कार रुकी थी निशु के घर के सामने।
मै- यह तो हम निशु के घर आ गए। वो भी हमारे साथ ही आने वाली है? पहले क्यो नहीं बताया?
रवि भाई- नहीं रे, हमें उसके घर ही आना है डिनर के लिए।
मै- पर घर पर तो अंकल आंटी होंगे ना?
रवि भाई- नहीं है, वह आज दोपहर से ही दो दिन के लिए आउट ऑफ स्टेशन गए है। तो निशु ने डिनर यही करने का सोचा और घर पर शांति से हम अवि को सब बता सकते है।
मै- वाह! मेरे साथ रह रहकर होशियार हो गई है निशु ?।
रवि भाई- सही बात है...।
मै- तरक महेता का उल्टा चश्मा ज्यादा देखने लगे है ?।
रवि भाई- तेरी बताई भाखरवडी भी देखता हूं।
मै- तभी इतने खिले खिले रहते है?।
दोनों बातें करते करते अंदर गए। डोर बेल बजाय तो दरवाजा निशु ने ही खोला।
मै- क्या बात है...! आज तो बड़ी चहक रही हो।
वो शरमाते हुए हमें अंदर ले गई।
निशु- पहली बार हम साथ में अकेले रहेंगे रात भर। देख कल वैसे भी सन्डे है तो रात भर बैठ कर बाते करेंगे। इसी लिए तो घर पर डिनर रखा है।
मै- पता था रात तो रुकना ही पड़ेगा तो कपड़े लेकर ही आई हूं। पर रवि भाई?
निशु- वो भी रुकेगा। मैंने अवि भाई से कह दिया है। वह अभी खाने का पार्सल लेकर आते ही होंगे।
हम सब अंदर गए। कुछ देर टीवी शो देखे बाद में गाने सुनने के लिए mtv देखने लगे।
रवि भाई- यार ये अवि कहा अटक गया? कॉल करना जरा निशु।
निशु ने जब कॉल किया तो रिंग की आवाज दरवाजे के पास से ही आ रही थी। अवि आ चुका थे। मै थोड़ा असहज महसूस करने लगी। आज अंकल आंटी जो नहीं थे साथ। ये दोनों लेवर्स साथ में वक्त बिताएंगे तो मै क्या करूंगी? अवि तो मुजसे बात करेंगे नहीं। कोई बात नहीं मैं टीवी देखूंगी। the voice मेरा favourite शो है, वहीं देख लुंगी। अवि के हाथ से पार्सल लेकर निशु किचन में चली गई। महाराज को भी आज छुट्टी दे रखी थी। खाना कुछ देर बाद खाने का तय हुआ, तब तक मैंने और निशु ने प्लेट्स डाइनिंग टेबल पर लगा दिए। अवि और रवि भाई दोनों कोई केस डिस्कस कर रहे थे। निशु यह सुनकर भड़क उठी? कहने लगी- यार यहां तो plz ये सब बंद करो। अस्पताल में यह सब छोड़कर आओ। घर को अस्पताल मत बनाओ। हमारी कोई पर्सनल लाइफ नहीं है क्या?
रवि भाई निशु को सोरी कहते है। फिर इधर उधर की बाते करने लगते है।
मै उनकी बाते सुनती रहती हूं और अपने मोबाइल में साकेत के साथ chat भी कर रही हुं। मोबाइल में टाइप करते हुए रवि भाई कबसे मुझे देख रहे थे। उन्होंने पुछा- क्या कर रही हैं बच्चा?
