Meri Kismat in Hindi Short Stories by Rahul Sagar Advocate books and stories PDF | मेरी किस्मत

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मेरी किस्मत

मेरा नाम राहुल सागर है और मैं मेरठ का रहने वाला हूं मेरी उम्र करीब 21 वर्ष होगी जब मेरी मुलाकात निधि यादव से हुई मैंने एमकॉम कंप्लीट किया था , और लॉ में एडमिशन लिया था और उसने 12th पास करके b.a. में आई थी मैं एक कोचिंग में टेली सीखने जाया करता था और वह भी वहां पर ही आने लगी मेरी मुलाकात उससे उसी दौरान हुई एक-दो दिन तो हमारे बीच कोई बात ना हुई ।।
क्योंकि वह अपनी बहन और अपनी सहेलियों के साथ वहां आती थी मेरे साथ मेरा एक दोस्त जिसका नाम सागर है ,वह भी मेरे साथ वहां जाया करता था मुझे टैली पहले से ही आती थी फिर भी मैं वहां रिवीजन के लिए जाता था जब उससे मेरी पहली बार मुलाकात हुई तो वह दिन लगभग नवंबर मे था
मैंने उन सब लोगों से बातचीत शुरू की और मैं निधि से बात करता था और साथ में मेरा दोस्त जो सागर सागर था वह भी उन सभी लड़कियों से बात किया करता था मुझे निधि बहुत पसंद थी मैं निधि से दोस्ती करना चाहता था मेरी एक ख्वाहिश बहुत जल्दी पूरी होने वाली थी मैं उससे वहां बोलता कहता कि तुम मुझे अच्छे लगते हो मगर वह बात करने से मना कर देती थी
एक बार वह कोचिंग नहीं आई मैं वहां गया मुझे उसकी बहुत याद आई तो मैंने उसकी फ्रेंड से बोला वह क्यों नहीं आई तो पता चला की उन दोनों बहनों में लड़ाई हो गई थी मुझे लेकर मैंने जो बुवाई उससे उसका फोन नंबर मांगा दोनों की बहन एक ही फोन यूज किया करती थी तो उसने मुझे नंबर दे दिया मगर उसकी बहन ने मेरे हाथ से लेकर वह नंबर फाड़ दिया और कहने लगी,
कि अगर यह नंबर तुम जोड़ लो तो कॉल कर लेना बात करा दूंगी मैंने रात में उस नंबर को बड़ी मुश्किल से जुड़ा और मैंने कोई कॉल नहीं की अगले दिन मैंने हो वह नंबर उन्हें जा कर दिखाया तो वह बोली कि तुमने बिल्कुल एकदम सही नंबर कैसे जोड़ लिया तो मैंने बोला मैंने जोड़ा ही है
अभी कोई कॉल या मैसेज तो नहीं किया फिर मैंने उसे अपने नंबर से एक मैसेज किया तो उसका कोई मेरे पास रिप्लाई नहीं आया क्योंकि उसकी बहन नहीं चाहती थी कि वह मुझसे बात करें,, समय यूं ही निकला एक-दो दिन बीत गए उसका रात में मेरे पास मैसेज आया लगभग रात के 3:00 या 4:00 बजे होंगे तो मैंने में मैसेज पढ़ा और उसका रिप्लाई किया मेरी यूं ही थोड़ी बहुत बातें शुरू हो गई वह मुझे चोरी से मैसेज किया करती थी मैंने भी मैसेज टोन पर पूरा गाना लगा दिया था ,
कभी मैं सोया रहूं और उसका मैसेज आया मुझे पता ना चले दिन यूं ही बीते चले गए फिर नया साल आया तो उसने मुझे रात को सबसे पहले विश किया मैं तो उसे शुरू से ही चाहता था मगर वह भी मुझे थोड़ा-थोड़ा छाने लगी थी हम महान कोचिंग में ही मिला करते थे इसके अलावा हम कहीं ना मिला करते थे बातें यूंही होती रहे मुझे वह दिन अच्छे से याद है
जब उसने मुझे बोला की मुझे तुमसे मिलना है और वह सुबह जनवरी का महीना था कड़ाके की ठंड थी वह मुझसे सुबह 5:00 बजे घूमने के बहाने अपनी एक सहेली जिसका नाम श्वेता था उसके साथ मेडिकल के ग्राउंड में आई मैं भी वहां पहुंचा तो उस वह हमसे बातें करने लगी उसे बहुत ठंड लग रही थी मगर फिर भी मैं आई जब मैंने उसे छोड़ा तो वह दिन 21 जनवरी कथा सुबह 8:00 बजे पिया कुछ मिनट होंगे उसका मैसेज मेरे पास आया आई लव यू राहुल तो मैंने भी उसे रिप्लाई किया आई लव यू फिर हमारी बातें आगे धीरे धीरे चोरी छुपे होने लगी उसकी बहन को अभी कुछ नहीं पता था 1 दिन उसकी बहन को पता चल गया तो वह बहुत नाराज हूं उसकी फ्रेंड जिसका नाम रितु था वह भी नहीं चाहती थी ,
