Gurukul ki mastiya in Hindi Motivational Stories by Monty Khandelwal books and stories PDF | गुरुकुल की मस्तीया

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गुरुकुल की मस्तीया

आज तो सक्ती जी गणित की कॉपी जाचने वाले हैं |

आगे से किसी की आवाज़ सुनाई दी
अरे ये क्या होग्या मैने तो काम किया ही नहीं
मैने मेरे दोस्तों को पूछा तुमने गणित में दिया हुआ कल का गृह कार्य पूरा किया |

देवा को पूछा - तूमने किया
हाँ कल मेने तो कल ही करदिया था

गिरधारी को पूछा - तुमने हाँ मैने भी किया

नारायण तूने - हा मेने भी आज सुभा ही देवा की कॉपी से किया

मेरी तो पुरी सास ही अटक सि गयी थी ईसलिए नहीं की इन लोगो ने गृह कार्य पूरा कर लिया है
बल्कि ईश लिये की आज फिर से मार पड़ने वाली हैं

लेकिन उम्मीद की एक किरण अभि बाकि थी
वो किरण थी
मेरा 4 दोस्त लगनेस

लगनेस - शायद इसने तो नहीं किया होगा

उससे पूछा तो जवाब दिया मेरा तो अभि आधा ही हुआ है
ये बात सुनते ही मन को थोड़ा तो सुकून हुआ
चलो ठीक हैं लगु थोड़ी सी मार तो तुझे भी पड़ेगी ?

हुआ भी ऐसा ही उसे मार पड़ी
लेकिन मेरा नम्बर नहीं आया क्यों की में मेरे सहपाठी के पीछे
छुप गया था
चलो अच्छा हुआ मुझे नहीं देखा वरना मुझे भी मार पड़ती ...
पर मजाल थी केे में बच जाऊ

जब मेरे ही दोस्त नारायण ने गुरु जी को ये बोल दिया की
गुरु जी गुरु जी monty की तो कॉपी जाचिही नहीं

ऐसा सुनते ही मनो मेरे पेरो से जमीन ही निकल गयी थी ..

मेने भी बिना कुछ बोले गुरु जी के आगे हाथ फेला दिए फिर
ऐसे डण्डे पड़े हैं की मनो में maicl वाला डांस कर रहा था

अब बात डण्डे की नही रह गयी थी बदला और बस बदला
मेरा ही दोस्त मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकता है ...

12.30 समय था हिंदी की क्लास का और आज हिंदी की भी कोपी जाचनी थी .
आते ही
सबसे पहले मेरा ही नम्बर आया क्यों
गुरु जी ने आज बोला की आज सबसे पहले पीछे से सुरु करते है ..
मुझे ख़ुशी होरही थी क्यों की मेरा काम पूरा था

अब बारि थी नारायण की जो मेरे पास 2 नम्बर पर बैठता है

मुझे भी मेरा बदला पूरा जो लेना था ...
जैसे ही वो कॉपी जचवा कर आया और बैठने लागा
मेने भी पेन बाहर निकली और दरी उठा केे पेन नीचे डाल दिया जैसे ही उससे तसरीफ रखी ......

उसकी जो चिख निकली हैं अहा हां हां हां
मनो उसका तो जग सुना सुना लागे रे ... ?? केे सुर निकल रहे थे

ईश हरकत की वजह से मुझे फिर से मार पड़ी

फिर 2 दिनों तक उसने मुझसे बात नही की
पर दोस्त तो दोस्त होता हैं उसने मुझे माफ़ कर दिया

उसकी वोह चिख आज भी मुझे याद...
sorry नारायण आज फिर से माफ़ी मांगता हूँ???.


आप लोगो से विनती है की मेरे जैसी गलती कभी भी किसी केे साथ ना करे क्यों की मुझे तो मेरे दोस्त ने माफ़ कर दिया लेकिन सायद आप का दोस्त Narayan जैसा ना हुआ तो आप पर भारी पढ़ सकता है ? ... ???