मै- वो मै साकेत से बात कर रही हुं।
यह सुनकर अवि के भवे चड़ गए?। निशु ने कहा- साकेत से अभी क्या बात कर रही है।
मै- actually मै साकेत से pedia के नोट्स मांग रही थी। तो ऐसे ही बात करने लगे। आप लोग कंटिन्यू कीजिए ना, मै सुन रही हु आपकी बाते।
निशु- मोबाइल साइड में रख दे, कोई मोबाइल यूज नहीं करेगा। यह बात करने बैठे है तो सिर्फ बात ही होगी। इस मोबाइल ने तो जीना हराम कर रखा है। जिसे देखो मुंडी नीचे करके मोबाइल ही देख रहा होता है। एक दिन उन सब को गर्दन का pain होगा न तभी सुधरेंगे।
मै- sorry, ये लो रख दिया बस, अब खुश।
निशु- हां, अब खुश।
कुछ देर बाद खाना खाने बैठे। जैसे निशु ने पार्सल खोले तो चाईनीज देखकर मुंह बिगड़ा। मैंने सोचा, wow यह तो मेरा फेवरेट है। अच्छा है कुछ ढंग का तो लाए। निशु को चाईनीज कम पसंद है। वह बोली- चाईनीज की स्मेल तो आ रही थी पर मुझे लगा आप और कुछ भी लाएंगे। आपको पता तो है मुझे ज्यादा पसंद नहीं है।
अवि- पर बाकी सब को पसंद है ना।
मैंने सोचा मुझे चाईनीज पसंद है यह इनको किसने बताया? मैने तो कभी नहीं कहा इनसे।
मै- मुझे पाव भाजी ज्यादा पसंद है। पर यह भी चलेगा।
अवि निशु से कहते है- इतना रुके तो आधा घंटे और रुक जाओ मैं पाव भाजी ऑर्डर करता हु।
मैंने निशु से कहा इतना मंगवाया खाना वेस्ट हो जाएगा। दूसरा ऑर्डर रहने देते है। आज के दिन खाले plz।
निशु मान गई और हमने सब की प्लेट में खाना परोसा। सब बाते करते हुए खाने लगे।
हमने खाना खा लिया था तो नीचे सब दरवाजे और खिड़कियां बंद करके ऊपर रूम में चले गए। अवि ने सिक्युरिटी गार्ड को कोई आए तो इंटरकॉम से बता देने को कहा। फिर अवि और रवि भाई उनके रूम में फ्रेश होने चले गए और मै निशु के साथ उसके रूम में आ गई। हम लोग निशु के रूम की टेरेस पर आकर बैठ गए। अवि और रवि भाई भी कुछ देर बाद आ गए।
यहां वहां की बातें करने के बाद रवि भाई ने अवि को कहा के वह उनसे कुछ बात करना चाहते है।
अवि- बात करने के लिए तुम्हे कब से परमीशन मांगनी पड़ रही है?
निशु- वो बात यह है कि भैया हम दोनों, मेरा मतलब मै और रवि... ।
अवि- आगे भी बोलो।
रवि भाई- वो हम दोनों..।?
मै- अरे बोलोना एक दूसरे से प्यार करते हो। क्या वो हम, वो हम लगा रखा है??।
यह सुनकर अवि जोर जोर से हंसने लगे। हम सब उनको देखकर हैरान हो रहे है। मैंने रवि भाई के कान में कहां- लगता है पागल हो गए शोक से।
निशु- भैया आप ठीक तो है?
अवि (हसते हुए)- तुम लोगो को क्या लगा मुझे पता नहीं है? मै शुरू से ही जानता हुं। बस देख रहा था कब तुम लोग मुझे बताओ।
हम सब एक साथ- क्या??
अवि- जब रवि ने प्रपोज का जवाब दिया था तब पागलों ने देखा नहीं था आस पास। मै वहीं था, दोनों मेसे किसीने मुझे नहीं देखा था। रवि से अच्छा लाइफ पार्टनर निशु को मिल ही नहीं सकता।
निशु खड़ी होकर अवि को गले लगा देती है और कहती है , I love u भैया। उसके बाद अवि और भाई भी गले लगे। सब के चहेरे खुशी से खिल रहे थे। अवि ने मेरे सामने देखा तो मैंने आंखो से ही उन्हे शुक्रिया कहा। पर उस नकचढ़े ने अपना मुंह फेर लिया और निशु और रवि भाई से बात करने लगे।
रवि भाई- थैंक्स अवि, हमारे रिश्ते को स्वीकारने के लिए। मुझे लगा तुम नाराज़ होंगे।
अवि- तुझे लगता है मै प्यार के खिलाफ होगा?
यह सुनकर मै और रवि भाई एक दूसरे के सामने देखने लगे। काफी देर बाते करने के बाद अवि वहां से जाने लगे यह कहके कि उन्हे फाइनल्स के पेपर वर्क तैयार करने है।
रवि भाई- कम पढ़ेगा तब भी गोल्ड मेडल तेरा ही होने वाला है इतना मत पढ़ मेरे भाई।
अवि- भाई नहीं अब तो में तेरा साला हूं।? और इस सले का ध्यान जीजे को ज्यादा रखना पड़ेगा।
रवि भाई- हा साले साहब, हुकुम फरमाइए कुछ काम हो तो।
अवि- अभी नहीं, फिर कभी।
अवि बाहर आके रवि भाई को बाहर बुलाते है। रवि भाई बाहर चले जाते है।
रवि- क्या हुआ, बाहर क्यो बुलाया?
