हा.. यही प्यार है..
राहुल :- प्रिया दूर हटो.. तुम अभी बची हो.. प्यार के मामले मे बहोत छोटी हो.. ये प्यार नहीं है, सिर्फ आकर्षण है.. जो तुम्हे मेरी ओर खींच रहा है..
प्रिया.. no.. राहुल i रियली लव यू...
राहुल :- प्रिया अपने कमरे मे जाओ..
प्रिया :- हा राहुल आज मे चली जाती हु.. पर ऐक दिन तुम्हे ये स्वीकार करना ही होगा की मेरा प्यार सच्चा था... प्रिया चली जाती है.. राहुल प्रिया की माँ के पास जाकर रो पड़ता है.. माँ मे क्या करू.. ये कैसी उलझन है.. ओर कैसे सुलझेगी.. प्रिया की माँ.. :- बेटा सब ठीक हो जायेगा.. भगवान पे भरोषा रख.. राहुल देर रात तक सोता नहीं.. सोचता रहेता है.. तन्हाई मे आँशु बहाता है...
" मेरी मुह्हबत गर सही है तो
कितना भी आजमाले... हम ना कभी बिखरेंगे..
आज तू जानले.. "
प्रिया.. अपने रूम मे.. बैठी है.. वो भी सोयी नहीं है..
तुजसे प्यार करती हु.. करती रहूंगी..
चाहे कितना भी तू..सितम ढाये
न पीछे हटेंगे.. चाहे.. कितना भी आजमाले..
राहुल :- ऐ खुदा तू मुझे किस बात की सजा दे रहा हे..
न जीते बनता है.. न मरते बनता है..
प्यार अगर देना ही नहीं था. तो प्यार से मिलाया क्यु
आखिर मेरी गलती ही क्या है. जीतेजी मार क्यू.
इधर राहुल बेबस.. उधर प्रिया बेहाल... दोनों.. बहोत नाजुक दौर से गुजर रहे. है..
राहुल अब प्रिया के बिलकुल पास नहीं जा रहा.. वो नास्ते के टेबल पे भी नहीं आता...सीधा काम पे निकल जाता है.. तो देर रात घर आता है.. मन मे सिर्फ प्रिया का ख्याल होता है.. अब वो.. ये.. दौर बर्दास्त नहीं कर सकता है..
राहुल:- शुक्ला जी.. ऐक टिकट.. usa की book कराओ.. अगले महीने की.. 11 तारीख की.... हा.. राहुल अगले महीने हमेशा के लिये usa जा रहा है..वो यहाँ रहेके.. प्रिया से दूर भी नहीं रहे सकता.ओर करीब भी नहीं रहे सकता...इसलिए वो indea से बाहर जा रहा है.. अंदर से बहुत दुखी है. टूट सा गया है.. शुक्ला जी ने राहुल की टिकट booked करली है.. अब आज से.. राहुल ओर प्रिया का हमेशा के लिये जुदा होने का वक़्त शुरू हो चूका है... ऐक दिन.. दो दिन. ऐसे ऐक हप्ता गुजर जाता है.. अब रहे सिर्फ बीस दिन.. राहुल बहोत कश्मजश मे... वो ये आशा करता है की प्रिया की याददास्त वापिस आ जाये.. पर ऐक हफ्ते मे कोई हकारात्मक.. सुधार प्रिया की याददास्त मे नहीं आया.. आठवा दिन.. नववा दिन. दसवा दिन.. गुजर गया... प्रिया ने दस दिन से राहुल को देखा नहीं है.. जब वो सुबह उठती है तो राहुल उससे पहले जा चूका होता है.. ओर जब वापिस आता है तो सीधा कमरालॉक करके सो जाता है. प्रिया राहुल की ये बेरुखी बर्दास्त नहीं कर सकती.. वो बहोत सोचती है.. की राहुल उससे इतना दूर क्यू हो गया है.. पर उससे समझ नहीं आ रहा... आखिर बात क्या है...
प्रिया :- ऑटो... ऑटो.. सिंघानिया कॉलेज लेलो...
प्रिया.. जीन्स कुर्ता.. बेंगल्स.. बिंदी.. वैसी ही तैयार हो के. कॉलेज मे दाखिल होती है... देशी गर्ल. टाइप... अपनी धुन मे मस्त.. उसकी अदा सबसे जुदा... आज वो यहाँ राहुल को ढूंढने आयी है... उसके दोस्तों से जानकारी लेने आयी है.. उसकी लाइफ की सच्चाई जानने आयी है... वो सीधा केंटीन मे जाती है... पर जाती ऐसे है जैसे उसे पता है की केंटीन कहा है. वहां राहुल के दोस्त बैठे हुए थे... सबको प्रिया का केस पता है, इसलिए.. कोई कुछ बोल नहीं रहा... सिर्फ प्रिया को आती हुई देख रहा है.. प्रिया.. हेलो गाइस.. मे प्रिया हु... आप मुझे नहीं जानते... मे यहाँ राहुल काो ढूंढने आयी हु.. वो यहाँ लास्ट ईयर कररहा है.. आप लोग उसे जानते हो..?
हम तो तुमको भी जानते है प्रिया.. ऐक दोस्त बोला..
प्रिया :- क्या??...
अरे अभी तो नाम बताया तुमने अपना..
प्रिया... ohyes.... thats right... आप मुझे राहुल के बारेमे.. बताएँगे.. वो कैसा है.. उसकी hobbies.. उसके दोस्तों . उसकी लाइफ.... मुझे सब जानना है..
राहुल के दोस्त उसे सब बताते है.. प्रिया ओर राहुल की दोस्ती.. पहले दिन से लास्ट दिन तक.. राहुल की बाते, मुलाकाते... सब.. बाते प्रिया सुन रही है... उसके दिल मे.. थोडीसी प्रिया के लिये ईर्ष्या आती है.. की राहुल उस लड़की के लिये मुझे स्वीकार नहीं कर रहा... पर.. फिर उसकी आँखों मे चमक आजाती है... जब वो कॉफी आर्डर करती है.. क्युकी वैसी ही कॉफी आती है जैसा वो पसंद करती है.. डार्क..कॉफी के कलर ने उसकी दिमाग़ की नसो को जैसे खोल दिया हो.. ... उसके चहेरे पे अब गजब की चमक छा जाती है... ओर हल्का सा स्माइल.. आ जाता है.. पता नहीं.. क्यू... फिर वो घर चली जाती है.... आज उसका दिल दिमाग़ बिलकुल शांत है.. जैसे. पानी मे ठहराव आ गया हो...
अब राहुल को usa जाने मे सिर्फ ऐक हफ्ता बाकि है.. क्या तब तक प्रिया की याददास्त वापिस आ जायेगी.. क्या वो छोटी प्रिया राहुल को रौक पायेगी.. क्या राहुल usa जा पायेगा.... इन सभी बातो का जवाब.. अगले हफ्ते.. तक.. to. Continue... ✍️✍️✍️ऐक अहेसास आपके साथ alp@meht@..