The Seven Doors - 9 in Hindi Horror Stories by Sarvesh Saxena books and stories PDF | The Seven Doors - 9

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The Seven Doors - 9

कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा रशेल और वास्को सातवें दरवाजे यानी शैतानों की दुनिया में पहुंच जाते हैं जहां सारे शैतान मिलकर अपने शैतान देवता को बुलाने के लिए बारी बारी से आग मे कूद जाते हैं, रशेल प्यास और थकान के कारण बेहोश हो जाता है और वास्को उसके लिए पानी लेने जाता है, इसी बीच शैतानों का राजा वास्को को बंदी लेता है l

अब आगे....

वास्को को शैतानों ने बंदी बना लिया और शैतानों के राजा के सामने ले गए l शैतानों का राजा बहुत डरावना और शक्तिशाली था उसके सिर पे दो लंबे और मजबूत सींग, उसका सांप जैसा मुंह और हाथ जैसे मोटे पेड़ों की लाल जड़ें, वास्को ने अब तक ऐसा भयानक चेहरा नहीं देखा था l उधर रशेल की आंखें बंद होने लगी कि तभी उसको बुढ़िया की आवाज सुनाई दी, वो बोली, "बेटा, जागो, आखें बंद मत करना, अभी तुमको इन शैतानों को मारना है, उठो...मै तुम्हारी मदद कर सकती हूं, बोलो तुम्हें क्या चाहिए, बोलो बेटा " रशेल बहुत कोशिश करता आखें खोलने की पर प्यास और कमज़ोरी के कारण उसकी साँसे धीमी पड़ती जा रही थीं तभी फिर आवाज आई, "रशेल भैया उठो, देखो मैं आ गई तुम्हारे पास, चलो खेलें चल कर तुम कुछ भी कर सकते हो, उठो......, रशेल बेटा कहाँ हो तुम हमारे पास आओ, देखो मम्मी-पापा कब से तुम्हें ढूंढ रहे हैं " l रशेल को बीते समय की तरह तरह की आवाजें सुनाई दे रही थी, वो बहुत कोशिश करता पर आंख नहीं खोल पाता, उसे चारों ओर अंधेरा दिखने लगा, रशेल समझ चुका था कि अब उसके पास ज्यादा वक़्त नहीं, इसीलिए उसने आखें बंद की और ईश्वर को याद करने लगा l

उधर शैतानों के राजा ने अपने लंबे लाल खून जैसे पेड़ की जड़ों से दिखने वाले हाथ वास्को की ओर बढ़ाए और उसे पकड़ कर हवा मे टांग कर बोला, "तुम नासमझ इंसान क्यूँ बेवजह चले आते हो मरने के लिए, चलो अच्छा ही है... आज कुछ तो अच्छा खाने को मिलेगा.... हाहाहा हाहाहा...., ले जाओ इस कीड़े को और इसे साफ करके, मेरे लिए रात के खाने का इन्तजाम करो,... हाहाहा.. और हाँ शैतानों, इसे अच्छी तरह से साफ करना, क्यूंकि मुझे इंसानी बदबू पसंद नहीं..... अब जाओ और तैयारी करो" l ये कहकर राजा उठकर आग के पास चला गया और बोला," मेरे मुलाजिमों, मैं तुमसे बहुत खुश हूँ, तुम लोगों की शहादत जाया नहीं जाएगी, तुम सबके बाद मैं भी शैतानों के देवता को बुलाने के लिए इस आग मे कूद जाऊंगा और शैतानों की दुनिया मे हम हमेशा के लिए अमर हो जाएंगे.... हाहाहा हाहाहा" l सारे शैतान राजा की जयजयकार करने लगते हैं और राजा वहाँ से चला जाता है l

