Ha yahi pyar hai - 9 - Last Part in Hindi Love Stories by Alpa books and stories PDF | हा यही प्यार है... - 9 - अंतिम अध्याय

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हा यही प्यार है... - 9 - अंतिम अध्याय

भाग 9
हा यही प्यार है
राहुल collage मे दाखिल होता है, तो प्रिया केंटीन मे बैठी है.. राहुल उसके पास जाता है, उसे प्रिया की आँखों मे अज़ीब सी चमक दिखरही है..
राहुल मन ही मन सोचता है की प्रिया इतनी बदली बदली सी क्यू है...क्या माज़रा है..
प्रिया :- राहुल तुम कॉफी पिओगे ना..? मैंने हमारे लिये ब्लैक कॉफी मंगवाई है..
राहुल :- प्रिया......??
प्रिया :- राहुल...... क्या सोच रहेहो..??
फाइनल की exham नहीं देनी क्या..?? चलो अब बहुत टाइम खोटी किया है, स्टडी कौन करेगा .. आजसे exham की preparetion स्टार्ट.. नो एक्सक्यूसीस..
राहुल :- shocked.. प्रिया प्रिया... उनकी आँखों मे पानी आजाता है.. अब वो समझ गया की प्रिया की याददास्त वापिस आगयी है...
प्रिया :- अपने दोनों हाथ खोलके राहुल को बुला रही है.. आजो गले लगजाओ...
राहुल उसकी ओर हौले हौले बढ़ता है, फिर प्रिया को कसके पकड़ के रोता है.. प्रिया.. प्रिया.. ऐसे बोलता रहता है..
प्रिया :- i love you राहुल......
राहुल :- प्रिया i love you too
प्रिया :- क्यू मुझे छोड़कर USA जानेवाले थे..?? मुझे छोड़कर?? क्यू राहुल? तुम मुझे याद नहीं दिला सकते थे... क्यू..?? अपनी प्यार, अपने स्टडी की क़ुरबानी देकर यहाँ से जा रहेथे.. क्यू.. क्या मेरे बगैर तुम वहां रहे सकते थे... ओर मे.. मेरा क्या...?? प्यार तो अभी पाया.. पर दोस्त..वो भी तो मे खो देती ना? राहुल इतना बड़ा बलिदान तुम मेरे लिये करने वाले थे... राहुल तुम मुझे इतना प्यार करते हो..?? मेरी याद दास्त चली गयी.. मे प्रिया सिर्फ 16 साल की लड़की बन गयी थी.. जो तुजसे दिल लगाये बैठी थी, पर तुमने मौक़े का फायदा नहीं उठाया.. तुमने उस प्रिया को ही प्यार किया जो तुम्हारे साथ पढ़ती है, तुम्हारी दोस्त है.. मतलब तुम्हे मेरे दिल से मतलब है, मेरे चहेरे से नहीं.. अगर तुम्हे सिर्फ मेरे चहेरे से प्यार होता तो तुम उस छोटी प्रिया को भी अपना लेते.. ओर वो तो तुम्हारे लिये बिलकुल पागल थी.. तुमने उस नादान प्रिया के प्यार का नाजायज फायदा नहीं उठाया.. आज ये प्रिया.. की नजरों मे तुम्हारा स्थान बहुत ऊपर उठ गया है.. आज मे सब के सामने तुझे.. सेल्यूट करती हु...आज तक ऐक लड़का ही लड़की को प्रपोस करते हुऐ सुना है, मगर आज मे ये..रिवाज़ बदल देती हु...
मे सबके सामने तुम्हे प्रपोज़ करती हु.
प्रिया :- राहुल..क्या तुम मेरे जीवनसाथी बनोगे?? ओर उसके कदमो मे गिर जाती है.. ओर बहुत रोती है..
राहुल :- प्रिया.. तुम्हारी जगह मेरे दिल मे है.. ओर प्रिया को उठा लेता है... आज collage के सारे स्टुडंट राहुल ओर प्रिया की दोस्ती, मुहबत का साक्षी है.. सारी collage.. आज शोर मचा रही है.... राहुल ओर प्रिया एकदूसरे को देखते रहते है... राहुल :- प्रिया आजतो कुछ पार्टी.. वार्टी करते है, कोई अच्छे से restorant मे खाना खाने जाते है..
प्रिया उसके मुँह मे थेपले का रोल डाल देती है.. ओर बोलती है.. चुप चाप खालो.. मे नहीं थी तब बहुत बहार का खाना खा लिया.. अब तो सिर्फ थेपले,खमण थोकडा, हांडवा, सेव टमेटा.. वही सब मिलेगा..
राहुल :- है भगवान ये मेरी दादी फिरसे जिन्दा हो गयी......
प्रिया :- उसको गुस्सा हो के मारने दौड़ती है.....
तब सारा collage उनके प्यार को देखके कहेता है...
" हा.. यही तो प्यार है... हा यही प्यार है...
✍️✍️✍️???ऐक एहेसास आप सभी के साथ मे alp@meht@ आप सब का तहे दिल से शुक्रिया करती हु.. ?आप लोगो ने अपना कीमती वक़्त निकाल कर ये कहानी को पढ़ा... उसे सराहा..
आपका दिन शुभ हो
आपके कर्म सफल हो
आपका जीवन मंगलमय हो ???