कि मेरे से बात हो फरवरी का महीना था और यह डे बगैरा शुरू हो गई थी मैंने उसे कोई डे विश नहीं किया मगर मैं उसे चॉकलेट डे विश करना चाहता था
मगर उस दिन में अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ गया था वहां से आते आते मुझे देर हो गई जब मैं वहां कोचिंग पहुंचा तो सब लोग बाहर आ रहे थे तो मैंने उसे सबके सामने ही चॉकलेट दे दी मगर उसके बाद उसकी बहन ने उससे फोन ले लिया और वह मुझसे बात ना करने देती थी एक-दो दिन यूं ही बिता फिर धीरे-धीरे हमारी रातों को बात होने लगी मैसेज किया कर दिया करती थी
वह मार्च एक 2 तारीख की होगी जब मैं उससे पहली बार अकेले में मिलने वाला था वह नई सड़क पर कोचिंग करने के लिए जाती थी तो मैं अपनी बाइक लेकर जो कि मेरे पास पल्सर 150 थी उसे लेकर उसका वहां जाकर इंतजार करने लगा हमने पहली बार दोनों ने साथ मिलकर वहां पर एक रेस्टोरेंट में कुछ खाया और बातें की फिर हमारी यूं ही मुलाकातें बड़े में लगी मैं उसे दिल से चाहता था
और उससे बहुत प्यार करता था शायद वह भी मुझसे बहुत प्यार करती थी अभी मुझे नहीं पता था हमारी बातें यूं ही चलती रहे शायद 15 तारीख रही होगी जब हम पहली बार दोनों मूवी देखने गए और फर्स्ट बार एक दूसरे को किस किया उसके बाद फिर हम दो-चार दिन बाद ही दोबारा मूवी देखने गए फिर हमने किसकी और एक दूसरे को समझने की कोशिश करने लगे दिन ही बीते वह मुझसे अकेले में मिलना चाहती थी जहां कोई ना हो मगर मेरे पास ऐसा कुछ हिसाब नहीं था मेरे दोस्त थे जिनका नाम यह था मैं उनके यहां निधि को पहली बार ले गया वह तारीख 25 मार्च 2016 की थी,
हम दोनों के बीच कोई नहीं था सिर्फ हम दोनों ही थे मैं उसे बहुत प्यार करता था और शायद वह भी मुझसे प्यार बहुत करती थी इसलिए मुझसे अकेले में मिलने के लिए राजी थी जब हम दोनों के लिए थे तो हमने बहुत सारी बातें की और एक दूसरे को हर्ट किया और बहुत ही भी कुछ और भी किया हमारी मुलाकात है यूं ही बढ़ने लगी हम कभी किसी होटल में जाया करते हैं एक साथ तीन-तीन चार-चार घंटे बिताया करते फिर हमारा टाइम यूं ही बढ़ता गया हम हर महीने जाते थे मैं उसे अपने बच्चे की तरह प्यार करता था
उसकी पढ़ाई मैंने पूरी कंप्लीट कर आई b.a. मैंने उसे पूरा कराया उससे बहुत प्यार करता था और करता हूं और वह भी मुझसे बहुत प्यार करती है हमारी यूं ही बातें बहुत आगे तक बढ़ चुकी थी हम एक दूसरे को पति पत्नी मान चुके थे 2018 में हमने सोचा कि हम कोर्ट मैरिज कर ले और घर वालों को बाद में बता देंगे यह माना निधि का था मगर मैंने उससे बोला मुझसे अभी बड़ी एक सिस्टर है उसकी शादी हो जाने दो हम सपोर्ट मैरिज अब करेंगे वह भी इस बात को मान गई 19 नवंबर 2018 को बहन की शादी फिक्स हो गई निधि के मैंने फोटो 3 नवंबर 2018 को कोर्ट मैरिज के लिए खिंचवा ली है मैं यूं ही अभी थोड़ा समय खींचता रहा फिर निधि के घर में कुछ प्रॉब्लम हो गई जिसकी वजह से उसका पूरा घर बिखर गया और उसे और उसकी बहन को जॉब करने की नौबत आ गई तो निधि अब जॉब जाने लगी लगी थी मैं उसे अक्सर आते जाते देखा करता था मगर मुझसे बहुत बहुत ज्यादा प्यार किया करती थी
जब भी मुझे देखती पागल खुश हो अगर मैं एक दिन उसे ना मिलूं तो बहुत रोया करती थी मुझे बहुत ज्यादा प्यार करती थी और करती भी है मैं भी उससे बहुत ज्यादा प्यार करता था हमने दोनों ने अपनी कुंडली देख भाई और 1 मई कोर्ट मैरिज के लिए आवेदन कर दिया मुझे ज्यादा भागा दौड़ी भी नहीं करनी पड़ी क्योंकि मैं खुद ही अब वकील बन चुका था 2 मई 2019 को मैंने कोर्ट मैरिज कर लिया उसके बाद उसकी इच्छा थी कि वह सीधा मेरे घर ही आए तो मैं उसे वहां से सीधा अपने घर ले आया मेरे घर वालों को शौक तो लगा मगर वह सब राजी थे फिर मैं उसे उसके घर छोड़ आया हमारी बातें यूंही आधी आधी रात तक हुआ करती थी,
