Afsar ka abhinandan - 17 in Hindi Comedy stories by Yashvant Kothari books and stories PDF | अफसर का अभिनन्दन - 17

Featured Books
  • रहस्य - 4

    सकाळी हरी आणि सोनू गुजरात ला पोचले आणि पूढे बस ने संध्याकाळ...

  • आर्या... ( भाग १ )

    आर्या ....आर्या ही मुलगी तिच्या आई वडिलांची एकुलती एक मुलगी...

  • गया मावशी

    गया मावशी ....    दिवाळी संपत आली की तिची आठवण हमखास येते…. ...

  • वस्तीची गाडी

    वसतीची  गाडी     

       
                 जुन 78 ते  जुन 86 या  का...

  • भुलाये न बने

                  भुलाये न बने .......               १९७0/८0 चे...

Categories
Share

अफसर का अभिनन्दन - 17

मारीशस में कवि

यशवंत कोठारी

जुगाडू कवि मारीशस पहुँच गए.हर सरकार में हलवा पूरी जीमने का उनका अधिकार है,वे हर सरकार में सत्ता के गलियारे में कूदते फांदते रहते हैं और कोई न कोई जुगाड़ बिठा लेते हैं.जरूरत पड़ने पर विरोधियों का भी विरोध कर लेते हैं.एक ने पूछा –आप हर सरकार में कैसे घुस जाते हैं ?जवाब मिला-विद्वान सर्वत्र पूज्यते ,वापस उत्तर मिला-चमचा सर्वत्र विजयते .सम्मलेन दसियों हो गए हिंदी का क्या हुआ.यह यक्ष प्रश्न बना ही रहा.बहती गंगा में सब ने हाथ धो लिए.हर सरकार में एसा ही होता आया हैं.आगे भी होता रहेगा.सरकार केवल चुनाव जितना चाहती है बस .

इस बार कवि के साथ कवि प्रिया ,साली जी,साढूजी,बच्चे भी साथ साथ हैं ,पूरा खानदान पिकनिक मनाने आया हैं.एक ही भवन से कई लोग आगये हैं. विश्व हिंदी सम्मलेन तो बहाना है.सम्मलेन के कार्यक्रमों की एसी की तेसी चलो समुद्र के किनारे,पेड़ों की छाँव तले ,एसा रोमांटिक मज़ा वो भी सरकारी खर्चे से .हिंदी कहीं भागी नहीं जा रही हैं आज नहीं तो कल हिंदी का उद्धार हो ही जायगा,यह महान भाषा इन जुगाडू कवियों के भरोसे नहीं हैं.

कवि सपरिवार समुद्र में नहा रहा हैं ,अपनी गंदगी धो रहा हैं. प्रदुषण फैला रहा है.समुद्र भी शरमा रहा है.कवि प्रिया फोटो खींच कर फेस बुक ,व्हाटस अप्प पर लगाने में व्यस्त हैं.चित्रकला का भी आनद लिया जा रहा है.जो छडे गए है ,वे मौज मस्ती की तलाश में है,बार कहाँ है,केबरे किधर होता है.नाईट लाइफ का मज़ा किधर मिलेगा?

झपक लाल के साहित्य में सांस्कृतिक अनुशीलन के नाम पर झपक लाल को महान साहित्यकार बताने के लिए होड़ मची हुयी है ताकि अगली किताब छापी जा सके.सचमुच मौज हो गयी है.पूरे कार्यक्रम में हिंदी के तकनिकी विकास पर कोई बात नहीं ,बिना तकनीक के हिंदी कैसे आगे बढ़ेगी?कौन बताये सब व्यस्त ,सेशनों में कुर्सियां खाली पड़ी रही.लोक कला आहें भरती रहीं.

एसा हि सम्मेलन भोपाल में हुआ था एक प्रान्त का प्रतिनिधि मंडल अंदर नहिं घुस सका .न्यूयार्क सम्मलेन में एक प्रान्त ने दो वैद्ध्य भेज दिए ,हो गया हिंदी का भला.मेज़बान देश मारीशस ने अपना कोई प्रतिनिधि मंडल नहीं भेजा ,अपना भाषण अंग्रेजी में दिया.भारत की और से लम्बा चोड़ा प्रतिनिधि मंडल गया,हजारों लोग अपने खर्चे पर गए.पंजीकरण के १०० डालर या पांच हज़ार ,फिर भी केवल श्रोता या दर्शक .पत्र पत्रिकाओं ,किताबों की प्रदर्शनी कोई नहीं देखता .

जो सरकारी अफसर थे वे अंग्रेजी के द्वारा ही हावी रहे .विश्व में हिंदी का एक जैसा पाठ्यक्रम तक नहीं बना सके.मुझे अमेरिका में बार बार यही पूछा जाता रहा की एक जैसा डिप्लोमा व् एक जैसी हिन्दी का डिग्री पाठ्यक्रम भारत सरकार कब तक दे देगी?.दक्षिण एशियाई भाषा विभागों में सबसे कमज़ोर हालत हिंदी की है,चीनी ,जापानी भाषाओँ के विभाग बहुत उन्नत है ,जो हिंदी के मास्टर विदेश जाते हैं वे अपनी किताब और अनुवाद से आगे नहीं सोच पाते,या अपनी चार लाइन सुना कर वापस आ जाते हैं मगर कवि को इस की क्या चिंता ,वो मारीशस के समुद्र में नहा रहा है.कवि प्रिय तोलिया लिए खड़ी है आहा !क्या अद्भुत द्रश्य है ?देवता आकाश से पुष्प वर्षा कर रहे हैं.

बाद में कवि प्रिया के साथ शौपिंग करनी है. डिनर में जाना है ,मंत्रालय के अफसरों को सलाम करना हैं मंत्री के साथ फोटो खिचाना है .बहुत काम है अगर जुगाड़ बैठ जाये तो अकादमी पुरस्कार भी झोली में डाल लेना है ,बाकि के लोग तो यो हीं स्यापा करते रहते हैं .ये तो नोबल पुरस्कार बंद हो गए नहीं इस टेक्स हेवन देश से ही नार्वे की टिकट कटा लेता कवि ने मन में सोचा.

जो खु द का खर्चा कर के गए वे भी पर्यटन में व्यस्त है और उनका सोच जायज़ हैं .इस विधा के एक लेखक ने बताया –यार इस पैसे से २ किताबे छपा लेता मगर ग्रुप में जाना पड़ा .इधर ग्रुप लीडर ने अपना आना जाना फ्री कर लिया जय हिंदी .

सम्मलेन की सार्थकता पर सवाल,सूची पर सवाल,केरल की बाढ़ के समय यह फ़िज़ूल खर्ची,अटलजी के निधन पर यह प्रोग्राम सवाल ही सवाल.मगर सवाल पूछना खतरनाक है.जुगाडू कवि के नाराज़ होने का खतरा हैं मगर इतिहास तो पूछेगा भाई.

००००००००००००००००००

यशवंत कोठारी ,८६,लक्ष्मी नगर ब्रह्मपुरी बहार ,जयपुर -३०२००२.मो-९४१४४६१२०७