बेला और अनमोल एक ही कॉलेज पढ़ते थे । दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे । रोज़ का मिलना जुलना , लाइब्रेरी में एक साथ पढ़ना ,साथ लंच लेना , शाम को इक्कठे घर जाना । समय गुज़रता रहा । दोस्ती प्यार में तब्दील हो गया । कॉलेज की पढ़ाई के बाद अनमोल ने पुलिस में जाने की इच्छा ज़ाहिर की , बेला के मना करने पर अनमोल ने उसको प्यार से समझाया और उसने अपनी लगन और मेहनत से पुलिस की नौकरी हासिल भी कर ली । इस दौरान अनमोल को बेला से दूर जाना पड़ा । बेला उसके वापिस आने का इंतज़ार करने लगी । दिन, महीने ,साल गुज़रते चले गए , दोनों का प्यार भी समय के साथ बढ़ता रहा । नौकरी पर लगने के बाद अनमोल ने बेला के माता पिता से मिलने की इच्छा ज़ाहिर की , बेला को थोडा डर लग रहा था कि कहीं घर वाले नाराज़ न हो जाएँ या शादी से इंकार न कर दें । पर अनमोल ने उसको इत्मिनान रखने के लिए कहा । बेला को अपने प्यार पर पूरा भरोसा था , इन सब बातों में वे इतने खो गये कि एक दूजे में पूर्ण खो गए । बेला को एक पल लगा जो कुछ हुआ सही नहीं हुआ , वह रो पड़ी , अनमोल को भी खेद हुआ उसने माफ़ी माँगी और अगले ही दिन अपने माता पिता को लेकर बेला के घर रिश्ता लेकर पहुँचा । दोनों की जाति अलग थी , सो दोनों के माता पिता ने समय मांगा ,दोनों ने हामी भरी और कहा ठीक है जब तक सब तैयार नहीं होते दोनों कोई कदम नहीं उठाएंगे ।
दो एक महीने बीत गए , अनमोल की पोस्टिंग किसी और शहर में हो गयी । इस बीच बेला ने अनमोल को फ़ोन से सूचना दी कि वह माँ बनने वाली है । अनमोल की ख़ुशी का ठिकाना न रहा उसने बेला से जल्द ही शादी करने का वादा किया । बेला अपने भावी जीवन के सपने संजो रही थी । बेला के घर में सिर्फ उसकी बहन को इसके बारे में पता था । पर बेला चाह रही थी की अनमोल ही आकर सबको बताये ।
अगले दिन अख़बार में एक समाचार ने बेला के सपनोँ को रौंद दिया , अनमोल की वैन एक पेड़ से टकरा गयी थी और इस हादसे में अनमोल की मौत हो चुकी थी । किसीने वैन का ब्रेक फ़ैल कर दिया था ।
इस समाचार ने बेला के घर वालों को भी विचलित कर दिया था । बेला तो बेहोश हो गयी , डॉक्टर को घर में बुलाया गया , उन्होंने घर वालों को बेला माँ बनने वाली है यह बात भी बता दी , अब तो घर वाले और भी परेशान हो गये , बिन ब्याही माँ ! लोग क्या कहेंगे , बेला के पिताजी ने गर्भपात करवाने की सलाह दी पर डॉक्टर ने साफ़ इनकार कर दिया । अब क्या करें ? सभी इस बात को लेकर परेशान थे , अनमोल के माता पिता से बात करना ठीक नहीं समझा , बेला की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ रही थी , उसको अब डिप्रेशन भी होने लगा था , बेला के लिए कुछ तो करना ही होगा , यह सोचकर तय किया गया कि उसको लेकर गाँव चले जाना चाहिए , वहां कह देंगे कि की बेला विधवा हो गयी है ।
सब तैयारी में जुट गये , बेला से मिलने उसके कुछ सहेलियाँ और कुछ क्लास मैट्स भी आते थे , उसमें से एक लड़का था , संकल्प , वह भी अनमोल और बेला की बैच का था , एक साधारण से परिवार में जन्मा था , एक कम्पनी में क्लर्क की नौकरी करता था , बेला की बिरादरी का था । उसको बेला और अनमोल के प्यार के बारे में सब पता था । बेला की बिगड़ती हालत उससे छुपी हुई न थी , एक दिन उसने बेला के माता पिता से कहा , " अगर आप अन्यथा न लें तो मैं बेला से शादी करना चाहता हूँ । "
कोई चीज़ जिसके बारे में कभी सोचा न हो गर ऐसा कुछ हो जाये तो कैसी हालत होती हैं , ऐसा ही कुछ बेला के परिवार वालों के साथ हुआ । वे तैयार हो गए , पर बेला !
संकल्प ने बेला से बात की , बेला ने कुछ समय माँगा , और दोनों एक सूत्र के बन्धन में बन्ध गए ।
पांच महीने बाद बेला ने एक नवजात शिशु को जन्म दिया । संकल्प की ख़ुशी का कोई ठिकाना न रहा , उसने उस बच्चे को अपना नाम दिया । और बेला से , उसके घर वालों से एक वादा लिया कि बच्चे को कभी भी कोई ज़ाहिर नहीं होने देगा कि वह उसका असली पिता नहीं ।
इस कलयुग में ऐसा दिलदार व्यक्ति ! सभी के मन में संकल्प के लिये मान बढ़ा । उसका बेला के प्रति का निश्चल प्रेम ने सभी को गदगद कर दिया था ।
संकल्प और बेला का जीवन चलता रहा । बेला ने भी अपने दायित्व को निभाया , घर में ट्यूशन करके अपने पति का हाथ बटायां , कुछ वर्षो बाद बेला ने एक बेटी को जन्म दिया । दोनों का परिवार पूर्ण हुआ । हम दो हमारे दो ।
बच्चों को पढ़ा लिखाकर , अपने पैरों पर खड़े हो सके इस लायक बनाया । दोनों बच्चों की शादी करी ।
सब अपना अपना जीवन जी रहे है । और सब के बीच आज भी ज़िंदा है संकल्प का प्यार और उदार मन से वर्षो पहले लिया हुआ उसका निर्णय । दादा दादी बन गए , नाना नानी बन गए पर बच्चों को बेला के अतीत के बारे में कुछ नहीं पता ।
आज के कलयुग में भी प्यार और समर्पण जिन्दा है । बेला और संकल्प का यह अनमोल बन्धन इस बात की मिसाल है ।