Sye Raa Narasimha Reddy  in Hindi Film Reviews by कवि अंकित द्विवेदी books and stories PDF | सई रा नरसिम्हा रेड्डी

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सई रा नरसिम्हा रेड्डी

भारतीय सिनेमा में साउथ फिल्मों का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है। बाहुबली की सफलता के बाद अब बड़ी तादाद में साउथ सिनेमा की फिल्में हिंदी बाहुल्य क्षेत्र में रिलीज हो रही हैं। इस कड़ी में 2 अक्टूबर को चिरंजीवी की फिल्म सई रा नरसिम्हा रेड्डी हिंदी, तेलुगू, तमिल, मलयालम और कन्नड़ भाषा में रिलीज हुई।

यह स्वतंत्रता संग्राम की सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है, जब उय्यलवाडा के पालेदार नरसिम्हा रेड्डी ने अंग्रेजों के खिलाफ जनआंदोलन छेड़ा था , जो आगे चलकर 1857 की क्रांति की नींव बना।
चिरंजीवी ने फिल्म में शानदार काम किया है। शुरुआत में भले ही उनके किरदार पर उनकी उम्र हावी होती प्रतीत होती है , लेकिन फिल्म के आगे बढ़ने के साथ ही उनकी एक्टिंग से लेकर एक्शन सभी उच्च स्तर के नजर आते हैं। सिर्फ चिरंजीवी ही नहीं बल्कि तमन्ना भाटिया से लेकर अमिताभ बच्चन, नयनतारा,किच्चा सुदीप, रवि कृष्णा सभी का शानदार काम देखने को मिलता है। फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष उसका स्क्रीनप्ले और एक्शन है। फिल्म की कहानी में भारतीय सभ्यता, संस्कृति,कला, वैभव और साहस निखरकर सामने आता है।
‌चिरंजीवी की एंट्री सीन से लेकर क्लाइमेक्स सीन शानदार है। पूरी फिल्म में वह कभी अपनी तलवार से दुश्मन का सिर काटते नजर आते हैं , तो कभी अपने तीर से अंग्रेजों का सीना छलनी करते। कलाकारों के कॉस्ट्यूम से लेकर शूटिंग लोकेशन्स सभी 1857 से पहले के समय को बखूबी फिल्माते हैं। जिस तरह के वीएफएक्स का इस्तेमाल किया गया है वह बाहुबली फिल्म की याद दिलाता है। फिल्म में नारी शक्ति और आंदोलन में कला के योगदान को भी अच्छे ढंग से दर्शाया गया है। हालांकि फिल्म का पहला हॉफ थोड़ा धीमा होता है। दूसरे हाफ से कहानी रफ्तार पकड़ती है। वहीं गाने भी उच्च स्तर के नहीं दिखे जो अपनी छाप छोड़ सकते हों।

विशेष आकर्षण :-
अगर आप इस हफ्ते देशप्रेम से भरी कहानी, एक्शन और पारिवारिक फिल्म देखना पसंद करते हैं तो यह फिल्म आपके लिए ही है।फिल्म बहुत ही भव्य और दर्शनीय है। निर्देशक सुरेंद्र रेड्डी दर्शकों को 1847 के दशक में ले जाने में पूरी तरह से कामयाब हुए हैं। उन्होंने हर छोटी से छोटी चीज का ध्यान रखा है, जो उस समय इस्तेमाल होती हो या समाज को दर्शाती हो।

कहानी सारांश:-

फिल्म नरसिम्हा रेड्डी के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने 1857 की क्रांति के 10 साल पहले अपने राज्य उयालपाड़ा से आजादी का बिगुल बजाया था। वह बचपन से ही अपने गुरु जी (अमिताभ बच्चन) के दिखाए हुए रास्ते में चलकर एक शूरवीर बनता हैं। शूरवीर की अपनी एक प्रेम कहानी है। एक नृतकी का प्रेम उसे जीवंत करता है औऱ दूसरी ओर बचपन में देश हित में की गई उसकी शादी उसे मर्यादाओं से बांधती है। ईस्ट इंडिया कंपनी के अत्याचारों और गलत तरीके से लगान वसूल करने की नीतियों से क्रोधित होकर नरसिम्हा अधिकारियों को लगान देने से मना कर देता है। नरसिम्हा की बगावत जल्द ही आजादी की जंग में बदल जाती है और फिर देश को अंग्रेजों के खिलाफ एक सामूहिक आंदोलन में बांध देती है। इस आंदोलन में अवकु राजू(सुदीप किच्चा) और राजा पाड़ी (विजय सेतुपति जैसे साथी है तो घर का भेदी रवि किशन है। अब इस फिल्म में आगे क्या है इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी।


अभिनय की अगर बात करें तो चिरंजीवी पूरी तरह से छाए रहे। नरसिम्हा रेड्डी के किरदार में एक पल भी नहीं लगा की नरसिम्हा रेड्डी का किरदार चिरंजीवी निभा रहे हैं । वह खुद नरसिम्हा रेड्डी ही नजर आ रहे थे। महानायक अमिताभ बच्चन भी अपने किरदार में एकदम जीवंत नजर आ रहे हैं। इसके अलावा किच्छा सुदीप, विजय सेतुपति, जगपथी बाबू, रवि किशन, नयनतारा, तमन्नाह और निहारिका जैसे कलाकार भी भारत के नजर आ रहे और सभी ने उम्दा प्रदर्शन किया है।