कमसिन
सीमा असीम सक्सेना
(25)
राजीव आ गये थे । कल्पना ने उनको चाय नाश्ता दिया ओर वहीं शान्त मन से बैठ गई । राजीव ने उसे देखकर मुस्कुराया किन्तु वह शान्त ही रही ।
क्या हुआ आज हमारी बेगम को?
वह कुछ नहीं बोली ।
अब ऐसे ही मुँह फुलाये रहोगी या बताओगी भी कि क्या बात है?
कुछ नहीं राजीव थोड़ा सिरदर्द है
तो मैं दबा दूँ ?
नहीं रहने दो, ठीक हो जायेगा ।
तो चलो आज कहीं घूम कर आते हैं ।
नहीं, फिर कभी ।
आज हर बात में ना, यह कैसे संभव हुआ, ?
वह चुप सी रही । उसकी चुप्पी देख राजीव को शरारत सूझी और वह उसकी गोद में सिर रखकर लेट गया । कल्पना का हाथ अपने बालों में रखते हुए कहा, चलो अब तुम मेरे बालों से खेलो तुम्हें अच्छा लगेगा।
ओह राजीव, आपको हर समय मजाक सूझता है । वह उसका हाथ झटकते हुए बोली ।
राजीव को लगा सचमुच कल्पना का मूड ठीक नहीं है, इसे कुछ देर को अकेला छोड़ देता हूँ तो सब ठीक हो जायेगा। राजीव चुपचाप कमरे से बाहर निकल गया उसके जाने के बाद कल्पना को बुरा लगा कि वह राजीव के प्रति इतनी रूड कैसे हो गयी आखिर उनकी क्या गलती हे वह उनको डाँट भी देती है फिर भी वह बुरा नहीं मानते हैं वह फालतू में राशी के कारण अपना दिल जला रही है लेकिन मन में कोई जोर भी तो नहीं उस बच्ची से इतना दिल मिल गया है कि उसका थोड़ा सा भी गलत हो, या बुरा हो जाये । तो वह कैसे बर्दाश्त कर पायेगी और राशी ने किसी से भी कहने को साफ मना किया है। बिना बताये काम भी नहीं चलेगा । कहीं वह मास्टर फ्राड न हो, उसे चीट न कर रहा हो । अब उसे ही कुछ करना होगा अन्यथा एक खिलती हुई कली खिलने से पहले ही मुरझा जायेगी । उसने निर्णय ले लिया था कि आखिर उसे करना क्या है वह मन को समझा बुझा कर बाहर आ गयी राजीव बाहर ही बैठे थे । माँ मन्दिर में शाम का दिया जला रही थी और पापा जी टी0वी0 पर न्यूज देख रहे थे । सब कुछ शान्त शान्त सा था । वह राजीव के ही पास सोफे पर बैठ गइ, लेकिन वह उससे ना बोल कर अखबार लेकर पढ़ने बैठ गये ! अब कल्पना थोड़े हल्के मूड में थी ! अखबार हाथ में लिए हुए बोलो यह अखबार तो कल का है इसे पढ़कर क्या करोगी आज का ला देता हूँ किन्तु उसने कोई जवाब नहीं दिया और माँ को आवाज लगाता हुआ बोला माँ मैं आज जरा विनीत के घर होकर आता हूँ वह हमेशा शिकायत करता रहता है आते नहीं आते नहीं आज शिकायत दूर कर ही देता हूँ और हाँ खाना खा लेना सब लोग खाने पर इंतजार मत करना इतने दिनों बाद जा रहा हूँ उसके साथ डिनर होगा कहते हुए बाहर निकल गया।
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