the illusion in Hindi Horror Stories by Roshan Jha books and stories PDF | छलावा

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छलावा

हेलो दोस्तों मेरा नाम दीपक है और आज मैं अपनी जिंदगी से जुड़ा हुआ एक डरावना किस्सा अपासे कहने जा रहा हूं यह किस्सा कुछ ऐसा है जिसे मैं आज भी याद करता हूं तो मैं काफी सोच में पड़ जाता हूं आखिर वह क्या था दोस्तों इस कहानी की शुरुआत होती है आज से करीब 2 साल पहले जब मैं उटी गया था जहां मैं अपने कुछ काम के लिए वहां पर 2 दिनों के लिए गया था मैं अपने घर सामान पैक कर रहा था तभी मेरी बीवी निशा मेरे पास आई और बोली

क्या आपको वहां पर जाना जरूरी है

मैंने कहा

कुछ ऐसे काम आ गया है मुझे वहां पर जाना बेहद जरूरी है वैसे तो उटी तो घूमने की जगह है मैं तुम्हें भी साथ ले जाता पर वहां सिर्फ में 2 दिनों के लिए जा रहा हूं और हां उठी जाने का प्लान हम कभी दूसरी बार बनेंगे जब हम दोनों वहां पर जाएंगे

यह कहकर मैंने निशा को मनाया क्योंकि वह काफी रूठ चुकी थी कि मुझे भी साथ चलना है फिर मैं उसे मना कर के वहां से विदा हुआ

वहां से मैंने फ्लाइट पकडी और उटी पहुंच गया हालांकि उठी से मेरे जो कर्मचारी थे वह कार लेकर एयरपोर्ट पर आ चुके थे वहां मैंने कार में बैठा और अपने कर्मचारी से बात करने लगा

मैंने पूछा क्या कैसे काम चल रहा है

कर्मचारी ने मुझे बताया

सर काम काफी अच्छा चल रहा है और आपका आना बेहद जरूरी था सर हमें काफी खुशी हुई क्योंकि आपके आ जाने से काम लगभग आधा हो जाएगा

मैंने कहा कोई बात नहीं अगर मेरे यहां आने से तुम लोगों का कुछ अगर हो पाता है इसके लिए हमेशा तैयार रहता हूं

फिर हम दोनों बात करते-करते होटल पहुंचे वहां पर मैंने ब्रेकफास्ट किया और एक मीटिंग अरेंज किया जहां पर सारे कर्मचारी आए थे वहां पर मैंने सारी समस्याओं का उनको सॉल्व किया और उनको कई सारे गाइड के और उसके बाद हम वापस होटल आने के समय मैं कर्मचारी से पूछ रहा था

तो बताओ और क्या कुछ प्लान है मैंने तो सारी बातें सही पूर्वक तुम लोग को बता दी है जिससे तुमलोग को परेशानी नहीं होगी और मुझे लगता है अब मुझे आने की जरूरत नहीं पड़ेगी

उसने कहा

आपने तो सारी बातें सॉल्व कर दी और हमें उम्मीद है कि हम काम को काफी आगे ले जाएंगे

मैंने कहा

गुड

और यह बात करते हुए हम होटल पहुंच गए

मैंने कर्मचारी से पूछा

क्या तुम अभी फ्री हो क्योंकि मैं थोड़ी देर में एयरपोर्ट निकलने वाला हूं मुझे अभी फ्लैट पकडनी है

तो कर्मचारी ने कहा

सर अभी मुझे कुछ काम है आप ऐसा करिए कार लेकर चले जाईए और वहां पर पार्किंग कर दीजिएगा मैं थोड़ी देर में आकर वहां से कार ले आऊंगा

मैंने कहा ठीक है

फिर वह चला गया मैंने हल्का खाना खाया होटल में और कार लेकर रवाना हो गया कार लेकर मैं अभी थोड़ी दूर गया था कि रास्ते पर कुछ जाम मुझे नजर आया मैंने पूछताछ की तो पता चला रोड पर कुछ काम चल रहा है

फिर मैंने उसे बताया

देखो मुझे एयरपोर्ट जाना है और काफी अर्जेंट है अभी तो मैं कैसे जाऊं

उन्होंने कहा

सर यहां से एक कच्चा रास्ता गुजरता है जो वापस आपको यही सड़क पर आगे मिला देगा

मैंने कहा

धन्यवाद

और मैंने वह कच्चा रास्ता पकड़ लिया हालांकि वो रास्ता काफी उबर खबर था लेकिन मुझे अर्जेंट एयरपोर्ट पर जाना था इसलिए मैं उस सड़क पर चल पड़ा सडक काफी सुनसान था दोनों तरफ जंगल थे अभी कुछ ही दूर किया होगा कि मुझे एक औरत दिखाई पड़ी जो मुझे हाथ देकर कुछ इशारा किया

मैंने सोचा हो सकता इसे किसी मदद की जरूरत है लेकिन मुझे काफी अर्जेंट एयरपोर्ट भी पहुंचना था पर मैंने सोचा हो सकता यह किसी मुसीबत में हूं और यह रास्ता भी काफी सुनसान है और मैंने वहां पर कार रोक दी

