंजनी भाई बीच में ही बोल पड़े, -"यह तो आम बात है कि बहुतों की जिंदगी उनके घर वालों की आपसी समझ में कमी से कुछ इसी तरह की हो जाती है और मानसिक अलगाव बढ़ जाता है। पर फिर जिंदगी में कोई आ जाता है तो दुनिया महक उठती है, रंगीन हो जाती है। बीस साल की उम्र में मेरी शादी हुई उसके बाद मेरी जिंदगी बहुत खूबसूरत रही। ऐसा लगता था कि जैसे यह रोमांस भरी जिंदगी यूं ही चलती रहेगी। उन दिनों जब देखो तब हम दोनों खूब एंजॉय करते थे। हम एक दूसरे को बड़े प्यार से जगाते थे, कभी आई लव यू कहते कहते तो कभी चाय का प्याला लेकर गुड मॉर्निंग करते करते। इससे हमारा दिन भर बहुत अच्छा बीतता और हम अपने को दिन भर तरोताजा महसूस करते। इसका फल मिला और जल्दी ही मैं एक लड़के का बाप बना। उसी समय मेरी पत्नी ने एक कालेज ज्वाइन कर लिया क्योंकि वह ग्रेजुएट होना चाहती थी। अब वह पढ़ाई में ज्यादा ध्यान देती, मेरे पर कम। फिर चला एक खालीपन का दौर। मेरी पत्नी सुमन कॉलेज जाती और वापस आकर बस बच्चे में खो जाती। मुझे कभी प्यार करने की इच्छा होती तो बहाना करके टाल देती। नतीजा चिड़चिड़ापन और बाद में गाली गलौज। मुझे कुछ समझ में नहीं आता था कि हम दोनों में ऐसा क्या हो गया है। ऐसे सालों बीत गए मुझे अब उसके गुस्से से डर लगता है। इतना ही नहीं अब तो पूरी दुनिया से डरने लगा हूं। दिनभर तनाव में रहता हूं जिससे गलतियां हो जाती हैं। बॉस भी हमें हमेशा खरी-खोटी सुनाता रहता है।"


सिद्धार्थ ने बताया कि अगर सुबह सुबह किसी की याद आ जाए तो पूरा दिन उदास हो जाता है। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है। पिछले करीब एक महीने से महिमा की याद आ रही है मगर वह नहीं आती।

मेरे और महिमा के बीच बहुत अच्छे से रिलेशन चल रहा था। हम दोनों के बीच किसी बात को लेकर कभी झगड़ा नहीं होता था। मुझे लगता था कि मैं दुनिया का सबसे खुशनसीब हूं जो ऐसी जीवनसाथी मुझे मिली, मेरा बहुत ध्यान रखती थी और मैं भी उसका हर एक बात में ख्याल रखा करता। अचानक हम दोनों के बीच मतभेद शुरू हुए तो हमारे झगड़े होने लगे। मुझे इस बात का बहुत दुख होता कि वह मेरे साथ क्यों झगड़ा करती है। मैंने कई बार उसे समझाने की भी कोशिश की लेकिन हम दोनों का रिलेशनशिप पहले जैसा नहीं रहा। वह मुझसे कई बार कहती कि तुम इतना गुस्सा क्यों करते हो। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मुझे अपने रिलेशन को बचाने के लिए ऐसा क्या करना चाहिए। मैंने काफी कोशिश की लेकिन हमारा रिलेशन नहीं बच पाया। महिमा ने सारा दोष मेरे सर मढ़ दिया था। मुझसे गलती कहां हुई सुबह उठकर सोचता रहता हूं दिन भर दुखी रहता हूं। मुझे लोग समझाते हैं दुखी होने की जरूरत नहीं है सब कुछ ठीक हो जाएगा।"


शरद ने अपनी बात बताई, -"मेरी मां हमेशा मुझे जगाने मेरे कमरे में आती थी और बोलती बेटा उठो ऑफिस के लिए देर हो रही है। मैं सुन कर भी अनसुना कर देता और करवट लेकर दूसरी तरफ सो जाता तो वह मेरे सिरहाने बैठ जाती और मेरे बालों में हाथ फिराती। फिर बालों को सहलाते हुए प्यार की एक मीठी थपकी देकर कहती कि उठो नहीं तो बाल्टी से भरा पानी तुम्हारे ऊपर डालती हूं। मैं कहता क्या मां तुम सोने नहीं देती और मैं उठ जाता। मुझे दिन भर लगता कि उसका हाथ मेरे सिर को सहला रहा हो। बड़ी बड़ी मुसीबतें मैंने उसी के सहारे पार की हैं।


गंगा दीन ने कहा कि मेरी पत्नी तो बहुत बड़ी भक्त है। 4:00 बजे उठ जाती है और सीधे बाथरूम में चली जाती है।नहा धोकर के सुबह-सुबह घर के मंदिर में भजन का टेप चला देती है। भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अंबे। दुष्टों का नाश करो मां। यह सुनकर मैं तुरंत उठ जाता हूं ताकि मां मुझे सही में उसका दुश्मन न समझ ले। वही पंक्तियां दिन भर मेरे जेहन में चलती रहती हैं।

तभी कार्यालय की लेखाकार सपना भी वहां आ गई। उसने कहा कभी-कभी भोर का सपना भी बहुत सुहावना होता है। यह सपना मेरी शादी के कुछ माह पहले की है। सपने में मैंने देखा कि मेरी सहेली का जन्मदिन था। मैंने उसकी तरफ से एक पार्टी दी थी।उस समय उसका बॉयफ्रेंड रवि था। रवि सुबह ही मेरे घर आ गया क्योंकि रानी और मैं एक साथ ही रहती थी। रवि मुझसे बोला मेरी शादी तुमसे होने वाली है। मैं रानी को कब से बताना चाहता हूं पर वह सुन नहीं रही है अब तुम ही उसे बता दो। मैं उसे देख कर मुस्कुराई और हां में सर हिला दिया। तभी मेरी नींद खुल गई। सामने रवि सही में खड़ा था। कुछ ऐसा हुआ कि मेरी शादी रवि से ही हो गई।

अकाउंटेंट साहब ने कहा," मुझे जगाने के लिए मेरे पिताजी घड़ी का अलार्म लगा देते थे। वह खुद 4:00 बजे उठ जाते और मुझे 4:30 पर उठाते थे। अगर कहीं दोबारा सो गया तो फिर कयामत ही आ जाती थी। बिना मुझे आवाज लगाए अपनी छड़ी से पिटाई कर देते थे। आज तक उनकी छड़ी मुझे याद है इसलिए जल्दी उठ जाता हूं। मगर घर वाले मुझे कोसते हैं कि जल्दी उठ कर उनकी नींद खराब करता हूं। सभी हंसने लगते हैं। चाय भी आ गई थी।


अंत में मौर्य जी ने सलाह दी कि सभी को सोते समय ही तैयारी कर लेनी चाहिए कि उन्हें सुबह किस तरह उठना है जिससे सबेरे सबेरे मूड खराब न हो जाए और दिन भर का समय अच्छे से बीते।

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