HELMET - 1 in Hindi Short Stories by Vismay books and stories PDF | HELMET - 1

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HELMET - 1

अहमदाबाद हाइवे, फोर लेन, speed के दीवानोकी भाषामें बोले तो इकदम मखखन रोड. और उसी ऱोड पर इक जगह बहुत भयानक turn आता हैं.accident होने का खतरा :इक धंटे में एक तो होता ही है. मानो अैसा लगता है ये रोड breakfast और dinner में सिर्फ accident ही खाती हैं. अगर accident ना हुआ तो सडक भूखी मर जायेगी.वैसैभी इंडिया में लोग cancer से ज्यादा तो accident में मर जाते हैं..
इसी सड़क पर कबीर निकला था अपनी sport bike Apache पे अपनी girlfriend priti से मिलने. वैसे कबीर के पास कार तो हैं पर bike चलानाावो भी full speed पर उसके शौख मेे से एक हैं.और उसे हेलमेेेट पहनना बिलकुुलभी पसंद हेेेलमेट ना पहनने के दो रीसन हैं कबीर के पास एक तो उससे बाल बिगड जाते हैं, दूसरा हवा चेहरे को नहीं छूती तो उसे फिल नहीं आती बाइक चलाने की.
कबीर आज बहुत खुश था उसकीओर priti की शादी फिकस हो गई थी. अगले महीनेे दोनो की शादी होने वाली थीं. यही सब सोचता हुआ कबीर तेेेेजी से अपनी मंजिल की और बढ़
रहा थाउसके बाइककीspeed 100से उपर थी पर उसे बिलकुुल डर नहीं लग रहा था कयुंकी उसके लिए 100 की speed बहुत ज्यादा हीं normal थी. आगे इक sign board की जलक दिखी "dangerous turn ahead, speed limit 40" कबीर अपनी ही मस्ती में था तो उसने इस चेतावनी को नजरअंदाज किया.. तभी कुछ अैसा हुआ की उस भयानक turn के 10 मीटर आगे कबीर ने अपनी बाइक के breaks जोर से लगा दिए ,दोनो टायर थोडी दूर तक ची. ची. ची. करते हुए गये फिर रुक गए. थोडी थोडी टायर जलने की बू भी आने लगी. कबीर जोर जोर से सांस ले रहा था इतनी जोरदार breaks कबीर ने आज से पहले कभी नहीं लगाइ थी. माथे पर पसीने की बुंदे आने लगी.कयुं की कबीर की आंखोंके सामने जो नजारा था वो थोडा भयानक था.
कबीर ने अपना चेहरा पोछा, फिर नीचे उतरा .उसने देखा की दो लोग जमीन पर पडे हुए हैं ,पास में इक बाइक भी थी जो पुरी तरह से तुट चुकी हैं. उनहो ने हेलमेट नहीं पहना था कयां पता हेलमेट पहना होता तो वो लोग बच जाते...... कबीर सोचता है की हेलमेट तो उसने भी नहीं पहना हैं ये ख्याल कबीर को डरा देताहैं. वो आगे बढ़ता हैं उन दो लोगों की तरफ, आदमी की उम्र करीब 30साल की होगी और औरत की भी. औरत का मंगलसुतर खुन से लथपथ बाइक के ऱेस वाले हेनडल पर लटक रहा था. मंगलसुतर पर से खून की बुंदे रोड पर टपक रही थी. ये सब माहौल को ज्यादा हीं डरावना बना रहा था .
कबीर ने अपना थूक निगला और उन दो लाोगोंकी तरफ आगे बढा, वैसे तो वोदोनो मर चुके थे पर कबीर ने पक्का करने के लिए जैसे ही गरदन की तरफ
हाथ बढाया...... तभी किसी बच्चे की रोने की आवाज़. जोर जोर से आने लगी. कबीर इधर उधर दौड़कर देखने लगता है पर उसे कोई बच्चा दिखाइ नही देता....
- To be continued

(koi pn jagyaae sudharanijarurhoy toavasya kehvu)