वह औरत एक कार के पास खड़ी थी और उसने मुझसे पूछा

क्या आप मेरी मदद कर सकते देखिए मैं काफी मुसीबत में फंस चुकी हूं मेरा कार खराब हो चुका है और मुझे आगे कुछ दूर पर मेरा घर है वहां पर मुझे जाना है प्लीज आप मेरी मदद कर दे

मैंने कहा

ठीक है कोई बात नहीं क्या आप अकेली है

तो उसने कहा

हां

मैंने कहा कि आप खुद ड्राइव कर रही थी क्या कोई ड्राइवर नहीं है

तो उसने मुझसे कहा

नहीं कोई ड्राइवर नहीं था मैं खुद ही गाड़ी चला रही थी और मैंने गाड़ी चेक नहीं किया चलाने से पहले पता नहीं कैसे मेरी गाड़ी में पंचर हो चुका है

और मैंने घर पर फोन कर दिया है वह लोग आते होंगे और गाड़ी को ले जाएंगे तब तक प्लीज आप मुझे मेरे घर तक छोड़ दीजिए मुझे यहां पर सुनसान जंगल में मुझे काफी डर लगा रहा है


मैंने कहा ठीक है आप बेफिक्र रहिए मेरी गाड़ी में बैठ जाईए

और वह मेरे साथ गाडी मे बैठ गई

मैंने पूछा क्या नाम है आपका

उसने कहा मेरा नाम चंद्रिका है

मैंने कहा कहां पर रहती हैं आप

तो उसने कहा यही पास में मेरा एक महल है वहां मैं रहती हूं

मैंने कहा आपको गाड़ी चलाने से पहले चेक कर लेना चाहिए था वरना मैं भी आ गया नहीं तो अगर मैं नहीं आता तो पता नहीं आपके साथ क्या हो सकता था ये काफी सुनसान सड़क है आप अकेली थी आप समझ सकती हैं

उसने कहा

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी मदद की

वह काफी खूबसूरत थी और पता नहीं कैसे वह मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी ऐसा लग रहा था जैसे मैं सम्मोहित हो रहा था कुछ दूर चलने के बाद काफी मीठी मीठी बातें करने लगे

और इस तरह ऐसा लग रहा था जैसे वह मुझे पूरी तरह सम्मोहित कर चुकी थी और कुछ दूर आगे चलने के बाद उसने मुझसे कहा पास में गाड़ी लगा दीजिए मेरा महल आ चुका है

और मैंने सामने देखा एक महल वाकई में वहां पर मौजूद था और वहां पर लाइट की रोशनी आ रही थी

और उसने मुझसे कहा

आप भी मेरे साथ चलिए

ना चाह कर भी मुझे पता नहीं क्या हुआ मैं उसे मना नहीं कर पाया और मैं पूरी तरह ऐसा लग रहा था

उसमें सम्मोहित हो चुका था मुझे कुछ भी पता नहीं चल रहा था मैंने गाड़ी से बाहर निकला और उसके साथ चल दिया आगे आगे वह पीछे पीछे में और मैं चला जा रहा था चला जा रहा था और तभी किसी ने मुझे टोका और ऐसा लगा मुझे जैसे मैं किसी गहरी नींद से जागा हूं

मैं एकदम से चौंक गया

मैंने देखा कहीं कुछ नहीं था सामने देखा तो एक बाबाजी थे

मैंने उनसे पूछा

मैं यहां पर कैसे आ गया

तो बाबा जी ने बोले तुम एक औरत का पीछा कर रहे थे जो थोड़ी देर में तुम्हारी जान ले लेती

मैं काफी डर गया

मैंने कहा

नहीं मैं तो बस उसकी मदद कर रहा था वो मुझे बोली उसका गाड़ी खराब हो चुका है और यहां कोई महल है जहां उसने मुझे पहुंचाने के लिए बोला था पर मैं यहां पर कैसे आ गया

और वह कहां है

बाबाजी बोले की

देखो वह औरत औरत नहीं है बल्कि एक चुड़ैल है जो छलावा करके लोगों को इस सुनसान जंगल में मार डालती है वह कार वह महल वह औरत सब कुछ छलावा है

और इस छलावे में तुम फंस चुके थे शुक्र करो कि मेरी नजर तुम पर पड़ गई मैं यही एक मंदिर है जहां पर मैं सोने के लिए जा रहा था तभी मेरी नजर तुम पर पड़ गई खुश किस्मत हो जो तुम बच गए वरना कई लोग यहां पर जान गवा चुके हैं

मैं काफी डर गया और मैंने बोला

बाबा जी आपकी कृपा से बच गया

उन्होंने कहा ठीक है कोई बात नहीं अब तुम्हें कहां जाना है
मैंने कहा मुझे एयरपोर्ट जाना है और मेरी कार

तभी मुझे अपनी कार दिखाई पड़ी और मैं उनसे विदा ली अपनी कार में आया और सीधा अपने एयरपोर्ट की तरह निकल पड़ा और कुछ देर के बाद मैं एयरपोर्ट पर था

और फ्लाइट के अंदर मैं बैठा सोच रहा था आखिर वह क्या था क्या सच में ऐसा कुछ होता है यह छलावा क्या सच में होता है मैं यही सोचता रहा