शैतान वास्को की ज़ंजीर खोलते हैं और उसे नहलाने और शुद्ध करने के लिए उसके सारे कपड़े उतारने लगते हैं, कपड़े उतारते ही उसकी त्वचा आग की गर्मी के कारण झुलसने लगती है, मौका पाकर वास्को अपनी तलवार निकाल कर शैतानों से लड़ने लगता है, कुछ देर मे वो शैतानों को मार देता है, किले मे शोर के कारण अन्य शैतान इस लड़ाई को सुन भी नहीं पाते जिस से वास्को पानी ले कर सीधा रशेल के पास आता है और देखता है, रशेल बेसुध पड़ा है, वास्को उसे जल्दी से पानी पिलाता है और तब जाकर रशेल की आंखें खुलती है, रशेल कुछ बोलता इस से पहले ही वहाँ पे शैतानों के आने की आहट होती है l
वास्को और रशेल दोनों जानवरों की खाल से पूरे शरीर को ढक लेते हैं और छुप जाते हैं l

वास्को ने कहा, " अगर हमे इस दुनिया से अपने घर लौटना है तो हमे जी जान से लड़ना होगा, तुम इन शैतानों को आग मे कूदने से रोको, मैं इस राजा को देखता हूं, मैं तुम्हारे लिए ये दो हथियार लाया हूं जो शैतानों के पास थे, ये तुम्हें लड़ने मे काम आएंगे " l यह कहकर दोनों गले लग गए और फिर दोनों लड़ने लगे, वास्को अपनी तलवार तेजी से घूमाते हुए शैतानों को मारने लगा, घूमते घूमते तलवार एक से दो बन गईं, और वास्को ने दोनों तलवारों से राजा के जड़ जैसे हाथों के टुकड़े कर डाले, गुस्से में राजा ने वास्को के कंधे पे अपना नुकीला सिंघ मार दिया, जिससे कंधे से खून बहने लगा, घंटो युद्ध चलता रहा, आग और बढ़ती जा रही थी शैतान भी अब बहुत कम बचे थे, वास्को ने देखा शैतान के हाथ से एक और हाथ निकल आया l

शैतान फिर वार करने ही वाला था कि तब तक रशेल ने उसकी दोनों आंखें फोड़ डाली l शैतानों का राजा गुस्से और दर्द से पागल हो गया और इधर उधर तोड़फोड़ करने लगा उसके सारे शैतान आग मे जल चुके थे और बचे हुए अधिकतर मारे गए थे, दस हजार शैतान होने में सिर्फ पचास शैतान बचे थे इसीलिए वास्को भी शैतान राजा को छोड़कर बचे हुए कुछ शैतानों को मारने लगा, तब शैतान गुस्से से लड़खड़ाते हुए मुंह से आग निकालता हुआ आया और उन दोनों को अपने हाथों से बांध लिया और बोला, "मुझे तुम कभी नहीं मार सकते और ना ही हमारे शैतान देवता को जन्म लेने से रोक सकते हो", उसने वास्को और रशेल को दूर फेंक दिया और चिल्लाया, "मैं चाहूँ तो अभी तुम दोनों को चींटी की तरह मार दूँ, लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा क्योंकि अब तुम दोनों अपनी बर्बादी का मातम देखोगे, मेरे शैतान देवता के कहर से जूझोगे, मैं पचास शैतानों के बराबर हूं और मैं अब अपने शैतान भगवान को लाकर रहूंगा हा हा हा हा हा" l वास्को और रशेल कुछ करते इससे पहले वह हंसता हुआ आग में कूद गया और तभी चारों तरफ आग फैल गई, आसमान काला हो गया, तेज़ आंधियां चलने लगीं, वो दोनों वहां से भागने लगे पर सब कुछ हिलने लगा, सारा किला जलने लगा वह दोनों समझ गए थे कि शैतानों का देवता आने वाला है दोनों भगवान से प्रार्थना करने लगे l

आगे की कहानी अगले भाग में...

कहानी पढ़ने के लिए आप सभी मित्रों का आभार l
कृपया अपनी राय जरूर दें, आप चाहें तो मुझे मेसेज बॉक्स मे मैसेज कर सकते हैं l

?धन्यवाद् ?

? सर्वेश कुमार सक्सेना