अवि- तु निशु के साथ रुक सकता है। पर अपनी हद में रहना।
रवि- मै अपनी हद जानता हु बे...। तेरी तरह नहीं...।
अवि- बे तेरा तो पता है मुझे पर निशु का पता नहीं क्या करदे पागल। और हां, मेरी तरह बनना भी मत वरना निशु छोड़ देगी तुझे। चल जा अब।
रवि- तु भी आना कुछ देर बैठते है। कल सन्डे तो है।
अवि- तु एन्जॉय कर भाई मेरी थीसिस कंप्लीट करने दे। और तु गेस्ट रूम में चले जाना सोने आज। मै देर तक काम करने वाला हुं।
रवि- हां हां पढ़ाकू जा पढ़ले, चला जाऊंगा गेस्ट रूम में। अब यही दिन बाकी रह गया था जो कमरे से भी निकला।?
अवि- ए नौटंकी जा अब वरना निशु बाहर आ जाएगी तुझे लेने।
अवि अपने कमरे में चले जाता है और रवि निशा के कमरे में वापस आ जाता है।
निशु- क्या कहा अवि भाई ने?
रवि- कुछ नहीं वह अपना काम कर रहा है तो आवाज धीरे रखने को बोला। और मुझे गेस्ट रूम में सो जाने को कहा।
निशु- हमारे कमरे साउंड प्रूफ है तो आवाज तो वैसे भी नहीं जाने वाली। और हां, तुम चाहो तो यहां सो सकते हो।
रवि- और मेरी बहन कहा सोएगी?
निशु- गेस्ट रूम में।
मै- sorry, में तो गेस्ट रूम में ही जाउंगी। तुम दोनों देर तक बाते करो। मेरे जगने की केपेसिटी अब खत्म होने आई है। वैसे भी रात के साढ़े बारह बज गए है। मेरे घर पर तो मेरी आधी रात हो चुकी होती।
आधे घंटे बाद में उठकर दोनो को गुड नाईट कहके गेस्ट रूम में जाने लगती हुं। मै निशु के कमरे से बाहर आकर उसके रूम का दरवाजा बंद करके घूमी तो सामने अवि ने आपने रूम का दरवाजा खोला। मुझे देखकर मेरे पास आए और मेरा हाथ पकड़कर जबरदस्ती आपने रूम में ले गए। रूम में ले जाकर अपने रूम का दरवाजा बंद कर देते है। मैंने जब उनका प्रतिकार करना चाहा तो मुझे पकड़कर कसके अपने सीने से लगा लिया। कुछ सेकंड तक मै कुछ बोल नहीं पाई। फिर मैंने कहा- अवि, plz छोड़िए। रवि भाई आ जाएंगे।
वह ऐसे ही मुझे सीने से लगाए खड़े रहते है। फिर कहते है- तुम्हे क्या लगा था मै तुम्हे भूल गया?
मै- अवि plz...
अवि- बहुत जिद्दी हो तुम। इतने सालो तक बात तक नहीं करने आयी। कभी सोचा मेरी हालत के बारे में?
मै- आप भी कहा बात करने आए।
अवि- नैनीताल से आकर मैंने कितने massages किए, एक का भी जवाब तूने दिया था? फिर मुझे भी गुस्सा आ गया था so मैंने भी तुम्हे बुलाना बंद कर दिया। कैसे रह पाया इतने टाइम पता है तुम्हे?। पर अब मूजसे नहीं रहा जाएगा। तुम्हे जो सोचना है वह सोचो मेरे बारे में। मै अब तुम्हारे बगैर नहीं रह सकता पाखि।
इतना कहते ही वह मेरे चहरे और गर्दन पर ऐसे चूमने लगे जैसे पिछले एक साल का सब साथ में वसूल कर रहे हो। और साथ में बोलते जा रहे हैं- plz पाखि मान जाओ। अब मेरी हालत जिओ या मरो की हो गई है। तुमने हैं नहीं कहां तो पक्का मै कुछ कर बैठूंगा।
मै- अवि plz मुझे छोड़िए पहले।
अवि- नहीं छोडूंगा, और अब तो कभी भी नहीं छोडूंगा।
मै- तो ब्याह करके के आइए मुझे।
अवि- मेरे इंटर्न का यह आखरी साल खत्म होने दे। में प्रैक्टिस शरू करदू उसके बाद तेरा हाथ मांगने आऊंगा। अभी क्या कहकर तेरा हाथ मांगू? मोम डैड अभी तैयार नहीं होंगे शादी के लिए।