21 मई 2019 दिन का समय था उसकी अब उसके घर में लड़ाई हुई और वह घर से बाहर आ गई उसकी बहन का मेरे पास फोन आया कि निधि कहीं घर से चली गई है तो मैं कोर्ट में था मां से सीधा उसके घर आया और निधि को ढूंढा निधि मुझे पास के पार्क में ही मिल गई तो मैंने उसे उसकी बहन के साथ छोड़ दिया और वह घर चली गई मगर मेरा दिल नहीं माना मैं उसके पीछे पीछे उसके घर चला गया मेरे पास कोर्ट मैरिज सर्टिफिकेट भी था जो कि मेरी स्कूटी में ही पड़ा था तो मैंने वहां जाकर देखा कि उसके घर वाले मम्मी पापा उसको मार रहे हैं मैं यह देख नहीं सकता और मैंने बोल दिया कि इसे क्यों मार रहे हो तो उन्होंने पूछा तू होता कौन है यह कहने वाला तो मैंने यह कहा कि पत्नी है यह मेरी मैं से प्यार करता हूं तो उसके घर वालों ने मुझसे सबूत मांगा तो मैंने उसके पापा को जिसका नाम रामगोपाल यादव थ
उसने देखा की कोर्ट मैरिज का सर्टिफिकेट देखा और वह से बोला कि घर जा मैं तेरे घर आकर तेरे घर वालों से बात करूंगा तो मैं वहां से सीधा अपने घर आया और मैंने घर वालों को सारी बात बताई घर वाले सब राजी थे उन्होंने बोला कि अगर आएंगे तो उनसे बात करके तेरी शादी करा देंगे मेरे घर वाले यहां तक राजी थे या है की अगर वह चाहे तो सारा शादी का खर्चा भी हम उठा लेंगे मगर वह मेरे घर नहीं आया मैं बहुत रोया निधि का मेरे पास फोन आया वह भी बहुत रोए कि मैं तुम्हारे बिना नहीं रहूंगी मर जाऊंगी और यह है वह है बहुत ज्यादा रोई उसके पापा ने मुझे मारने की धमकी देकर उससे किसी पेपरों पर साइन करा लिया और कोर्ट मैरिज कैंसिल कराने की बात करने लगे मुझे यह सब बात नहीं पता थी
मुझे निधि ने 1 दिन चोरी से फोन करके यह सारी बात बताई और कहां कि मैं तुम्हारे बिना नहीं रह पाऊंगी मर जाऊंगी मुझे कैसे भी करके यहां से ले जाओ मगर उसने यह भी कहा की घर की इज्जत बेज्जती का बस थोड़ा सा ख्याल रखना बस यही बात मेरे दिमाग में खटक गई कि अगर मैं उसे बल से या कानून की सहायता से अपने पास लाना चाहो तो पूरे मोहल्ले समाज में उनकी इज्जत का क्या होगा इसी वजह से मेरे कदम आज भी रुके हैं आज तारीख है 7 अगस्त 2019 मैंने 21 तारीख से लेकर 7 तारीख के बीच में मैंने हर किसी भगवान के आगे हाथ जोड़ा मंत मांगी सबके नाम का प्रसाद बोला अभी तक कुछ नहीं हुआ और ना ही वह मेरे घर आए हर रात को रोता हूं दो 3:00 बज जाते हैं रोते रोते फिर सुबह जल्दी उठता नहीं उठ पाता और ना ही एसपी जब मैं दो-तीन महीने से कचहरी जा रहा हूं मैं बहुत टूट चुका हूं वह भी मुझे टूट कर प्यार करती और मैं प्यार करता हूं मैं उससे बहुत ज्यादा प्यार करता हूं
शायद उसके बिना जिंदा ना रह पाऊं एक ना एक दिन मेरी जिंदगी में वापस आएगी क्योंकि वह कभी-कभी फोन करती है और कहती है पापा को मना लो पापा को मनाऊं तो कैसे मनाऊं मेरी समझ में नहीं आता बस जाकर के भेदभाव को लेकर जाति की वजह से वह मेरी शादी उससे नहीं कराना चाहते क्योंकि हम जाटव है और वह यादव बस यही वजह है कि वह मुझसे उसकी शादी नहीं कराना चाहते मेरे घर बार में कोई कमी नहीं है पिताजी दरोगा से रिटायर्ड हैं बड़ा भैया प्रिंसिपल है और मैं खुद एक वकील हूं यह है मेरी अभी तक की कहानी आगे की कहानी जब वह मेरे घर आ जाएगी नहीं आएगी तो आधी की कहानी लिखूंगा कहानी रियल है सच्ची है कोई हो सके तो मुझे सुझाव देना कि मैं क्या करूं और मैंने इसमें कुछ गलत लिखा हो तो मुझे माफ करना ।।