The Author Sarvesh Saxena Follow Current Read The Seven Doors - 8 By Sarvesh Saxena Hindi Horror Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books बैरी पिया.... - 57 अब तक : शिविका भी उसके पीछे बाहर आ गई । मोनिका नीचे हॉल में... साइकिल और हुनरमन्द 1. बाल कहानी - साइकिलतीन मित्र थे, राजू, सोनू और पप्पू। तीनो... साथिया - 128 केस की शुरुआत हो चुकी थी और अक्षत की तरफ से केस नील ने ल... My Wife is Student ? - 24 स्वाति क्लास में आ जाति है! ओर माया भी तभी वो दोनो देखती हैं... यादों की अशर्फियाँ - 21 - बॉयज के साथ बातचीत बॉयज के साथ बातचीत ट्यूशन की सबसे बड़ी खासियत थी... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Sarvesh Saxena in Hindi Horror Stories Total Episodes : 10 Share The Seven Doors - 8 (22) 2.7k 7.2k 2 कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा वास्को और रशेल दोनों छठे दरवाजे में जाते हैं तो उन्हें पता चलता है कि यह वीरान दुनिया है, वीरान दुनिया में भयानक पेड़ों, जमीन, पानी, फल चट्टानों, और हवा से लड़ते हुए दोनों सातवें दरवाजे में आ जाते हैं लेकिन रशेल की जादुई छड़ी छठे दरवाजे में ही खो जाती है l अब आगेरशेल और वास्को दोनों अब सबसे खतरनाक दरवाजे के अंदर आ चुके थे, ये सातवां दरवाजा सबसे डरावनी दुनिया का और शैतानों की दुनिया का दरवाजा था l रशेल बहुत थका था इसीलिए वास्को ने रशेल को अपनी पीठ पर बैठाया और धीरे धीरे चलने लगा, उन्हें काफी दूर रोशनी उठती दिख रही थी, जैसे जैसे वो पास आते गए रोशनी बढ़ती गई और उन्हें कुछ आवाजें सुनाई देने लगी l तभी उन्हें एक किला दिखाई दिया, काले पत्थरों का किला जिसका दरवाजा बहुत ही भयानक शैतान के मुंह मे था, ऐसा लगता था जैसे कोई बड़ा राक्षस मुहँ फैलाए हो, वास्को बोला, "किले की दरवाजे पर कोई पहरेदार नहीं है, इसका मतलब अंदर जरूर कुछ गड़बड़ है lवो दोनों पहले डर गए लेकिन फिर समझ गए कि ये बस एक दरवाजा है, दोनों उस शैतान के मुहँ मे बने दरवाजे से किले के अंदर पहुंचे और छिप गए, वहाँ दोनों ने देखा कि बहुत सारे शैतान आग के चारों ओर घूम रहे थे l ? आग बहुत तेज जल रही थी, इसी आग की रोशनी दूर से वास्को और रशेल को दिख रही थी l इतनी दूर होने के बावजूद भी आग की लपटों की गर्मी से दोनों का शरीर पसीने से लबालब हो गया था l आग के चारों ओर कई सारे शैतान जिनके सिर एक जंगली बकरे की तरह थे, उनके नुकीले सिंह किसी भाले से कम नहीं थे l सारे एक दूसरे का हाथ पकड़कर कोई मंत्र जाप कर रहे थे, कुछ शैतान अपनी ही धुन मे नाचे जा रहे थे l वास्को अपने माथे का पसीना पोछते हुए बोला, "ये तो बहुत सारे हैं, हम कैसे???!!!!" और तभी एक शैतान आग मे कूद गया, आग और ज्यादा भड़क गई lकुछ देर तक देखने के बाद समझ आया कि आग के चारों ओर घूमने वाले ये शैतान, बारी बारी से हर सातवें फेरे मे आग मे एक शैतान कूद कर अपने शैतान देवता को प्रसन्न कर रहे है और जब दस हजार शैतान आग में कूद जाते हैं तो एक बड़ा और विशाल शक्तिशाली शैतान जन्म लेता है, जिसे ये अपना देवता मानते हैं l ये सुनकर वास्को और रशेल सोच मे पड़ गए, दोनों ने ठान लिया कि कैसे भी कर के इन शैतानों को रोकना पड़ेगा वरना इनका शैतान देवता अगर पैदा हो गया तो दुनिया खतरे मे पड़ जाएगी, तभी एक शैतान चिल्लाया, " ऊ ऊ ऊ.... हा हा हा अब कुछ ही समय में हमारा नया जन्म होगा हमारी बली से