मै उन्हे धक्का देकर अलग करती हूं और कहती हूं कि तो फिर तभी मेरे पास आइएगा। और रूम से जाने लगती हूं। अवि मेरे पीछे आकर मेरा हाथ पकड़कर मुझे खींचते है तो मै नीचे गिर जाती हूं और वह मेरे ऊपर गिरते है। हम दोनों एक दूसरे को देखने लगते है। एक तरफ मुझे उनका साथ अच्छा लगता है पर जब भी शादी के बारे में कहती हूं तो वह बात टाल जाते है। मै इस वजह से असमंजस में हूं कि क्या करू? अवि के मेरे ऊपर गिरने से उनकी बॉडी का वेइट मुझ पर आ जाता है और वेइट के कारण मेरा खाना गले तक आने की तैयारी में है।
अवि मुझे देख कर जैसे ही मेरे चेहरे के नजदीक अपना चेहरा लाते है मै बोल पड़ती हुं- अवि जल्दी हटिए मुझे वॉमिट होने वाली है।
अवि जल्दी से मेरे ऊपर से हटते है और जल्दी से बाथरूम का दरवाजा खोल देते है। मै भागकर बाथरूम में जाकर अंदर से दरवाजा बंद कर लेती हूं। रात के खाने के साथ साथ दोपहर का कहना भी बाहर आ गया। अवि बाहर से पूछ रहे थे पाखि तुम ठीक तो हो? मैंने हां में जवाब दिया।
अवि- रवि को बुलाऊं?
मैंने मना कर दिया। यहां के कमरे साउंड प्रूफ थे तो दोनों कमरों की बातचीत हम सुन नहीं पाते है। एक तो बेचारे को आज मौका मिला है साथ में टाइम स्पेंड करने का और मै कहा यहां बुला लू। मैंने उनसे कहा मैं ठीक हूं आप रहने दे उन्हे। जब मै वाशबेसिन में मुंह धोने गई तो एकदम से मुझे ठंड लगने लगी। मै मुंह धोकर बाहर आई तो अवि दरवाजे पर ही खड़े थे। ठंड लगने से में कांप रही थी। उन्होंने मुझे सहारा देकर बेड पर बिठाया। जब उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा तब बोले- पाखि तुम्हे तो बुखार चढ़ गया है।
उन्होंने मुझे अपने बेड पर सुलाया और ब्लैंकेट ओढ़ा दिया। फिर अपनी बैग से stethoscope लेकर मेरा चेकअप करने लगे। वोमीट हुई थी तो मेरा पेट भी चैक किया। जब वह मेरे पेट पर हाथ रख रहे थे तो मुझे गुदगुदी हो रही थी और एसी हालत में भी मुझे हंसी आ गई।?
अवि- क्या हुआ, हंस क्यों रही है?
मै- आप जल्दी चेकअप कीजिए मुझे गुदगुदी हो रही है। यह सुनकर उन्हे भी हंसी अाई और जानबूजकर ज्यादा पेट का चेकअप करने लगे।।
मै- plz परेशान मत कीजिए। पेट दर्द कर रहा है।
उन्होंने जल्दी से चेकअप किया और कहा घबराओ मत बाहर के खाने से यह सब हुआ है। मैंने मन ही मन कहा खाने के कारण नहीं आपके वजन से यह सब हुआ। फिर अवि ने एक दवाई खिलाई फिर एक इंजेक्शन भी लगा दिया। दवाई लेने के कारण अब मुझे नींद आने लगी थी तो मै उठकर गेस्ट रूम में जाने लगी तो अवि ने मुझे वहीं पर फिर से लेटा दिया। और कहा के रात में अगर कुछ हुआ तो कौन ध्यान रखेगा? तुम यहीं सो जाओ में यहां सोफे पर सो जाऊंगा।
मै ठीक हूं कहकर उठी तो जोर से डांट दिया- इतनी ज़िद भी अच्छी नहीं पाखि। कभी तो मेरा कहा मानो।?
मै चुपचाप वहीं सो गई। अब ठंड कम हो गई थी। अवि ने मुझे फिर से ब्लैंकेट ओढ़ाया और मेरे माथे को चूमकर अपने लैपटॉप पर काम करने लगे। और मै गहरी निद्रा में सो गई।
क्रमशः
आप इस कहानी को जो प्यार दे रहे है इसके लिए दिल से शुक्रिया।?