यह कुछ समय पहले की बात है। एक छोटे से गांव में अग्नि नाम का लड़का रहता था। अग्नि पढाई में बहुत होशियार और मेहनती था। अग्नि ऐ.पी.जे अब्दुल कलाम को अपनी प्रेणना मानता था और उनकी तरह ही वैज्ञानिक बनकर देश के लिए कुछ करना चाहता था। अग्नि अपनी मेहनत और लगन से वेज्ञानिक बना और ख़ुशी से जीवन बिताने लगा। परन्तु 27 जुलाई 2015 जब अब्दुल कलाम का निधन हुआ तो पूरे देश के साथ उसकी भी आँखे नम थी। वह अब्दुल कलाम से कभी नही मिल पाया था, इस विचार से दुखी होकर अग्नि अब्दुल कलाम के जीवन के बारे में जानने के लिए उनसे जुड़ी सभी किताबे पढता रहता था। एक दिन अग्नि की तबियत बिगड़ने पर वह कार्यालय से जल्दी घर आकर सौ गया।
वो इतना खो चुका था ए.पी.जे अब्दुल कलाम की जीवनी में की उसे ये आभास होने लग गया था कि अब्दुल कलाम उसके करीब ही है। वह लोगो के लिए तो पागल सा बन चुका था क्योंकि लोगो के नजरियों में अग्नि अकेला बातें करता था। पर वह यह लोगो को बताता बताता थक गया था की उसे अब्दुल कलाम दिखाई देते हैं। वह जो भी गलत कार्य करता तो अब्दुल कलाम उसे सलाह देते थे।
एक बार की बात हैं जब अग्नि डिफेंस रीसर्च एंड आर्गेनाइजेशन में काम कर रहा था। तब भवन की सुरक्षा के लिए उसके साथ काम कर रहे अन्य लोगों ने इमारत की दिवार पर टूटे हुए शीशे के टुकड़े लगाने का सुझाव दिया। अग्नि उस सुझाव को स्वीकार करना चाहता था परंतु उसे सामने अचानक अब्दुल कलाम दिखाई दिए और उन्होंने अग्नि से कहा कि उसे इस सुझाव को नहीं मानना चाहिए इससे दिवार पर बैठने वाले पक्षी घायल हो सकते हैं। अग्नि ने उसी वक्त उस सुझाव को ठुकरा दिया और अपने काम में लग गया।
अग्नि जाना-माना वैज्ञानिक था। तो उसे एक स्कूल में 400 वेद्यार्थियो के बीच भाषण देने जाना था। अग्नि भाषण देने के लिए स्कूल पंहुचा। परंतु वहा किसी कारण से बिजली चली गयी और अग्नि बिना भाषण दिए लौटने लगा। तभी अब्दुल कलाम उसे कहने लगे की उसे बिना भाषण दिए नहीं जाना चाहिए अगर बिजली के कारण बोलने के लिए माइक की व्यवस्था नहीं है तो उसे विद्यार्थियों के बीच जाकर अपनी बुलंद आवाज में भाषण देना चाहिए। अग्नि ने अब्दुल कलाम की बात मानी और वैसा ही किया। सभी अग्नि की तरफ देखकर सोचने लगे की यह एकांत में किस से बातें कर रहे थे।
इसी तरह कलाम अग्नि को सही गलत की पहचान कराते थे। अब सुबह हो चुकी थी अग्नि का मित्र उसे उठाने के लिए आया और अग्नि से कहने लगा की "कल तुम कार्यालय से जल्दी आ गए थे तबियत बिगड़ने पर तो अब तुम ठीक हो?"। परंतु अग्नि बिल्कुल समझ नहीं पा रहा था की ये जो अब्दुल कलाम का किस्सा मेरे साथ हुआ यह एक सपना था।
वह ये जान चुका था कि ये जो किस्से सपने में मेरे साथ हुए, यह सब तो ए.पी.जे अब्दुल कलाम के किस्से है।
उसने अपने सपने के बारे में अपने मित्र को बताया और कहने लगा की "ए.पी.जे अब्दुल कलाम आज भी हमारे साथ हैं और उनसे प्रेणना लेकर हमे अपने लक्ष्य की और बढ़ना चाहिए। उनके विचार आज भी हमे सही और गलत का अहसास कराते हैं। हमे उनके विचारों को जीवन में अपनाना चाहिए। जिस तरह अब्दुल कलाम ने देश के लिए जो समर्पण किया और देश का नाम दुनिया भर में ऊँचा कर दिया वैसे ही आज के युवाओं को भी उनके किये गए कार्यो से और उनके विचारों से प्रेणना लेनी चाहिए"।।
Yuvraj Singh-