महाशक्तिशाली शैतान का देवता जन्म लेगा, हा हा हा हा" l अब दोनों और सतर्क हो गए उन्होंने सोचा कि शैतान जन्म ले इससे पहले ही हमें इस दुनिया से निकलना होगा l वो एक खंबे के पीछे छुप गए और धीरे-धीरे छुप कर आगे बढ़ने लगे, आग रह रह कर और भड़क रही थी, मोटी दीवारें भी लोहे सी गर्म होने लगी थीं, रशेल को अब चलना मुश्किल हो रहा था, उसका गला बिल्कुल सूख चुका था, उसने वास्को से कहा, मैं अब और नहीं चल सकता, मुझे प्यास लगी है, पानी दे दो", प्यास तो वास्को को भी लगी थी लेकिन वो अपनी प्यास को दबाये था, वास्को ने रशेल से कहा," बस कुछ देर और फिर हमे पानी मिल जाएगा " रशेल उदास हो कर चलने लगा उसकी आँखे गर्मी से लाल हो चुकी थीं, वो धीमे कदमों से लड़खड़ाते हुए चलने लगा और कुछ दूर जाकर गिर गया lवास्को ने उसे अपनी गोद मे लिटा लिया, उसकी भी हालत बहुत बुरी हो चुकी थी पर रशेल की इस दयनीय हालत को देख कर वास्को रो पड़ा तो रशेल बंद आँखों और हल्की मुस्कान देते हुए बोला," भईया तुम मत रो, तुम जरूर इन शैतानों को रोक सकोगे", वास्को ने रशेल को गले लगा लिया और बोला, "नहीं मै तुम्हारे बिना इनसे नहीं जीत पाऊँगा, तुम यहीं रुको मैं पानी लाता हूँ", रशेल को एंजेल और छड़ी की बहुत कमी महसूस हो रही थी l वास्को ने रशेल को वहीं दीवार के किनारे लिटा दिया और उस पर जानवरों की खाल डाल दी, जिस से उसे आग की लपटें ना लगें, इस शैतानों की दुनिया मे इंसान तो बहुत पहले ही खत्म हो गए थे, तो अब जानवरों को भी ये शैतान मार कर खा जाते हैं और उनकी खाल रख लेते हैं l वास्को पानी की तलाश मे इधर उधर भटकने लगा, उधर शैतानों ने अपने तरह तरह के अजीब बाजे बजाने शुरू कर दिए, सारे शैतान बहुत खुश थे और नाच रहे थे, उसी बीच सारे शैतान सिर झुका कर बैठ गए, लेकिन आग के चारों ओर घूमने वाले शैतान घूमते रहे l"हे शैतानों के राजा हम गुलामों की शहादत कुबूल करो, हमारे लहू का एक एक कतरा तेरे लिए है, ए मेरे मालिक, आइये और इस दुनिया को शैतानी दुनिया बनाने मे हमारी मदद कीजिए ", ये सुनकर शैतानों का राजा खुश हो गया और सब फिर नाचने लगे, शैतानों के राजा ने एक बड़े से मिट्टी के बर्तन से पानी निकाल कर सभी शैतानों मे बांटने लगा lवास्को को ये देखकर कुछ उम्मीद जगी, वो चुपके से पानी तक पहुंचा, सभी शैतान अपने मे मस्त थे, आग और प्रचंड हो चुकी थी l वास्को ने मौका पाते ही जल्दी से कुछ पानी एक वहीं पड़े बर्तन मे भर लिया और जाने लगा, फिर उसने सोचा वो भी तो प्यासा है, क्यूँ ना वो जी भर के पी ले और रशेल के लिए भी ज्यादा पानी ले जाए lयही सोच कर उसने जैसे ही पानी मुहँ से लगाया तो पता चला कि वो पानी नहीं वो तो खून है, घबराहट मे वास्को के हाथों से वो बर्तन छूट गया और जमीन पे गिरकर चकनाचूर हो गया, उसने सर उठा कर देखा तो सारे शैतान और उनका राजा वास्को को घूर रहे थे l शैतानों के राजा ने चिल्लाकर कहा, पकड़ो इसे...... ये इंसान हमारी दुनिया मे कैसे आ गया, इसे पकड़ कर मेरे सामने पेश करो, और आज रात के खाने की तैयारियां करो" l ये सुनते ही शैतानों ने वास्को को पकड़ लिए, वास्को ने बहुत कोशिश की लेकिन वो भाग नहीं पाया l कहानी पढ़ने के लिए आप सभी मित्रों का आभार lकृपया अपनी राय जरूर दें, आप चाहें तो मुझे मेसेज बॉक्स मे मैसेज कर सकते हैं l?धन्यवाद् ?? सर्वेश कुमार सक्सेना ‹ Previous ChapterThe Seven Doors - 7 › Next Chapter The Seven Doors - 9 Download Our App